Omicron in Delhi: बंदिशें शुरू... मेट्रो स्टेशनों पर लंबी कतारें, परेशान यात्री बोले- बंद ही कर दो...
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Delhi Metro : दिल्ली के विभिन्न मेट्रो स्टेशनों के बाहर बुधवार सुबह एक जैसा ही हाल दिखाई दिया. स्टेशन के बाहर लंबी-लंबी कतारें देखने को मिलीं. दफ्तर जा रहे लोगों को लाइनों में घंटेभर से ज्यादा समय तक खड़ा रहना पड़ा. इससे उन्हें दफ्तर पहुंचने में तो देरी हुई ही, साथ ही कई और तरह की परेशानियों से दो-चार होना पड़ा.
Delhi Metro Today News: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron Variant) के खतरे को देखते हुए येलो अलर्ट (Delhi Yellow Alert) लागू कर दिया गया, जिसके बाद मेट्रो समेत अन्य सेवाओं पर कई तरह के प्रतिबंध लग गए. दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro Guidelines) में कुल क्षमता से 50 फीसदी यात्रियों को सवारी करने की अनुमति दी गई है, जबकि कोई भी यात्री खड़े होकर यात्रा नहीं कर सकेगा. मेट्रो में सीमित यात्री संख्या के बाद स्टेशनों के बाहर लंबी कतारें लग गईं. मालूम हो कि दिल्ली-एनसीआर में काम करने वाले बड़ी संख्या में यात्री मेट्रो सेवा का इस्तेमाल करते हैं. Long queues outside Delhi Metro's Shaheed Sthal (New Bus Adda) station in Ghaziabad, Uttar Pradesh as DMRC operates with 50% seating capacity and no standing passengers pic.twitter.com/0E1tJz4ZIS
महाराष्ट्र के ठाणे में एक बच्ची का शव मिलने के बाद लोग आक्रोशित हो गए. दरअसल उल्हासनगर इलाके में तीन दिनों पहले एक बच्ची लापता हो गई थी जिसके बाद परिजनों ने थाने में गायब होने की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी. इसी के बाद गुरुवार को उसका शव हिल लाइन पुलिस स्टेशन से कुछ दूरी पर मिला जिसे देखकर स्थानीय लोग भड़क गए.
गौतम अडानी पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिका के निवेशकों के पैसे से भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी और ये रिश्वत भी उन प्रोजेक्ट्स के लिए दी गई, जिससे 20 वर्षों में अडानी ग्रुप की एक कम्पनी को 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर्स यानी भारतीय रुपयों में लगभग 16 हज़ार 881 करोड़ रुपये का मुनाफा होने का अनुमान है. आरोप है कि इस मुनाफे के लिए साल 2021 से 2022 के बीच आंध्र प्रदेश, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ की सरकारों को लगभग 2200 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई.
गौतम अडानी एक बार फिर चर्चा में हैं क्योंकि उन पर सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के ठेके पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को करोड़ों रुपये की रिश्वत देने का आरोप है. इस मामले पर NSUI ने भी प्रदर्शन किया है. इस मुद्दे ने राजनीतिक और व्यावसायिक जगत में खलबली मचा दी है, जिसमें भ्रष्टाचार और व्यापारिक नैतिकता के सवाल शामिल हैं.