
'An insult to life...', कहानी उस मियाजाकी की, जिसकी Ghibli में AI ने की घुसपैठ!
AajTak
हयाओ मियाजाकी कहते हैं कि अगर AI को ज्यादा बढ़ावा दिया गया तो असल कलाकारों की जरूरत खत्म हो जाएगी. वह कहते हैं कि अगर हम मशीनों को कहानियां बनाने देंगे तो हम अपनी कला और आत्मा को खो देंगे. उनका मानना है कि Tech Can't Replace Artists यानी तकनीक हमारी जगह नहीं ले सकते. कला का मकसद भावनाओं का विस्तार करना है.
ये किस्सा 2016 का है... जापान के मशहूर एनिमेटर और फिल्ममेकर हयाओ मियाजाकी (Hayao Miyazaki) अपने Studio Ghibli में कुछ डेवलपर्स के साथ बैठे हैं. उन्हें पता चलता है आने वाले समय में AI इतना ताकतवार होने जा रहा है कि वह पलक झपकते ही इंसानों की तरह एनिमेशन तैयार कर सकता है. इस पर मियाजाकी कंधे उचकाकर कहते हैं- अगर ऐसा होगा तो हमें इंसानों की जरूरत ही नहीं होगी. फिर तो दुनिया का अंत नजदीक है.
जापानी एनिमेशन कंपनी Studio Ghibli के फाउंडर मियाजाकी का नौ साल पुराना ये बयान अब फिर से वायरल हो रहा है. ChatGPT और Grok जैसे AI टूल्स किसी भी तस्वीर को मियाजाकी के Ghibli स्टाइल आर्ट में कंवर्ट कर रहे हैं. मियाजाकी की मानवीय संवेदनाओं वाली वही Ghibli आर्ट जिन्हें वह हाथ से तैयार करते हैं और इसमें सालों की मेहनत लगती है. AI उन्हें चंद सेकंड्स में तैयार कर रहा है. इससे मौलिकता को लेकर एक नए तरह का विवाद भी खड़ा हो गया है.
यूं तो मियाजाकी किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. 84 साल का यह बुजुर्ग जापान का मशहूर एनिमेटर और फिल्ममेकर है. ऐसे समय में जब वेस्टर्न वर्ल्ड में वॉल्ट डिज्नी ‘The Lion King’, ‘अलादीन’, ‘ब्यूटी एंड द बीस्ट’ और पिक्सार एनिमेशन स्टूडियो ‘फाइंडिंग निमो’ और ‘टॉय स्टोरी’ जैसी एनिमेशन फिल्में बनाकर एनिमेशन में एकछत्र दबदबा बनाए हुए थे. 1985 में जापान के हयाओ मियाजाकी, इसाओ ताकाहाता और तोशियो सुजुकी ने Studio Ghibli को खड़ा किया.
उस समय जहां वॉल्ट डिज्नी, पिक्सार और ‘The Minions’ बनाने वाले इल्यूमिनेशन इंटरटेनमेंट स्टूडियो 2डी और 3डी एनिमेशन के साथ-साथ CGI का सहारा ले रहे थे. मियाजाकी हैंड ड्राउन एनिमेशन यानी हाथ से एनिमेशन बनाकर अपनी सशक्त मौजूदगी दर्ज करा रहे थे.
AI की मौजूदगी के बीच मियाजाकी को आज भी इसलिए याद किया जाता है क्योंकि उन्होंने एनिमेशन की दुनिया में ऐसी उपलब्धियां हासिल की हैं, जो समय के साथ-साथ और लोकप्रिय हुई हैं.

स्वेच्छा से देश नहीं छोड़ने वालों पर 998 डॉलर प्रतिदिन (लगभग 85,924 रुपये) का जुर्माना लगाया जाएगा, यदि उन्हें स्वदेश वापसी का अंतिम आदेश मिल चुका है. इसके अलावा, जिन्होंने अधिकारियों को सूचित किया है कि वे देश छोड़ देंगे लेकिन फिर भी नहीं जाते, उन पर 1,000 से 5,000 डॉलर (लगभग 86,096 रुपये से 4.30 लाख रुपये) तक का जुर्माना लगाया जाएगा.

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों ने इस हफ्ते कराची में छापेमारी कर नौ संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है. इन आतंकियों को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण एयरफोर्स के मसरूर बेस पर हमला कर विमानों और बुनियादी ढांचे को ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाने का काम सौंपा गया था. गिरफ्तार नौ आतंकियों में से पांच की पहचान अफगानियों के रूप में की गई है.

आंदोलन समूह जनरल कोऑर्डिनेशन ऑफ डिस्प्लेस्ड पर्सन्स एंड रिफ्यूजीज ने बताया कि हमले गुरुवार से शुरू हुए और शनिवार तक जारी रहे. इन हमलों में आवासीय क्षेत्रों, बाजारों और स्वास्थ्य केंद्रों को भी निशाना बनाया गया, जिससे सैकड़ों लोग मारे गए या घायल हुए, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं.