Gujarat Panchayat Aajtak: कश्मीरी पंडितों पर सबसे कम अत्याचार अनुच्छेद 370 हटाने के बादः अमित शाह
AajTak
Gujarat Panchayat Aajtak: केंद्रीय गृहमंत्री मंगलवार को अहमदाबाद में पंचायत आजतक के कार्यक्रम में शामिल हुए. कार्यक्रम में उन्होंने गुजरात विधानसभा चुनाव, पीएफआई बैन, पोर्ट पर ड्रग्स मिलने जैसे कई अहम मुद्दों पर बात की. इस दौरान उन्होंने अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर के हालात पर अहम जानकारी दी. उन्होंने बताया कि घाटी में कश्मीरी पंडितों पर हमलों में कमी आई है.
Gujarat Panchayat Aajtak: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद से जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं में तेजी से कमी आई है. दरअसल अहमदाबाद में 'पंचायत आजतक' के कार्यक्रम में उनसे पूछा गया कि अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद कश्मीरी पंडितों पर हमले बढ़ गए हैं, जो परिवार 30 साल से घाटी में रहे थे अब वे डर के कारण वहां से भाग रहे हैं? इस पर अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 1990 से 98 तक हर रोज 25-25 लोगों की हत्या की जाती थी. 1990 से लेकर अब तक कश्मीरी पंडितों पर हुए हमलों के आंकड़े उठाकर देख लें. 370 हटाने के बाद उन पर हमलों की संख्या में कमी आई है.
कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा को लेकर उन्होंने कहा कि अभी जो हमले हो रहे हैं, उनसे कश्मीरी पंडितों की रक्षा के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं. जम्मू-कश्मीर में अब भी आतंकवाद है और उसे पूरी तरह से खत्म होने में वक्त लगेगा, लेकिन आंकड़े में 80 फीसदी तक सुधार आया है तो हम कह सकते हैं कि हमारा प्रयास अच्छी दिशा में जा रहा है.
उन्होंने कहा कि आंकड़ा 100 फीसदी से घटकर 20 फीसदी हो गया, उसको देखने की जगह 20 फीसदी क्यों हुआ, यह पूछने का अधिकार मीडिया को है लेकिन यह सवाल कितना लाजमी है, यह जनता को तय करना पड़ेगा. उन्होंने कहा- मैं मानता हूं कि यह आंकड़ा 20 फीसदी भी नहीं होना चाहिए और हमारी सरकार का लक्ष्य भी वही है लेकिन ऐसे कामों में समय लगता है.
हम जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने को तैयार
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सरकार जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने को तैयार है. उनसे जब पूछा गया कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव कब कराएंगे तो इस पर उन्होंने कहा कि जब भी चुनाव आयोग चाहेगा, हम चुनाव के लिए तैयार हैं.
चुनाव के बाद राज्य के स्टेटस पर होगा फैसला
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.