BSF को नदी में तैरते मिले 38 लाख के मोबाइल, तस्करी के लिए भेजे जा रहे थे बांग्लादेश
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बीएसएफ ने नदी में तैरते 38 लाख के मोबाइल सीज किए हैं. इनकी कीमत 38 लाख रुपए से ज्यादा है. बीएसएफ को मोबाइल फोन प्लास्टिक के कंटेनर में मिले. जो केले के तने से बंधा था. कंटेनर बांग्लादेश की ओर बह रहा था. बीएसएफ ने पहले भी मोबाइल बरामद किए थे. मामला पश्चिम बंगाल के मालदा का है.
पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा (India-Bangladesh International Border) पर तैनात बीएफएफ जवानों ने ढेर सारे मोबाइल बरामद किए गए. मोबाइल की संख्या 317 है. जिनकी केले के तने से प्लास्टिक कंटेनर बांध कर तस्करी की जा रही थी. बीएसएफ के मुताबिक बरामद किए गए मोबाइलों की कीमत 38 लाख रुपए से ज्यादा है.
शनिवार को बॉर्डर आउट पोस्ट लोधिया में दक्षिण बंगाल फ्रंटियर 70 बटालियन के सैनिकों ने पगला नदी में केले के तना तैरता पाया था. तभी उनकी नजर इनसे बंधे प्लास्टिक कंटनरों पर गई. यह कंटेनर बांग्लादेश की ओर तैर रहे थे. सभी कंटेनरों के पानी से बाहर निकाला गया. उनमें 317 मोबाइल फोन पाए गए. जिनकी तस्करी की जा रही थी. बरामद किए गए मोबाइलों की कीमत 38 लाख 83 हजार रुपए बताई गई है. सभी फोन अलग-अलग कंपनियों के हैं.
70वीं बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर ने बताया कि उन्हें इस संबंध में खूफिया जानकारी मिली थी. जब्त माल को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए अंग्रेजी बाजार पुलिस स्टेशन को सौंप गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि बीएसएफ भारत-बांग्लादेश सीमा पर तस्करी रोकने के लिए सख्त कदम उठा रही है. तस्करों को पकड़ा जा रहा है. जिन्हें कानून के तहत सजा भी दी जा रही है.
सितंबर में भी पकड़े गए फोन
सितंबर में मालदा में ही सीमा चौकी सुखदेवपुर के इलाके में जवानों ने एक दर्जन लोगों के तारबंदी के पास पकड़ा था. इसके पास 8 पोटले मिले थे. जिनमें से 39 लाख 29 हजार की कीमत के 359 मोबाइल फोन बरामद हुए थे. ये फोन भी अलग-अलग कंपनियों के थे. कई भारतीय तस्करों के नाम भी इस मामले में सामने आए थे.
एक्टिव रहते हैं तस्कर
महाराष्ट्र के ठाणे में एक बच्ची का शव मिलने के बाद लोग आक्रोशित हो गए. दरअसल उल्हासनगर इलाके में तीन दिनों पहले एक बच्ची लापता हो गई थी जिसके बाद परिजनों ने थाने में गायब होने की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी. इसी के बाद गुरुवार को उसका शव हिल लाइन पुलिस स्टेशन से कुछ दूरी पर मिला जिसे देखकर स्थानीय लोग भड़क गए.
गौतम अडानी पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिका के निवेशकों के पैसे से भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी और ये रिश्वत भी उन प्रोजेक्ट्स के लिए दी गई, जिससे 20 वर्षों में अडानी ग्रुप की एक कम्पनी को 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर्स यानी भारतीय रुपयों में लगभग 16 हज़ार 881 करोड़ रुपये का मुनाफा होने का अनुमान है. आरोप है कि इस मुनाफे के लिए साल 2021 से 2022 के बीच आंध्र प्रदेश, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ की सरकारों को लगभग 2200 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई.
गौतम अडानी एक बार फिर चर्चा में हैं क्योंकि उन पर सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के ठेके पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को करोड़ों रुपये की रिश्वत देने का आरोप है. इस मामले पर NSUI ने भी प्रदर्शन किया है. इस मुद्दे ने राजनीतिक और व्यावसायिक जगत में खलबली मचा दी है, जिसमें भ्रष्टाचार और व्यापारिक नैतिकता के सवाल शामिल हैं.