
Pakistan Team Ball Tampering: जब बॉल टेम्परिंग के आरोपों से बौखला गई पाकिस्तान टीम, भुगतना पड़ा ये खामियाजा
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टेस्ट क्रिकेट के सालों पुराने इतिहास में कई रोमांचक मुकाबले देखने को मिले हैं. मगर एक मौका ऐसा भी आया जब किसी टीम ने मैच इसलिए जीता क्योंकि विरोधी टीम ने मैदान पर उतरने से मना कर दिया. यह वाकया 2006 में इंग्लैंड और पाकिस्तान के बीच लंदन के ओवल मैदान पर हुआ था.
क्रिकेट के सबसे बड़े फॉर्मेट टेस्ट मैच का अपना अलग महत्व है. टेस्ट क्रिकेट को ही असली क्रिकेट माना जाता है और इसमें बल्लेबाजों के साथ-साथ गेंदबाजों की भी परीक्षा होती है. कभी-कभी टेस्ट मैच में नतीजा 2 दिन में ही निकल जाता है. मगर कभी-कभी पांच दिन समाप्त होने पर रिजल्ट नहीं निकल पाता. देखा जाए तो टेस्ट क्रिकेट के 147 सालों के इतिहास में कई रोमांचक मुकाबले देखने को मिले हैं. मगर एक मौका ऐसा भी आया जब किसी टीम ने टेस्ट मैच इसलिए जीता क्योंकि प्रतिद्वंद्वी टीम ने मैदान पर उतरने से ही मना कर दिया.
पाकिस्तान-इंग्लैंड मैच में हुआ था पूरा बवाल
यह वाकया साल 2006 में इंग्लैंड और पाकिस्तान के बीच लंदन के ओवल मैदान पर हुआ था, जो दोनों देशों के बीच चार मैचों की सीरीज का आखिरी टेस्ट था. दोनों देशों के बीच तब सीरीज का पहला टेस्ट मैच बिना किसी नतीजे के खत्म हो गया था, जबकि मेजबान इंग्लैंड ने अगले दो टेस्ट मैच जीते. इसके बाद चौथे टेस्ट मैच में पाकिस्तान ने दबदबा बनाया और वह सीरीज में अपनी पहली जीत दर्ज करने के लिए काफी अच्छी पोजीशन में था. लेकिन फिर इंजमाम उल हक की अगुवाई वाली पाकिस्तान टीम पर बॉल टेम्परिंग का आरोप लगा. इसके बाद जो हुआ वो इतिहास बन गया. आइए जानते हैं इस पूरी कहानी को...
उस टेस्ट मैच की शुरुआत 17 अगस्त को हुई और खेल के चौथे दिन यानी 20 अगस्त 2006 को पूरा बवाल हुआ. मुकाबले में पाकिस्तानी कप्तान इंजमाम उल हक ने टॉस जीतकर गेंदबाजी करने का फैसला किया. पाकिस्तानी गेंदबाजों ने अपने कप्तान के फैसले को सही साबित किया और इंग्लैंड की पहली पारी को 53.2 ओवरों में 173 रनों पर समेट दिया. उमर गुल (4/46) और मोहम्मद आसिफ (4/56) ने मेहमान टीम के लिए शानदार गेंदबाजी की. फिर पाकिस्तान टीम ने अपनी पहली पारी में 504 रन बनाए और उसे 331 रनों की लीड मिली. पाकिस्तान के लिए मोहम्मद यूसुफ ने 128 रनों की पारी खेली, जबकि ओपनर्स मोहम्मद हफीज (95) और इमरान फरहत (91) नर्वस नाइंटीज के शिकार हुए.
पहली पारी के आधार पर बड़े अंतर से पिछड़ने के बाद इंग्लिश टीम ने मैच में वापसी की कोशिश की. हालांकि इंग्लैंड ने अपनी दूसरी पारी के दौरान तीसरे ओवर में ही मार्कस ट्रेस्कोथिक (4) का विकेट गंवा दिया. लेकिन कप्तान एंड्रूयू स्ट्रॉस (54) और एलिस्टर कुक (83) क्रीज पर जम गए और 107 रनों की पार्टनरशिप की. उसके बाद तीसरे विकेट के लिए कुक और केविन पीटरसन के बीच 103 रनों की साझेदारी हुई. यहां इंग्लैंड की टीम बहुत ही अच्छी वापसी करती दिख रही थी. मगर कुक-पीटरसन की शतकीय पार्टनरशिप को तेज गेंदबाज उमर गुल ने तोड़ दिया.
इंग्लैंड की पारी के 52वें ओवर में गुल की स्विंग होती गेंद पर कुक एलबीडब्ल्यू आउट हो गए. कुक के बाद पॉल कॉलिंगवुड क्रीज पर आए और उन्होंने केविन पीटरसन संग पारी को आगे बढ़ाया. इंग्लैंड की इस दूसरी पारी में 56वें ओवर तक सबकुछ सही चल रहा था. लेकिन 56वें ओवर के बाद मैदानी अंपयार डेरेल हेयर और बिली डॉक्ट्रोव बीच बातचीत होती है. हेयर गेंद की कंडीशन से बिल्कुल खुश नहीं दिखते हैं और वो साथी अंपायर डोक्ट्रोव को गेंद के खास हिस्से को बार-बार दिखा रहे थे. इसके बाद फोर्थ अंपयार ट्रेवर जेस्टी बॉक्स लेकर आए, जिसमें कई गेंदें थीं.

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