NEWSWRAP- पढ़ें, बुधवार शाम की 5 बड़ी खबरें
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बिहार की लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) की पर्दे के पीछे की लड़ाई अब खुलकर सामने आ गई है. बुधवार को चिराग पासवान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि यह लड़ाई लंबी चलेगी और कानूनी तौर पर इस लड़ाई को लड़ा जाएगा.
1- ट्विटर केस: रविशंकर बोले- हम इस मामले में हैं ही नहीं, नए नियम यूजर्स को मजबूत बनाने के लिए भारत के नई आईटी नियमों का पालन नहीं करना ट्विटर को भारी पड़ गया है.इस मामले पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रतिक्रिया दी है. इंडिया टुडे से बातचीत में उन्होंने कहा कि टिकटॉक और अन्य ऐप को भी देश की सुरक्षा के मद्देनजर बैन किया गया था. ट्विटर को लेकर हमारे पास अथॉरिटी नहीं है उनका जो कुछ होता है अमेरिका से होता है. ट्विटर की मौजूदा व्यावस्था ऐसी है. 2- बुजुर्ग की पिटाई और दाढ़ी काटने के वीडियो पर क्यों मचा बवाल, जानिए गाजियाबाद की घटना की पूरी कहानी हाल ही में यूपी के गाजियाबाद से एक वीडियो जमकर वायरल हुआ. वीडियो में कुछ लोग एक बुजुर्ग शख्स को बेरहमी से पीटते दिख रहे हैं. यही नहीं, एक युवक उस बुजुर्ग की दाढ़ी को कैंची से काटता हुआ दिखाई दे रहा है. युवक उस बुगुर्ज को मारते पीटते जा रहे हैं. वो रहम की भीख मांग रहा है. लेकिन आरोपी कुछ नहीं सुन रहे हैं. इस वीडियो को लेकर अब सियासत भी होने लगी है.NCP के प्रवक्ता महेश चव्हाण ने हाल ही में EVM पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति EVM पर संदेह नहीं कर रहा है, तो वो राजनीति छोड़ देंगे. उन्होंने इस मुद्दे पर राजनीतिक विश्लेषक आशुतोष से चर्चा करते हुए EVM के हैक होने की संभावना को लेकर भी बातें कीं. आशुतोष ने इस संबंध में महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किए. EVM की सुरक्षा और पारदर्शिता पर इस चर्चा से राजनीतिक गलियारों में नई हलचल देखने को मिल रही है.
हिंदू सेना के विष्णु गुप्ता ने अजमेर में ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को हिंदू पूजा स्थल होने की याचिका कोर्ट में दायर की थी. याचिका पर बुधवार को अजमेर पश्चिम सिविल जज सीनियर डिविजन मनमोहन चंदेल की कोर्ट ने सुनवाई की. इस दौरान वादी विष्णु गुप्ता के वाद पर न्यायाधीश मनमोहन चंदेल ने संज्ञान लेते हुए दरगाह कमेटी ,अल्पसंख्यक मामलात व एएसआई को समन नोटिस जारी करने के निर्देश दिए.
कुछ तो मजबूरियां रही होंगी , वरना एकनाथ शिंदे यूं ही नहीं छोड़ने वाले थे महाराष्ट्र के सीएम की कुर्सी का मोह. जिस तरह एकनाथ शिंदे ने सीएम पद के लिए अचानक आज सरेंडर किया वह यू्ं ही नहीं है. उसके पीछे उनकी 3 राजनीतिक मजबूरियां तो स्पष्ट दिखाई देती हैं. यह अच्छा है कि समय रहते ही उन्होंने अपना भविष्य देख लिया.
उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) सरकार ने कार्यालय में 45 दिन पूरे कर लिए हैं, मुख्यमंत्री, मंत्री अभी भी अपने अधिकार, विभिन्न विभागों के कामकाज के संचालन के लिए निर्णय लेने की शक्तियों से अनभिज्ञ हैं, शासन की संरचना पर स्पष्टता लाने के लिए, गृह मंत्रालय जल्द ही जम्मू-कश्मीर में निर्वाचित सरकार की शक्तियों को परिभाषित करेगा.