OPINION| 'कमजोर' हो गई टीम इंडिया, वर्कलोड के नाम पर 'फेरबदल' बना रहा खोखला
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टीम इंडिया उस दौर से गुजर रही है, जहां टीम में स्थिरता नहीं है. राहुल द्रविड़ की कोचिंग में भारतीय टीम के साथ ढेरों प्रयोग किए गए... पर आखिर में ऐसा कुछ नहीं हो पाया जो उदाहरण बनकर सामने आता और टीम इंडिया प्रबंधन प्रशंसकों के निशाने पर आ गया. वर्कलोड मैनेजमेंट के नाम पर खिलाड़ियों को आराम देना टीम के लिए घातक साबित हुआ.
ऑस्ट्रेलिया में खेले गए टी20 वर्ल्ड कप-2022 में मिली नाकामी के बाद भारतीय टीम न्यूजीलैंड रवाना हो गई थी, जहां टी20 सीरीज के बाद अब वनडे सीरीज के मुकाबले जारी हैं. वहां टीम ने तो टी20 सरीज जीत ली, पर वनडे सीरीज का पहला मुकाबला गंवा दिया है. शुक्रवार को ऑकलैंड में 307 रनों का लक्ष्य देने के बावजूद भारतीय टीम को 17 गेंदें शेष रहते 7 विकेट से हार मिली. केएल राहुल, विराट कोहली जैसे खिलाड़ियों के अलावा कप्तान रोहित शर्मा को कीवियों के खिलाफ चल रहे सफेद गेंद के मैचों के लिए आराम दिया गया है. तीनों खिलाड़ी दिसंबर में बांग्लादेश दौरे के दौरान एक्शन में लौटेंगे, जहां टीम इंडिया तीन वनडे और दो टेस्ट खेलेगी.
टीम में फेरबदल का सिलसिला थम नहीं रहा...
भारतीय टीम में फेरबदल का सिलसिला थम नहीं रहा. न्यूजीलैंड के खिलाफ मौजूदा वनडे सीरीज में युजवेंद्र चहल, उमरान मलिक, संजू सैमसन, सूर्यकुमार यादव, शुभमन गिल जैसे खिलाड़ी तो शामिल हैं, लेकिन यही खिलाड़ी बांग्लादेश के खिलाफ वनडे सीरीज का हिस्सा नहीं होंगे. यानी खिलाड़ियों को अपने प्रदर्शन को सुधारने के अलावा निरंतरता बनाए रखने के लिए लगातार मौके नहीं मिलेंगे. लगातार अंदर-बाहर होने के चलते खिलाड़ियों पर अतिरिक्त दबाव पड़ना स्वाभाविक है.
घातक तो नहीं 'वर्कलोड मैनेजमेंट' वाला फॉर्मूला?
जाहिर है खिलाड़ियों की यह अदला-बदली वर्कलोड मैनेजमेंट (कार्यभार प्रबंधन) के नाम पर की जा रही है. लेकिन यह भी सच है कि अगर भारतीय टीम प्रबंधन का वर्ल्ड कप जैसे बड़े टूर्नामेंट जीतने का इरादा है तो उसे अपने कार्यभार प्रबंधन पर विचार करना होगा. प्रमुख खिलाड़ियों के अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में न खेलने पर कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए. ड्रेसिंग रूम की एकजुटता और ऊर्जा बनाए रखने के लिए उन सभी खिलाड़ियों का लगातार साथ होना जरूरी है, जो टीम इंडिया की संभावनाओं से जुड़े हैं. एक के बाद एक सभी को मौके देने के नाम पर 'वर्कलोड मैनेजमेंट' वाला फॉर्मूला घातक साबित होता रहेगा.
टी20 वर्ल्ड कप में भुगतना पड़ा खामियाजा
IND vs AUS Test Series: भारतीय टीम इस समय ऑस्ट्रेलिया दौरे पर है, जहां उसे बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के तहत 5 मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी है. पहला मुकाबला कल (22 नवंबर) से पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में खेला जाएगा. मुकाबला भारतीय समयानुसार सुबह 7.50 बजे से शुरू होगा. इस टेस्ट सीरीज में विराट कोहली से दमदार खेल की आस है.
Pat Cummins on Perth Test: 22 नवंबर से शुरू होने वाले पर्थ टेस्ट से पहले ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस ने कहा कि भारत के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी जोरदार होने वाली है, इस दौरान उन्होंने माना कि उनकी टीम भारत की तुलना में ज्यादा प्रेशर में है. वहीं उन्होंने अपनी टीम के साथियों को सलाह दी कि वो नकल ना करें, जानें कमिंस की प्रेस कॉन्फ्रेंस की खास बातें.
IND vs AUS, Perth Pitch Report: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 5 मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मुकाबला कल से पर्थ में खेला जाएगा. मैच भारतीय समयानुसार सुबह 7.50 बजे से शुरू होगा. मैच से पहले पर्थ में जमकर बारिश हुई, जिस कारण पिच तैयार करने में क्यूरेटर को काफी मशक्कत करनी पड़ी. पिच क्यूरेटर की मानें तो ऑप्टस में पारंपरिक पिच देखने को नहीं मिलेगी.
IND vs AUS 1st Test, Perth Weather Forecast: भारतीय टीम और ऑस्ट्रेलिया के बीच 5 मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मुकाबला 22 नवंबर से पर्थ में खेला जाएगा. मगर पर्थ में इस समय बेमौसम बारिश हो रही है, जिसके कारण पिच तैयार करने में भी परेशानी हो रही है. वाका के मुख्य क्यूरेटर इसाक मैकडोनाल्ड ने इस मामले में जानकारी दी है.
2021 के बाद से ऑस्ट्रेलिया की टीम में काफी बदलाव आए हैं. कप्तान बदलने के साथ-साथ टीम के खिलाड़ियों की भी फॉर्म लौट आई है. ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज शायद भारत की कमजोर गेंदबाजी के सामने रन बटोरने में सक्षम हो सकते हैं. हम आपको बताएंगे कि ऐसे कौन पांच बल्लेबाज हैं, जिनसे भारतीय टीम के गेंदबाजों को खतरा हो सकता है.
Virat Kohli, IND vs AUS Test: भारतीय टेस्ट टीम इस समय ऑस्ट्रेलिया दौरे पर है, जहां उसे बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के तहत 5 मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी है. सीरीज का पहला मुकाबला 22 नवंबर से पर्थ में खेला जाएगा. इससे पहले ही ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज विकेटकीपर इयान हीली और शेन वॉट्सन समेत कई दिग्गज अपने गेंदबाजों को कोहली को आउट करने की सलाह देने लगे और अलग-अलग प्लान बताने लगे हैं.