Gujarat Election: आदिवासी मतदाता किसे देंगे आशीर्वाद! जानिए दाहोद विधानसभा सीट का सियासी समीकरण
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Gujarat Vidhansabha Election 2022: दाहोद विधानसभा सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. साल 1968 में हुए चुनावों के बाद से अब तक केवल तीन बार यहां BJP को जीत मिली है. आदिवासी इलाका होने की वजह से भारतीय ट्रायबल पार्टी भी काफी जोर लगा रही है. चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक दलों ने आदिवासी मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की कोशिशें शुरू कर दी हैं.
गुजरात के आगामी सियासी समर को देखते हुए आज हम आपको बताने जा रहे हैं दाहोद विधानसभा सीट के बारे में. यह क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य है. इस सीट पर बीजेपी या कांग्रेस ही नहीं बल्कि भारतीय ट्रायबल पार्टी (BTP) भी निर्णायक भूमिका निभाती है. चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक दलों ने आदिवासी मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की कोशिशें शुरू कर दी हैं. इस सीट पर कांग्रेस का वर्चस्व रहा है. इस क्षेत्र में 2 लाख 44 हजार 614 मतदाता हैं. इसमें ST सबसे ज्यादा 70 प्रतिशत और SC 2.68 प्रतिशत है.
क्षेत्र का सियासी समीकरण यह क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. साल 1968 में हुए चुनावों के बाद से अब तक केवल तीन बार यहां बीजेपी को जीत मिली है. आदिवासी इलाका होने की वजह से भारतीय ट्रायबल पार्टी भी काफी जोर लगा रही है और वह निर्णायक भूमिका में नजर आ रही है.
क्षेत्र के लोगों की समस्याएं यह क्षेत्र कुदरती सौंदर्य से भरपूर है. कई इलाके जंगल में पड़ते हैं. इस क्षेत्र में प्राथमिक सुविधाओं की कमी है. किसानों को सिंचाई का पानी मिलने में दिक्कत होती है. इसके अलावा रोजगार की समस्या काफी बड़ी है. लोगों को रोजी-रोटी कमाने के लिए अपने गांव छोड़ने पड़ रहे हैं. इस इलाके में शिक्षण क्षेत्र में भी कुछ ज्यादा काम नहीं हुआ है. इलाके के लोग मेडिकल कॉलेज की भी मांग कर रहे हैं.
आदिवासियों को मनाने में जुटी बीजेपी यह सीट पाने के लिए बीजेपी ने कड़ी मेहनत शुरू कर दी है. कुछ दिन पहले ही इस क्षेत्र में 22 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और उद्घाटन वेदप्रधान के हाथों हुआ है. दूसरी ओर कांग्रेस अपनी सीट बचने के लिए काफी मशक्कत कर रही है. आम आदमी पार्टी और बीटीपी भी चुनावी रण जीतने के लिए आदिवासियों को अपनी ओर खींचने के प्रयास कर रही है.
पिछले चुनाव का परिणाम कांग्रेस: वजेसिंह पांडा को 79 हजार 850 वोट मिले बीजेपी: किशोरी कानायालाल को 64 हजार 347 वोट मिले
महाराष्ट्र के ठाणे में एक बच्ची का शव मिलने के बाद लोग आक्रोशित हो गए. दरअसल उल्हासनगर इलाके में तीन दिनों पहले एक बच्ची लापता हो गई थी जिसके बाद परिजनों ने थाने में गायब होने की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी. इसी के बाद गुरुवार को उसका शव हिल लाइन पुलिस स्टेशन से कुछ दूरी पर मिला जिसे देखकर स्थानीय लोग भड़क गए.
गौतम अडानी पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिका के निवेशकों के पैसे से भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी और ये रिश्वत भी उन प्रोजेक्ट्स के लिए दी गई, जिससे 20 वर्षों में अडानी ग्रुप की एक कम्पनी को 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर्स यानी भारतीय रुपयों में लगभग 16 हज़ार 881 करोड़ रुपये का मुनाफा होने का अनुमान है. आरोप है कि इस मुनाफे के लिए साल 2021 से 2022 के बीच आंध्र प्रदेश, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ की सरकारों को लगभग 2200 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई.
गौतम अडानी एक बार फिर चर्चा में हैं क्योंकि उन पर सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के ठेके पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को करोड़ों रुपये की रिश्वत देने का आरोप है. इस मामले पर NSUI ने भी प्रदर्शन किया है. इस मुद्दे ने राजनीतिक और व्यावसायिक जगत में खलबली मचा दी है, जिसमें भ्रष्टाचार और व्यापारिक नैतिकता के सवाल शामिल हैं.