RBI Repo Rate Hike: जानिए- अब आपके कार और होम लोन की EMI कितनी बढ़ जाएगी?
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करीब दो साल तक रेपो रेट 4 फीसदी पर स्थिर रहा और इस कारण दो साल तक लोगों को सस्ते में कर्ज मिलता रहा. हालांकि महंगाई ने सस्ते कर्ज का दौर समाप्त कर दिया. पहली बार मई में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 0.40 फीसदी बढ़ाकर 4.40 फीसदी किया था. इसके बाद जून की बैठक में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 0.50 फीसदी बढ़ाया. अगस्त में फिर से रेपो रेट को 0.50 फीसदी बढ़ाया गया. इस तरह तीन बार में रेपो रेट को 1.40 फीसदी बढ़ाया जा चुका है.
करीब 4 साल के अंतराल के बाद एक बार फिर से ब्याज दरें बढ़ने (Interest Rate Hike) का दौर लौट आया है. कई साल के उच्च स्तर पर पहुंची महंगाई (Inflation) ने रिजर्व बैंक (RBI) को रेपो रेट बढ़ाने (Repo Rate Hike) पर मजबूर कर दिया है. मई और जून के बाद अगस्त बैठक में भी रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (RBI MPC August 2022 Meet) ने पॉलिसी रेपो रेट को बढ़ाने का निर्णय लिया है. इस तरह पिछले 4 महीने में अब तक रेपो रेट 1.40 फीसदी बढ़कर 5.40 फीसदी हो चुका है. रेपो रेट में शुरू हुई बढ़ोतरी का असर बैंकों, नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFC) और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (HFC) पर भी होने लगा है. पिछले 2-3 महीने के दौरान लगभग सारे बैंक, एनबीएफसी और एचएफसी ब्याज दरें बढ़ा (Interest Rate Hike) चुके हैं. रेपो रेट में ताजी बढ़ोतरी के बाद ब्याज दरें और बढ़ने की आशंका मजबूत हो गई है.
इस कारण बढ़ने लगी ब्याज दरें
कोरोना महामारी के बाद रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) ने अर्थव्यवस्था (Economy) को रफ्तार देने के लिए लगातार रेपो रेट को कम किया था. रेपो रेट कम होने लगा तो बैंकों ने भी ब्याज दरें कम की थी. इस तरह ब्याज दरें कई दशक के सबसे निचले स्तर पर आ गई थीं. करीब दो साल तक रेपो रेट 4 फीसदी पर स्थिर रहा और इस कारण दो साल तक लोगों को सस्ते में कर्ज मिलता रहा. हालांकि महंगाई ने सस्ते कर्ज का दौर समाप्त कर दिया. पहली बार मई में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 0.40 फीसदी बढ़ाकर 4.40 फीसदी किया था. इसके बाद जून की बैठक में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 0.50 फीसदी बढ़ाया. अगस्त में फिर से रेपो रेट को 0.50 फीसदी बढ़ाया गया. इस तरह तीन बार में रेपो रेट को 1.40 फीसदी बढ़ाया जा चुका है.
इतनी बढ़ेगी होम लोन की ईएमआई
अभी तक के हाइक के देखें तो रेपो रेट 1.40 फीसदी बढ़ा है. बैंक भी इसी अनुपात में लोन की ब्याज दरें बढ़ा रहे हैं. अब इस बार रेपो रेट 0.50 फीसदी बढ़ा है तो बैंकों की ब्याज दरें भी इसी अनुपात में बढ़ेंगी. अब मान लीजिए कि आपने 20 साल के लिए 30 लाख रुपये का होम लोन (Home Loan) लिया हुआ है. अगर रेपो रेट की तर्ज पर आपके बैंक ने भी ब्याज को बढ़ाया तो इसकी दर 7.55 फीसदी से बढ़कर 8.05 फीसदी हो जाएगी. इससे आपकी ईएमआई (EMI) 24,260 रुपये से बढ़कर 25,187 रुपये हो जाएगी. इसका मतलब हुआ कि आपकी ईएमआई हर महीने 927 रुपये बढ़ जाएगी. यानी लोन के हर एक लाख रुपये के लिए ईएमआई करीब 31 रुपये बढ़ेगी. इसी तरह 40 लाख रुपये के लोन पर EMI 32,346 रुपये से बढ़कर 33,582 हो जाएगी, यानी हर महीने 1,236 रुपये का बोझ बढ़ेगा. अगर 50 लाख रुपये के होम लोन की बात करें तो अब 40,433 रुपये की जगह 41,978 की EMI चुकानी होगी, यानी हर महीने 1,545 रुपये ज्यादा देने होंगे.
कार लोन पर होगा इतना असर
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