'BJP को चुनाव जीतने के लिए हमारी फिल्म की जरूरत नहीं' बोले Bastar के प्रोड्यूसर विपुल शाह
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जहां बहुत लोगों ने नक्सलियों का मुद्दा बड़े पर्दे पर लेकर आने के लिए 'बस्तर' के मेकर्स की तारीफ की. वहीं एक तबके ने इसे एक और 'प्रोपैगैंडा फिल्म' बताते हुए नकार दिया. डायरेक्टर सुदिप्तो सेन की इस फिल्म को देश के वामपंथियों को टारगेट करने वाली बताया जा रहा है.
'द केरला स्टोरी' जैसी बड़ी हिट डिलीवर करने वाले प्रोड्यूसर विपुल अमृतलाल शाह की फिल्म 'बस्तर: द नक्सल स्टोरी' रिलीज के लिए तैयार है. अदा शर्मा स्टारर इस फिल्म का ट्रेलर कुछ दिन पहले आया था और इसे जनता से मिला-जुला रिस्पॉन्स मिला.
जहां बहुत लोगों ने नक्सलियों का मुद्दा बड़े पर्दे पर लेकर आने के लिए मेकर्स की तारीफ की. वहीं एक तबके ने इसे एक और 'प्रोपैगैंडा फिल्म' बताते हुए नकार दिया. डायरेक्टर सुदिप्तो सेन की इस फिल्म को देश के वामपंथियों को टारगेट करने वाली बताया जा रहा है. चूंकि फिल्म की रिलीज डेट भी आम चुनावों के बहुत करीब है, इसलिए भी बहुत लोगों का मानना है कि ये फिल्म देश की राजनीति को प्रभावित करने का एक प्रयास भर है.
अब इंडिया टुडे के साथ एक खास बातचीत में प्रोड्यूसर विपुल शाह ने फिल्म की टाइमिंग और इसे 'प्रोपैगैंडा' कहे जाने पर बात की. अपने प्रोजेक्ट के बचाव में उन्होंने कहा, 'भारत में, हर 6 महीने में चुनाव होते हैं और आप कुछ भी करें, लोग हमेशा कहेंगे कि आपकी टाइमिंग गलत है. आज, इन चुनावों में बीजेपी की जो स्थिति है, क्या उन्हें सही में जीतने के लिए हमारी फिल्म की जरूरत है? ये सबसे बेवकूफाना और अजीब बात है जो मैंने सुनी है.'
'हम बस सच बोलने आए हैं' विपुल ने 'बस्तर' का टीजर आने के बाद से ही, अपनी फिल्म को लेकर चल रहे क्रिटिसिज्म पर भी बात की. उन्होंने कहा कि लोगों के पास उनकी फिल्म को काउंटर करने के लिए कोई वैलिड बात नहीं है इसलिए वो इसकी टाइमिंग पर सवाल उठा रहे हैं.
उन्होंने आगे कहा, 'हम सब यहां सच कहने आए हैं, बात सिर्फ इतनी सी है. जब हम ऐसे लोगों को एक्सपोज करते हैं जिनकी कोई मेरिट नहीं है, तो वो ऐसी कमजोर आर्गुमेंट का सहारा लेते हैं. कोई भी आकर इसके सब्जेक्ट के बारे में बात नहीं करेगा और न मुझसे फैक्ट्स पर डिबेट करेगा. क्या आप नक्सलियों द्वारा की गई हिंसा से इनकार कर सकते हैं? मुझसे इन फैक्ट्स पर बात कीजिए. जब हम देश को डैमेज कर रहे लोगों को कॉल-आउट करते हैं, तो हमपर प्रोपैगैंडा का लेबल लगा दिया जाता है. ये एक बेवकूफाना आर्गुमेंट है और वो ऐसा करके खुद को ही एक्सपोज करते हैं.'
'सूडो-इंटेलेक्चुअल' टर्म के इस्तेमाल पर बोले विपुल शाह 'बस्तर' के टीजर में अदा शर्मा, सोशल मीडिया पर इस्तेमाल होने वाली टर्म 'सूडो-इंटेलेक्चुअल' का भी जिक्र करती हैं और इन्हें गोली मार देने की बात कहती हैं. जब विपुल से इस बारे में और उनकी, इस टर्म की परिभाषा के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'ये किरदार का एक इमोशनल आउटबर्स्ट था, वो उन्हें मारने नहीं जा रही. ये खुद ही अपने इस विश्वास और लॉजिक को नकारना होगा कि हिंसा से कुछ हल नहीं होता. वो एक फ्रस्टेशन भरा मोमेंट है और वो उस सीन में अपने इमोशन उतार रही है. सच कहूं तो, मुझे किसी भी पार्टी के बारे में बात करें में दिलचस्पी नहीं है, चाहे बीजेपी हो या कांग्रेस. मेरा एकमात्र एजेंडा देश है और जो कोई भी इसे नुक्सान पहुंचाना चाहता है, अब वो चाहे सूडो-इंटेलेक्चुअल है, या अर्बन-नक्सल, लेफ्ट लिबरल या जो भी टर्म आप इस्तेमाल करना चाहें. ये वो एंटी-नेशनल हैं, जिनका पर्दाफाश होना चाहिए. मेरे लिए, राष्ट्र से पहले कुछ भी नहीं, वो हमेशा सर्वोपरि रहेगा. अगर किसी को देश तोड़ना है, तो वो खतरनाक लोग हैं जिन्हें एक्सपोज किए जाने की जरूरत है.'
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