कैसे पड़ा 'जुस्त' नाम? 'चोर' सिंगर को बॉलीवुड से मिला ऑफर, बोले- मैं कहानी कहना चाहता हूं...
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साहित्य आजतक 2024 प्रोग्राम में सोशल मीडिया सेंसेशन सिंगर जुस्त ने अपने गानों से समां बांधा. साथ ही अपनी जर्नी पर बात की और बताया कि कैसे उनके नए नाम और कविताओं की शुरुआत हुई. जुस्त ने बताया कि वो हमेशा ऐसे गाने लिखना चाहते हैं जो कभी सीमित ना रहें.
'मेरी जीत भी लेजा...मेरी हार भी लेजा...', सोशल मीडिया के दीवाने जितने भी हैं वो इस गाने से वाकिफ ना हों, ये मुमकिन नहीं है. इंटरनेट सेंसेशन सिंगर 'जुस्त' ने साहित्य आजतक 2024 में शिरकत की. जहां उन्होंने अपने नाम का मतलब और कैसे ये यूनीक नाम पड़ा ये तो बताया ही साथ ही कई बेहतरीन गाने गाकर समां भी बांधा.
जुस्त नाम का किस्सा क्या है?
'मैं एक जर्नी पर था. तब मैं अपने ऊपर काम कर रहा था, मैं काफी मेडिटेशन कर रहा था, एक रात मैं उठा 2 बजे और मुझे लगा मेरा नाम जुस्त है. और मैं संगीत करने के लिए ही पैदा हुआ हूं. ये आपको लगेगा परियों की कहानी लेकिन मेरे लिए ये सच्ची कहानी है. मेरे लिए ये बहुत ऑर्गैनिक है, नाम जुस्त है, उसका कारण नहीं है. बस हो गया. कोई सोची समझी नहीं. किसी ने नहीं रखा, शब्द भी मेरा खुद का दिया हुआ है, किसी ने नामकरण नहीं किया. जैसे स्वाभाविक है जुस्त, जैसे सात रंग, जैसे बारिश. बाद में आप कैसे भी सोच सकते हैं.'
इसके बाद 'जुस्त' ने गानों की शुरुआत की और अपना हर शाम गाना गाया... फिर उन्होंने बताया कि जब उन्होंने सिंगिंग की शुरुआत की तो वो एजेंडा लेकर चले थे.
सीमित नहीं करना चाहता गाने
जुस्त बोले- मेरा हर डिसीजन इसी बात पर आकर अटकता है कि जब मैंने सिंगिंग की शुरुआत की थी. मुझे अपने सिंगिंग से कोई करप्शन या झूठ नहीं कहना, मेरा अपना नजरिया है. मुझे अपनी बात अपनी ईमानदारी कहनी है बस. चोर गाने से मतलब बस इतना है कि मैं जिन कविताओं को सुनते हुए बड़ा हुआ हूं. जैसे रविंद्रनाथ टैगोर, बॉब डिलन, या जो भी हैं. वो कभी अपनी कविताओं का मतलब नहीं बताते हैं. जब भी मैं उन्हें पढ़ता हूं हर दो साल बाद उनका मतलब बदल जाता है. तो मैंने भी तय किया था कि ऐसा ही कुछ करूंगा जो सीमित ना रहे. आज यूट्यूब पर इस गाने के 50 मतलब हैं, हर किसी का अपना वर्जन है, और सारे सही हैं.