
मणिपुर में शांति बहाली के लिए CM बीरेन सिंह की पहल, नागा समुदाय के धार्मिक नेताओं से की ये अपील
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मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने राज्य के संकट समाधान में नागा समुदाय के नेताओं से सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की. सेनापति जिले के मराम में 42वें एमकेएस महासम्मेलन में उन्होंने सांप्रदायिक शांति और एकजुटता की जरूरतों पर जोर दिया. बीरेन सिंह ने सभी समस्याओं के संवैधानिक समाधान की बात कही और अपील की कि समुदाय आपसी सहयोग से शांति स्थापित करें.
मणिपुर में हाल के समय में अस्थिरता और संकट के लगातार बढ़ते हुए हालातों को देखते हुए, मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने नागा समुदाय के नेताओं को शांति स्थापित करने की दिशा में अहम भूमिका निभाने की अपील की है. सेनापति जिले के मराम क्षेत्र में आयोजित 42वें मरालुई करलीमई स्विजोइकंग (एमकेएस) महासम्मेलन में बोलते हुए, मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि वर्तमान समस्याओं के समाधान और शांति की बहाली के लिए एक तीसरे पक्ष की जरूरत है. उन्होंने कहा, "चर्च और सामुदायिक नेताओं को अब जिम्मेदारी लेनी होगी, ताकि राज्य में शांति स्थापित की जा सके."
बीरेन सिंह ने आगे कहा कि मणिपुर सरकार संविधान और नियमों के तहत समस्याओं का समाधान करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा, "जो कुछ भी हुआ है, वह पुरानी बातें हैं. अब समय है कि हम पिछली गलतियों को भूलकर शांति की राह पर लौटें. राज्य के सभी निवासियों की एकजुटता और सामूहिक प्रयासों की जरूरत है. मुख्यमंत्री ने कहा कि वह सरकार की ओर से शांति कायम के लिए हर आवश्यक कदम उठाने को तैयार हैं और उन्हें समुदाय के समर्थन की दरकार है.
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मुख्यमंत्री ने 90 के दशक के विवाद का दिया उदाहरण
मुख्यमंत्री ने 90 के दशक के कुकी और नागा संघर्षों का उदाहरण देते हुए कहा कि उस समय भी समाधान निकालने की कोशिश की गई थी, और अब एक बार फिर से वह नागा नेताओं और समुदाय के समर्थन की अपेक्षा रखते हैं. बीरेन सिंह ने समुदाय से अनुरोध किया कि शांति की कोशिशों पर कुछ नतीजे पर पहुंचा जा सके.
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