MP: CM शिवराज को कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने भेजा 10 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस
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सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण को लेकर जो फैसला आया, उसके बाद से ही भाजपा नेता विवेक तन्खा और कांग्रेस पर हमलावर हैं. सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनावों में ओबीसी आरक्षण पर रोक लगा दी है.
मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण को लेकर छिड़ी जंग के बीच अब कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और मंत्री भूपेंद्र सिंह को 10 करोड़ रुपये का मानहानि का नोटिस भेजा है. मेने अधिवक्ता शशांक शेखरजी के द्वारा10करोड़ का मानहानि,अन्य सिविल, क्रिमनल कार्यवाही का नोटिस श्री शिवराजसिंह,श्री विष्णुदत्त शर्मा,श्री भूपेंद्रसिंह को भेजा है। यदि3दिवस में ये स्थिति स्पष्ट नही करते तो उनके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जावेगी।
NCP के प्रवक्ता महेश चव्हाण ने हाल ही में EVM पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति EVM पर संदेह नहीं कर रहा है, तो वो राजनीति छोड़ देंगे. उन्होंने इस मुद्दे पर राजनीतिक विश्लेषक आशुतोष से चर्चा करते हुए EVM के हैक होने की संभावना को लेकर भी बातें कीं. आशुतोष ने इस संबंध में महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किए. EVM की सुरक्षा और पारदर्शिता पर इस चर्चा से राजनीतिक गलियारों में नई हलचल देखने को मिल रही है.
हिंदू सेना के विष्णु गुप्ता ने अजमेर में ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को हिंदू पूजा स्थल होने की याचिका कोर्ट में दायर की थी. याचिका पर बुधवार को अजमेर पश्चिम सिविल जज सीनियर डिविजन मनमोहन चंदेल की कोर्ट ने सुनवाई की. इस दौरान वादी विष्णु गुप्ता के वाद पर न्यायाधीश मनमोहन चंदेल ने संज्ञान लेते हुए दरगाह कमेटी ,अल्पसंख्यक मामलात व एएसआई को समन नोटिस जारी करने के निर्देश दिए.
कुछ तो मजबूरियां रही होंगी , वरना एकनाथ शिंदे यूं ही नहीं छोड़ने वाले थे महाराष्ट्र के सीएम की कुर्सी का मोह. जिस तरह एकनाथ शिंदे ने सीएम पद के लिए अचानक आज सरेंडर किया वह यू्ं ही नहीं है. उसके पीछे उनकी 3 राजनीतिक मजबूरियां तो स्पष्ट दिखाई देती हैं. यह अच्छा है कि समय रहते ही उन्होंने अपना भविष्य देख लिया.
उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) सरकार ने कार्यालय में 45 दिन पूरे कर लिए हैं, मुख्यमंत्री, मंत्री अभी भी अपने अधिकार, विभिन्न विभागों के कामकाज के संचालन के लिए निर्णय लेने की शक्तियों से अनभिज्ञ हैं, शासन की संरचना पर स्पष्टता लाने के लिए, गृह मंत्रालय जल्द ही जम्मू-कश्मीर में निर्वाचित सरकार की शक्तियों को परिभाषित करेगा.