महंगाई से शेयर बाजार तक... इकोनॉमी के लिए एक के बाद एक 4 झटके
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देश में आम जनता को महंगाई का दोहरा झटका लगा है. पहले रिटेल महंगाई दर (Retail Inflation) अक्टूबर में उछलक 6.21 फीसदी पर पहुंच गई, तो अब थोक महंगाई दर भी तेजी से बढ़ते हुए 2.36 फीसदी हो गई है.
भारत दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ती अर्थव्यस्था (Indian Economy) के तौर पर उभरा है और इसकी ग्रोथ को IMF से लेकर World Bank तक ने सराहा है. लेकिन इस समय एक ओर जहां विदेशी निवेशक भारतीय बाजारों (Stock Market) से लगातार पैसे निकाल रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर महंगाई भी जोरदार तेजी से बढ़ते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के तय दायरे के पार चल रही है. पहले खुदरा महंगाई के आंकड़े ने हैरान किया, तो इसके बाद अब थोक महंगाई का डाटा भी झटका देने वाला है. आइए इकोनॉमी के लिए ऐसे ही चार बड़े झटकों के बारे में जानते हैं...
पहला झटका- रिटेल महंगाई 6% के पार निकली अक्टूबर के महंगाई के आंकड़े देश में मोदी सरकार के लिए झटका देने वाले आए हैं. दरअसल, आम जनता पर महंगाई का डबल अटैक हुआ है. पहले बात करें रिटेल महंगाई (Retail Inflation) की, तो बीते दिनों सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, ये तेज रफ्तार पकड़ते हुए आरबीआई के तय दायरे के पार निकल गई और 6.21 फीसदी पर पहुंच गई, जो कि इसका 14 महीने का उच्च स्तर है. इससे पहले सितंबर महीने में ये आंकड़ा 5.49 फीसदी रही थी.
दूसरा झटका- थोक महंगाई दर में भी इजाफा रिटेल महंगाई के बाद अब थोक महंगाई दर ने भी झटका देने का काम किया है और इसमें भी जोरदार इजाफा हुआ है. सरकार द्वारा गुरुवार को जारी अक्टूबर महीने में WPI के आंकड़ों को देखें, तो ये सितंबर में 1.84 फीसदी से उछलकर 2.36 फीसदी के लेवल पर पहुंच गई है. इसमें इजाफा दरअसल, खाने-पीने के सामानों, सब्जियों और मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण देखने को मिला है. सरकारी आंकड़े के मुताबिक, अक्टूबर महीने में खाद्य महंगाई दर 13.54 फीसदी हो गई है, जो सितंबर में 11.53 फीसदी थी. ईंधन और एनर्जी पर महंगाई सितंबर में 4.05 फीसदी से बढ़कर 5.79 फीसदी हो गई है.
तीसरा झटका- विदेशी निवेशकों की बेरुखी अब बात करते हैं तीसरे झटके की, तो देश में मोदी 3.0 आने के बाद जहां ताबड़तोड़ तेजी के साथ Sensex-Nifty नए शिखर पर पहुंचे, तो वहीं अब इनमें लगातार गिरावट देखने को मिल रही है और ये सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. विदेशी निवेशकों (FII) की जोरदार निकासी के चलते बाजार संभल नहीं पा रहा है. बीते अक्टूबर महीने में विदेशी निवेशकों ने 94017 करोड़ रुपये निकाले, तो वहीं नवंबर के पहले ही हफ्ते में ही 23,000 करोड़ से ज्यादा की सेलिंग की थी. अकेले बीते कारोबारी दिन बुधवार को ही FII ने 2,502.58 करोड़ रुपये के शेयर बेचे.
बाजार में गिरावट के आंकड़े देखें, तो डेढ़ महीने से ज्यादा समय से बाजार टूटने का सिलसिला जारी है. इस अवधि में Nifty अपने 52 वीक के हाई लेवल 26,277 से करीब 10 फीसदी टूट चुका है. वहीं दूसरी ओर Sensex की अगर बात करें, तो ये अपने ऑल टाइम हाई 85,978 से 8,288 अंक तक गिर गया है. इसके अलावा बीएसई मार्केट कैप जो 27 सितंबर को 477 लाख करोड़ रुपये था, जो 13 नवंबर तक घटकर 430 लाख करोड़ रुपये पर आ चुका है.
चौथा झटका- डॉलर के मुकाबले रुपया टूटा भारतीय शेयर बाजार से विदेशी निवेशकों की लगातार जारी निकासी और अमेरिकी डॉलर (Dollar) की मजबूती के चलते गुरुवार को शुरुआती कारोबार में ही Rupee टूटकर 84.40 प्रति डॉलर पर आ गया. गौरतलब है कि रुपया बीते कारोबारी दिन बुधवार को अपने ऑल टाइम लो-लेवल 84.39 के लेवल पर क्लोज हुआ था.