IPL Media Rights Auction: व्यूवरशिप की जंग में डिजिटल ने दी टीवी को मात, 44075 करोड़ की बोली के मायने क्या?
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आईपीएल मैचों के प्रसारण के इतने महंगे राइट्स ख़रीदने के बाद ये प्लेटफ़ॉर्म रिकवरी और मुनाफ़ा कैसे कमाते हैं? जवाब है - विज्ञापन. आईपीएल एक पूरे ईकोसिस्टम को चलाता है जिसमें विज्ञापन बनाने वाली तमाम कम्पनियां भी शामिल होती हैं. एक मैच से दसियों दुकानें चल रही होती हैं. सीज़न-दर-सीज़न आईपीएल मैचों के दौरान दिखाए जाने वाले विज्ञापनों के रेट में बढ़ोतरी की जा रही है.
आईपीएल. 2008 जो सबसे पहला प्रोमो बना उसमें इसे 'धरती पर कर्मयुद्ध' बताया गया. 15 सीज़न बाद ये भारतीय क्रिकेट बोर्ड की सबसे दुधारू गाय बन गया है. इस वाक्य में विश्वास और गहरा हो जाता है जब अगले 5 सीज़न के प्रसारण के अधिकार के लिये चालू बोलियों पर नज़र पड़ती है. अभी तक की आयी ख़बरों के अनुसार बीसीसीआई को टीवी और डिजिटल प्रसारण से 44 हज़ार 075 करोड़ रुपये से ज़्यादा की कमाई होगी. इस आर्टिकल के लिखे जाने तक दो केटेगरी - सी और डी की बोलियों के ढक्कन खुलने बाक़ी हैं. पहली दो केटेगरी के अनुसार प्रति मैच बीसीसीआई को 107.5 करोड़ रुपये मिलेंगे. यहां दोहरा दिया जाए कि अभी दो केटेगरी से मिलने वाली रकम के बारे में पता चलना बचा है. इस तरह से खेलों के प्रसारण के मामले में आईपीएल के मैच सिर्फ़ अमरीकी फ़ुटबॉल के एनएफ़एल से पीछे हैं.
अभी तक जितने भी आंकड़े दिए गए, ये बताते हैं कि आईपीएल एक बहुत बड़ा ब्रांड बन चुका है और फ़िलहाल इसको पकड़ता हुआ कोई नहीं दिख रहा. लेकिन बीते सीज़न में जिस तरह से आईपीएल देखे जाने से जुड़े आंकड़ों में गिरावट आयी, वो सभी को विचलित कर रही थी. मसलन 2022 सीज़न के पहले हफ़्ते में आईपीएल को टीवी पर 22 करोड़ 90 लाख की व्यूवरशिप मिली जबकि बीते साल ये आंकड़ा 26 करोड़ 70 लाख था. फिर मालूम चला कि पहले 3 हफ़्तों में आईपीएल की टीवी व्यूवरशिप में 30% की गिरावट आयी. लेकिन चौथे हफ़्ते ने मामला संभाला और आंकड़ा 4% ऊपर उठा. यहां से ये मालूम चल रहा था कि लोग शुरुआती मैचों में बहुत इन्ट्रेस्ट नहीं दिखा रहे थे और बाद के मैचों का इंतज़ार कर रहे थे जहां टीमों के सामने प्ले-ऑफ़ में क्वालिफ़ाय करने या न करने के आंकड़े साफ़ होते हैं और एक टीम का नतीजा दूसरी को प्रभावित करता दिखता है.
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लेकिन OTT पर (आईपीएल के मामले में डिज़्नी हॉटस्टार ) व्यूवरशिप का आंकड़ा टीवी से उलट जा रहा है. 2021 के सीज़न में पहले हफ़्ते में 10 मिलियन यूज़र आईपीएल देख रहे थे जबकि 2022 में ये 13 मिलियन तक पहुंच गया. वहीं आरसीबी और लखनऊ की टीम के बीच हुआ एलिमिनेटर आईपीएल में हॉटस्टार पर एक समय पर सबसे ज़्यादा दर्शकों को खींचने वाला मैच बना. इस मैच को हॉटस्टार पर एक साथ 87 लाख लोग देख रहे थे.
आईपीएल मैचों के प्रसारण के इतने महंगे राइट्स ख़रीदने के बाद ये प्लेटफ़ॉर्म रिकवरी और मुनाफ़ा कैसे कमाते हैं? जवाब है - विज्ञापन. आईपीएल एक पूरे ईकोसिस्टम को चलाता है जिसमें विज्ञापन बनाने वाली तमाम कम्पनियां भी शामिल होती हैं. एक मैच से दसियों दुकानें चल रही होती हैं. सीज़न-दर-सीज़न आईपीएल मैचों के दौरान दिखाए जाने वाले विज्ञापनों के रेट में बढ़ोतरी की जा रही है. 10 सेकण्ड के एक स्लॉट का रेट 16 लाख रुपये तक आ पहुंचा है. जिस तरह से एक मैच के प्रसारण की रकम बढ़ी है, अगले सीज़न में दिखाए जाने वाले विज्ञापनों के स्लॉट और महंगे होने की पूरी संभावना है. और यहीं मामला फंसता दिख रहा है. मारुति जैसे ब्रांड ने आईपीएल के 2019 सीज़न में 93 करोड़ रुपये लगाये थे. जबकि 2022 में इस ब्रांड ने ये रकम 25 करोड़ कर दी. मारुति ने इसके पीछे 22 से 40 साल के बीच के पुरुष दर्शकों में आयी 58% की गिरावट को इसकी मुख्य वजह बताया था.
आईपीएल की व्यूवरशिप पर सवाल उठ रहे हैं और मोटा पैसा लगाने वाली कम्पनियां आशंकाओं से घिरी हैं. लेकिन इस सब के बीच चैनलों और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म्स के आशावान होने के स्तर का इस बात से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि बोर्ड द्वारा निर्धारित बेस प्राइस (पैकेज ए और बी, दोनों मिलाकर) 82 करोड़ था मगर बीसीसीआई को असल में 107.5 करोड़ रुपये मिलेंगे. यानी बेस प्राइस में 31% की वृद्धि. 107.5 करोड़ रुपये की ये डील पिछली वाली से लगभग दोगुनी है. पिछली प्रसारण के अधिकार की डील में बोर्ड को प्रति मैच सवा 54 करोड़ रुपये मिल रहे थे.
भारतीय टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ 3 मैचों की वनडे सीरीज में 2-0 से अजेय बढ़त बना ली है. सीरीज का पहला मैच नागपुर और दूसरा मुकाबला कटक में हुआ. दोनों ही मैच भारतीय टीम ने 4 विकेट से जीते. मगर इन दोनों ही मैचों में कप्तान रोहित को मजबूरी में 2 बड़े फैसले लेने पड़े थे. हालांकि आखिर में यह दोनों ही फैसले उनके लिए वरदान साबित हुए.