घर का किराया देने के लिए डबिंग करते थे 'मुन्ना भइया', इंजीनियर से कैसे एक्टर बने स्कैम वाले प्रतीक?
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दिव्येंदु शर्मा, प्रतीक गांधी फिल्म 'अग्नि' का प्रमोशन्स करने के लिए साहित्य आजतक के ओटीटी मंच पर पहुंचे. दिव्येंदु ने अपने स्ट्रगल, लव लाइफ और अपकमिंग प्रोजेक्ट्स को लेकर बात की. वहीं, प्रतीक गांधी ने बताया कि फिल्म 'अग्नि' की शूटिंग करना उनके लिए कितना मुश्किल रहा.
साहित्य आजतक 2024 के महाकुंभ का दूसरा दिन काफी मनोरंजक रहा. दिव्येंदु शर्मा, प्रतीक गांधी फिल्म 'अग्नि' का प्रमोशन्स करने के लिए साहित्य आजतक के ओटीटी मंच पर पहुंचे. दिव्येंदु ने अपने स्ट्रगल, लव लाइफ और अपकमिंग प्रोजेक्ट्स को लेकर बात की. वहीं, प्रतीक गांधी ने बताया कि फिल्म 'अग्नि' की शूटिंग करना उनके लिए कितना मुश्किल रहा.
'अग्नि' में रोल प्ले करके कैसा लगा? दिव्येंदु- जब आग लगती है तो ये फायर फाइटर्स होते हैं जो आग के करीब भागते हैं. तो मेरे लिए ये किरदार निभाना बहुत बड़ी चीज थी. ये बहुत अच्छी फिल्म होगी कि लोगों का ध्यान इस तरफ भी दिखाया जाए. स्क्रिप्ट पढ़कर मुझे मजा आया था कि किस तरह एक इंसान आग को बुझाने के लिए चीजें करता है. ये अलग फिल्म है और इसे दिखाया जाना चाहिए. इसलिए ये फिल्म मैंने करनी चुनी.
कितनी मेहनत की इस रोल के लिए? प्रतीक गांधी- ये एक ऐसा शिफ्ट था जो फीजिकल ट्रेनिंग से अचीव नहीं हो सकता. मुझे ये मानसिक रूप से समझना था कि किस तरह ये आग को बुझाया जाता है. कहां तेल है, कहां पानी है और किस तरह हमें इसमें काम करना है. हम अपनी रोजमर्रा की लाइफ में इतने पीछे हो चुके हैं कि हम अपनी कॉमन सेंस छोड़ चुके हैं. हमें पता ही नहीं है कि किस तरह हमें एक आपदा का सामना करना है और उससे निकलना है. लोगों को मुश्किल लगेगा, लेकिन फायर फाइटर्स की जिंदगी मुश्किल जरूर होती है.
छुट्टी के दिन भी एक फायर फाइटर सिटी से बाहर नहीं जाते हैं. मैं एक शख्स से मिला, उनकी पत्नी ने मुझे कहा कि रोज सुबह जब ये जाते हैं तो हमें पता नहीं होता कि शाम में वापस लौटकर आएंगे या नहीं. 6 दिसंबर को अमेजन प्राइम पर 'अग्नि' रिलीज हो रही है. प्रतीक गांधी और दिव्येंदु इसमें अहम भूमिका निभाने वाले हैं.
मेकेनिकल इंजीनियर से एक्टर बने प्रतीक इंजीनियर से एक्टर बना हूं. ऐसा नहीं है. मैंने स्टेज शुरू किया था जब मैं चौथी क्लास में था. तो कहानियों का जादू मुझे बहुत पसंद था. इंजीनियरिंग मैंने बेमन से नहीं की. मन से की. पढ़ाई पूरी भी की. मैं कन्फ्यूज इसलिए रहा क्योंकि मैं मल्टी टैलेंटेड बनना चाहता था. अभी मैं एक्टर हूं. और इसी पैशन को मैं आगे बढ़ाऊंगा.
दिव्येंदु- स्टार्टिंग से मेरा क्लियर था कि मुझे एक्टर ही बनना है. मुझे लगता है कि हर लड़का का सपना होता है तो बीच में वो फेज आया कि मुझे मिलिट्री में जाना है. तो बीच-बीच में ये वक्त आया, लेकिन फिर मुझे एक वकील का रोल मिला. मुझे लगा कि मेरा हो गया. लेकिन फिर मैंने एक्टिंग में महारथ हासिल करने की कोशिश की.
साहित्य के महाकुंभ 'साहित्य आजतक 2024' के दूसरे दिन मंच पर मौजूदगी रही मशहूर गायक जुस्त की. जहां उन्होंने 'मेरे घर आया एक चोर' सत्र में 'कल रात आया मेरे घर एक चोर...' जैसे हिट गानों की प्रस्तुति दी और की ढेर सारी बातें. बता दें कि ये 'साहित्य आजतक' का सातवां संस्करण है. और दिल्ली के ध्यान चंद स्टेडियम में आयोजित है.