Nasdaq Composite: तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा US का ये दफ्तर, इसी का था इंतजार
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दुनिया भर के सेंट्रल बैंक रिकॉर्ड महंगाई के चलते ब्याज दर बढ़ाने की राह पर लौट आए हैं. दूसरी ओर रूस और यूक्रेन के बीच महीने भर से छिड़ी लड़ाई भी स्टॉक मार्केट पर बुरा असर डाल रही है.
दुनिया भर के शेयर बाजार (Share Market) पिछले कुछ महीने से गिरावट के शिकार बने हुए हैं. रूस-यूक्रेन की लड़ाई (Russia-Ukraine War) , रिकॉर्ड महंगाई (Inflation), ब्याज दर (Interest Rate) जैसे कई फैक्टर बाजार पर असर डाल रहे हैं. हाल के दिनों में आईटी और टेक सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. इसे Nasdaq की चाल से साफ समझा जा सकता है. हालांकि इस सप्ताह टेक स्टॉक बेस्ड इंडेक्स की चाल ऐसी पलटी कि लोग तालियां बजाने लग गए.
कल जब अमेरिकी शेयर बाजार (US Share Market) बंद हुए तो अच्छी बढ़त में रहे. टेक स्टॉक्स वाले इंडेक्स Nasdaq में मंगलवार को 2 फीसदी की तेजी आई. इंडेक्स को एप्पल (Apple), माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft), अमेजन (Amazon), अल्फाबेट (Alphabet) और टेस्ला (Tesla) जैसी कंपनियों के शेयरों से जरूरी सपोर्ट मिला. इनके अच्छे परफॉर्मेंस ने S&P 500 टेक्नोलॉजी इंडेक्स को भी 1.4 फीसदी चढ़ा दिया. हालांकि इस सप्ताह भले ही S&P 500 टेक्नोलॉजी इंडेक्स की चाल सुधरी हो, तिमाही के आधार पर अभी भी यह 10 फीसदी गिरा हुआ है.
अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) के चेयरमैन जेरोम पॉवेल (Jerome Powell) ने सोमवार को कहा था कि केंद्रीय बैंकों को तेजी से ब्याज दर बढ़ाना ही होगा. उनसे पूछा गया था कि फेडरल रिजर्व की मई में होने वाली अगली बैठक में कौन से फैक्टर रेट बढ़ाने से रोक सकते हैं. पॉवेल ने इसके जवाब में कहा कि फेडरल रिजर्व को ऐसा करने से कुछ भी नहीं रोक सकता है. इसके पहले फेड रिजर्व ने लास्ट बैठक में लंबे समय बाद ब्याज दर बढ़ाने का ऐलान किया. अमेरिका में अभी महंगाई 40 साल से ज्यादा के उच्च स्तर पर है. इस कारण फेडरल रिजर्व के पास ब्याज दर बढ़ाने के अलावा और कोई चारा नहीं बचा है.
इससे पहले आईटी और टेक कंपनियों के शेयरों ऐसी बिकवाली हो रही थी कि फेसबुक को टॉप10 कंपनियों की लिस्ट से बाहर होना पड़ गया. एक समय Meta Platforms का एमकैप 01 ट्रिलियन डॉलर के पार निकल चुका था और यह दुनिया की छठी सबसे मूल्यवान कंपनी हुआ करती थी. शेयरों में हुई जमकर बिकवाली के बाद इसका एमकैप गिरकर एक समय 550 बिलियन डॉलर के आस-पास आ गया था. अभी टेक सेक्टर की एप्पल (Apple) ही दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है. इसके बाद भी इसी सेक्टर की माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) का नंबर आता है.
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