NewsWrap: पढ़ें मंगलवार सुबह की 5 बड़ी खबरें
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दिल्ली से लेकर राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र तक, प्रवासी मजदूर घर जाने को बेकरार नजर आ रहे हैं. वहीं, जॉनसन एंड जॉनसन ने अपनी कोरोना वैक्सीन के भारत में तीसरे चरण के ट्रायल के लिए इजाजत मांगी है. डीआरडीओ ने पूरक ऑक्सीजन वितरण प्रणाली तैयार किया है.
कोरोना के कारण बिगड़ते हालात के बीच दिल्ली में लॉकडाउन लागू होने के बाद प्रवासी मजदूर बड़ी संख्या में घर लौटने के लिए सड़कों पर निकल पड़े हैं. दिल्ली से लेकर राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र तक, प्रवासी मजदूर घर जाने को बेकरार नजर आ रहे हैं. वहीं, जॉनसन एंड जॉनसन ने अपनी कोरोना वैक्सीन के भारत में तीसरे चरण के ट्रायल के लिए इजाजत मांगी है. डीआरडीओ ने पूरक ऑक्सीजन वितरण प्रणाली तैयार किया है. आईपीएल में चेन्नई सुपरकिंग्स ने राजस्थान रॉयल्स को 45 रन से हरा दिया है. 1- तालाबंदी का खौफ: दिल्ली से राजस्थान, महाराष्ट्र तक एक ही नजारा, सड़कों पर आया प्रवासी मजदूरों का सैलाब कोरोना वायरस की जारी बेकाबू रफ्तार ने देश में एक बार फिर पिछले साल जैसे हालात बना दिए हैं. हर रोज ढाई लाख के करीब नए केस आ रहे हैं, जिसकी वजह से अस्पतालों में बेड्स की कमी है, ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है, कहीं टेस्ट नहीं हो रहे हैं. इस महासंकट की रफ्तार को रोकने के लिए कई राज्य सरकारों ने अपने यहां लॉकडाउन समेत कई पाबंदियां लगा दी हैं. 2021 की इस तालाबंदी ने फिर सड़कों पर उसी नज़ारे को फिर से जिंदा कर दिया है, जहां लाखों की संख्या में मजदूर घर वापसी के लिए निकल पड़े हैं. दिल्ली हो या राजस्थान या फिर गुजरात और महाराष्ट्र हर तरफ से एक ही तरह की तस्वीरें सामने आ रही हैं. जहां हजारों की संख्या में मजदूरों की भीड़ अपने घर वापस जाने को बेकरार है.NCP के प्रवक्ता महेश चव्हाण ने हाल ही में EVM पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति EVM पर संदेह नहीं कर रहा है, तो वो राजनीति छोड़ देंगे. उन्होंने इस मुद्दे पर राजनीतिक विश्लेषक आशुतोष से चर्चा करते हुए EVM के हैक होने की संभावना को लेकर भी बातें कीं. आशुतोष ने इस संबंध में महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किए. EVM की सुरक्षा और पारदर्शिता पर इस चर्चा से राजनीतिक गलियारों में नई हलचल देखने को मिल रही है.
हिंदू सेना के विष्णु गुप्ता ने अजमेर में ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को हिंदू पूजा स्थल होने की याचिका कोर्ट में दायर की थी. याचिका पर बुधवार को अजमेर पश्चिम सिविल जज सीनियर डिविजन मनमोहन चंदेल की कोर्ट ने सुनवाई की. इस दौरान वादी विष्णु गुप्ता के वाद पर न्यायाधीश मनमोहन चंदेल ने संज्ञान लेते हुए दरगाह कमेटी ,अल्पसंख्यक मामलात व एएसआई को समन नोटिस जारी करने के निर्देश दिए.
कुछ तो मजबूरियां रही होंगी , वरना एकनाथ शिंदे यूं ही नहीं छोड़ने वाले थे महाराष्ट्र के सीएम की कुर्सी का मोह. जिस तरह एकनाथ शिंदे ने सीएम पद के लिए अचानक आज सरेंडर किया वह यू्ं ही नहीं है. उसके पीछे उनकी 3 राजनीतिक मजबूरियां तो स्पष्ट दिखाई देती हैं. यह अच्छा है कि समय रहते ही उन्होंने अपना भविष्य देख लिया.
उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) सरकार ने कार्यालय में 45 दिन पूरे कर लिए हैं, मुख्यमंत्री, मंत्री अभी भी अपने अधिकार, विभिन्न विभागों के कामकाज के संचालन के लिए निर्णय लेने की शक्तियों से अनभिज्ञ हैं, शासन की संरचना पर स्पष्टता लाने के लिए, गृह मंत्रालय जल्द ही जम्मू-कश्मीर में निर्वाचित सरकार की शक्तियों को परिभाषित करेगा.