9 रुपये से ₹807... इस शेयर ने कर दिया कमाल, अब 21% हुआ सस्ता!
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Piccadily Agro Industries के शेयर 23 जनवरी 2020 को 8.74 रुपये पर बंद हुए थे, लेकिन आज यह शेयर 807 रुपये पर पहुंच चुका है. इस अवधि के दौरान शेयर ने निवेशकों को 9,133% का रिटर्न दिया है. Piccadily Agro के शेयर एक साल के दौरान 177%, दो साल के दौरान 1,660%, तीन साल के दौरान 2457% चढ़े हैं.
शेयर बाजार में बहुत से शेयरों ने निवेशकों को कम समय में अच्छा रिटर्न दिया है, लेकिन कुछ शेयरों ने तो इतना रिटर्न दे दिया है, जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी. आज हम एक ऐसे ही शेयर के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं. जिसमें अगर आपने 5 साल पहले पैसा लगाया होता तो आज शायद करोड़पति होते. यह शेयर Piccadily Agro Industries Ltd कंपनी का है.
Piccadily Agro Industries के शेयर 23 जनवरी 2020 को 8.74 रुपये पर बंद हुए थे, लेकिन आज यह शेयर 807 रुपये पर पहुंच चुका है. इस अवधि के दौरान शेयर ने निवेशकों को 9,133% का रिटर्न दिया है. Piccadily Agro के शेयर एक साल के दौरान 177%, दो साल के दौरान 1,660%, तीन साल के दौरान 2457% चढ़े हैं. हालांकि अब पिछले 1 महीने इस शेयर में गिरावट देखी जा रही है, जो अपने रिकॉर्ड हाई लेवल से 21 फीसदी गिर चुका है. पिकाडिली एग्रो के शेयर 26 दिसंबर 2024 को 1019.90 रुपये के अपने ऑल टाइम हाई लेवल पर थे.
कंपनी का इतना हुआ मार्केट कैप अभी पिकाडिली एग्रो इंडस्ट्रीज का शेयर 2.33% बढ़कर 807 रुपये पर पहुंच गया, जबकि पिछले बंद भाव 788.60 रुपये था. बीएसई पर गुरुवार को कंपनी के कुल 0.38 लाख शेयरों का कारोबार हुआ, जिससे 3.03 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ. कंपनी का बाजार पूंजीकरण बढ़कर 7,613 करोड़ रुपये हो गया. स्टॉक का बीटा 0.9 है, जो एक वर्ष में कम अस्थिरता दर्शाता है.
ओवरबॉट नहीं है ये शेयर टेक्निकल लेवल पर पिकाडिली एग्रो इंडस्ट्रीज का RSI 41.4 पर है, जो यह संकेत देता है कि यह न तो ओवरबॉट में है और न ही ओवरसोल्ड है. पिकाडिली एग्रो इंडस्ट्रीज के शेयर 5 दिन, 10 दिन, 20 दिन, 30 दिन, 50 दिन से कम पर कारोबार कर रहे हैं, लेकिन 100 दिन, 150 दिन और 200 दिन के मूविंग एवरेज से ऊपर हैं.
कैसा रहे हैं कंपनी के नतीजे? इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कंपनी ने राजस्व में 63% की वृद्धि दर्ज की, जो पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के 114.1 करोड़ रुपये के मुकाबले 186 करोड़ रुपये हो गया. सितंबर 2024 तिमाही में नेट प्रॉफिट 109% बढ़कर 25 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 11.9 करोड़ रुपये था. सितंबर 2023 तिमाही में प्रति शेयर आय (EPS) 1.3 रुपये प्रति शेयर की तुलना में दूसरी तिमाही में 109.52% बढ़कर 2.64 रुपये हो गई.
विदेशी निवेशकों के पास इतनी हिस्सेदारी दिसंबर 2024 तिमाही में प्रमोटरों की हिस्सेदारी 70.97% पर अपरिवर्तित रही. हालांकि, दिसंबर 2024 तिमाही में FII/FPI ने सालाना आधार पर 0.88% से 0.78% हिस्सेदारी घटा दी. दिसंबर 2024 तिमाही में FII/FPI निवेशकों की संख्या 28 से बढ़कर 32 हो गई. दूसरी ओर, संस्थागत निवेशकों ने दिसंबर 2024 तिमाही में अपनी हिस्सेदारी 0.91% से घटाकर 0.79% कर ली.
विदेशी वीज़ा रद्द होने से भारतीयों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है. पिछले एक साल में करीब ₹662 करोड़ की राशि डूब गई. न्यू ज़ीलैण्ड, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देशों ने सबसे ज्यादा वीज़ा रद्द किए. न्यू ज़ीलैण्ड ने 32%, ऑस्ट्रेलिया ने 30%, ब्रिटेन ने 17% और अमेरिका ने 16% भारतीयों के वीज़ा रद्द किए. इसके अलावा, शंघन वीज़ा रद्द होने से भी बड़ा नुकसान हुआ. वीज़ा रद्द होने पर न केवल वीज़ा फीस, बल्कि होटल और हवाई टिकट का पैसा भी डूब जाता है.