
60 साल के दो सुपरस्टार... एक ने दी इंडस्ट्री की सबसे बड़ी हिट, एक की फीकी हुई धार
AajTak
'सिकंदर' की आलोचना करते हुए कई लोग सोशल मीडिया पर सलमान की उम्र को भी टारगेट कर रहे हैं. लेकिन जहां सलमान 59 साल के हैं, वहीं मोहनलाल तो उनसे भी 5 साल बड़े हैं फिर भी उन्होंने अपनी इंडस्ट्री को सबसे बड़ी फिल्म दी है. तो आखिर दोनों सुपरस्टार्स में ऐसा क्या अंतर है?
सलमान खान की ईद रिलीज 'सिकंदर' इस हफ्ते फिल्मी दुनिया का सबसे चर्चित मुद्दा रही. लगातार कई सालों से ईद के मौके पर अपनी फिल्म से जनता के लिए सेलेब्रेशन का माहौल बनाने वाले सलमान, एक ऐसी फिल्म लेकर आए जिसने उनके पक्के फैन्स तक को निराश कर दिया. हाल ये है कि सलमान के सोशल मीडिया फैन क्लब ही अब उन्हें अपना रवैया बदलने की सलाह दे रहे हैं. बॉलीवुड में सलमान के फैन्स को सबसे कट्टर फैन माना जाता है और एक फिल्म से उनका इस तरह बागी हो जाना, लोगों को हैरान कर रहा है.
बॉलीवुड में सलमान की फिल्म को जैसा रिस्पॉन्स मिला है, उससे ठीक उलट मामला चल रहा है मलयालम सिनेमा के सुपरस्टार मोहनलाल के साथ. मलयालम इंडस्ट्री के आइकॉन मोहनलाल की फिल्म 'एम्पुरान' ईद वाले वीकेंड में ही थिएटर्स में रिलीज हुई. ये फिल्म अब मलयालम इंडस्ट्री की सबसे बड़ी फिल्म बन चुकी है. मलयालम सिनेमा फैन्स 'एम्पुरान' में मोहनलाल के एक्शन पैक रोल की तारीफ करते नहीं थक रहे.
'सिकंदर' की आलोचना करते हुए कई लोग सोशल मीडिया पर सलमान की उम्र को भी टारगेट कर रहे हैं. लेकिन जहां सलमान 59 साल के हैं, वहीं मोहनलाल तो उनसे भी 5 साल बड़े हैं फिर भी उन्होंने अपनी इंडस्ट्री को सबसे बड़ी फिल्म दी है. तो आखिर दोनों सुपरस्टार्स में ऐसा क्या अंतर है जो इनकी हालत एक दूसरे से बिल्कुल उल्टी है?
पर्दे पर सुपरस्टार के साथ-साथ आम आदमी भी लगते हैं मोहनलाल मोहनलाल 80s के दूर में मलयालम सिनेमा में आए थे और आजतक वो अपनी इंडस्ट्री के बड़े स्टार हैं. इसका सबसे बड़ा सीक्रेट ये है कि वो लगातार अपने किरदारों में बदलाव की तलाश में रहते हैं. अपनी लेटेस्ट फिल्म 'एम्पुरान' में उन्होंने वैसा ही किरदार निभाया है जो सुपरस्टार का कद रखने वाले एक्टर्स को मिलता है- एक ऐसा हीरो जिसे कोई हरा नहीं सकता. लेकिन उनके इस किरदार के भी दो हिस्से हैं. एक तरफ वो इंटरनेशनल गैंगस्टर हैं और इस शेड में वो किसी भी प्रॉपर स्टार जैसे हैं. दूसरी तरफ वो केरल में अपने आसपास वाले दूसरे इंसानों जैसे आम आदमी भी हैं. वो पावरफुल तो हैं, लेकिन उससे कनेक्ट कर पाना आसान है.
एक आम आदमी के किरदार में इस आसानी से ढल जाना ही मोहनलाल के करियर की हाईलाइट है. एक साधारण आदमी के किरदार को मोहनलाल अपनी एक्टिंग से अद्भुत बनाते हैं. उनके ऐसे कैरेक्टर ऊपर से देखने में पूरी तरह रियल हैं, मगर उनकी स्पिरिट किसी सुपरहीरो जैसी है. इसका एक उदाहरण मोहनलाल की ऑरिजिनल 'दृश्यम' भी है, जो कई भाषाओं में रीमेक की जा चुकी है. ये वैरायटी मोहनलाल को दर्शकों का फेवरेट बनाए रखती है. वो एक तरफ अगर अपने स्टारडम के दम पर चलने वाले हीरो टाइप किरदार करते हैं, तो दूसरी तरफ ऐसे किरदार भी करते हैं जो रियल लाइफ से निकले हुए लगते हैं.
दर्शकों से डिसकनेक्ट होने वाले किरदार निभाते सलमान अगर सलमान खान को देखें तो पिछली कई फिल्मों से उनके साधारण आदमी वाले किरदार भी ऐसे पेश किए जाते हैं कि वो रियल नहीं लगते. 'सुल्तान' (2016) शायद सलमान की वो आखिरी फिल्म है जिसमें उनका किरदार नौकरी कर रहा था और उसे घर परिवार की चिंता थी. उसका बैकग्राउंड ऐसा था जैसा आम लोगों का होता है. यही वजह थी कि इस किरदार में लोगों को सलमान की एक्टिंग भी देखने को मिली थी.

तमिल इंडस्ट्री से आने वाले एटली ने अपनी पिछली फिल्म 'जवान' बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान के साथ बनाई. अब उन्होंने नई फिल्म में तेलुगू सुपरस्टार अल्लू अर्जुन को लिया है. इतना बड़े प्रोजेक्ट के लिए एटली ने अपनी तमिल इंडस्ट्री से किसी स्टार को क्यों नहीं लिया? इसका जवाब उनकी इंडस्ट्री में चल रहा क्राइसिस है.