Newswrap: पढ़ें रविवार शाम की 5 बड़ी खबरें
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कोरोना टीकों के संकट के बीच देसी वैक्सीन कंपनी जायडस कैडिला का ट्रायल लगभग पूरा हो गया है. अगले कुछ महीनों में इसे बच्चों को लगाया जाना शुरू भी किया जा सकता है. पढ़ें रविवार शाम की 5 बड़ी खबरें.
जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर पांच मिनट के अंतराल पर हुए दो धमाकों से हड़कंप मच गया. इन धमाकों में दो इंडियन एयरफोर्स के जवान घायल हुए हैं, लेकिन उनकी हालत खतरे से बाहर है. कोरोना टीकों की किल्लत के बीच देसी वैक्सीन कंपनी जायडस कैडिला का ट्रायल लगभग पूरा हो गया है. अगले कुछ महीनों में इसे बच्चों को लगाया जाना शुरू भी किया जा सकता है. उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने भी कमर कसनी शुरू कर दी है. पढ़ें रविवार शाम की 5 बड़ी खबरें.NCP के प्रवक्ता महेश चव्हाण ने हाल ही में EVM पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति EVM पर संदेह नहीं कर रहा है, तो वो राजनीति छोड़ देंगे. उन्होंने इस मुद्दे पर राजनीतिक विश्लेषक आशुतोष से चर्चा करते हुए EVM के हैक होने की संभावना को लेकर भी बातें कीं. आशुतोष ने इस संबंध में महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किए. EVM की सुरक्षा और पारदर्शिता पर इस चर्चा से राजनीतिक गलियारों में नई हलचल देखने को मिल रही है.
हिंदू सेना के विष्णु गुप्ता ने अजमेर में ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को हिंदू पूजा स्थल होने की याचिका कोर्ट में दायर की थी. याचिका पर बुधवार को अजमेर पश्चिम सिविल जज सीनियर डिविजन मनमोहन चंदेल की कोर्ट ने सुनवाई की. इस दौरान वादी विष्णु गुप्ता के वाद पर न्यायाधीश मनमोहन चंदेल ने संज्ञान लेते हुए दरगाह कमेटी ,अल्पसंख्यक मामलात व एएसआई को समन नोटिस जारी करने के निर्देश दिए.
कुछ तो मजबूरियां रही होंगी , वरना एकनाथ शिंदे यूं ही नहीं छोड़ने वाले थे महाराष्ट्र के सीएम की कुर्सी का मोह. जिस तरह एकनाथ शिंदे ने सीएम पद के लिए अचानक आज सरेंडर किया वह यू्ं ही नहीं है. उसके पीछे उनकी 3 राजनीतिक मजबूरियां तो स्पष्ट दिखाई देती हैं. यह अच्छा है कि समय रहते ही उन्होंने अपना भविष्य देख लिया.
उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) सरकार ने कार्यालय में 45 दिन पूरे कर लिए हैं, मुख्यमंत्री, मंत्री अभी भी अपने अधिकार, विभिन्न विभागों के कामकाज के संचालन के लिए निर्णय लेने की शक्तियों से अनभिज्ञ हैं, शासन की संरचना पर स्पष्टता लाने के लिए, गृह मंत्रालय जल्द ही जम्मू-कश्मीर में निर्वाचित सरकार की शक्तियों को परिभाषित करेगा.