15 लाख के लिए 7 साल से वेट कर रहे हैं, थोड़ा आप भी करें...PM के 30 मिनट के इंतजार पर महुआ का तंज
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साइक्लोन यास से हुई तबाही का जायजा लेने के लिए शुक्रवार को पीएम मोदी ने बंगाल में रिव्यू मीटिंग की, लेकिन इस मीटिंग में कथित तौर से सीएम ममता बनर्जी आधे घंटे देरी से पहुंची. इसको लेकर हंगामा शुरू हो गया है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच की तनातनी थमने का नाम नहीं ले रही है. साइक्लोन यास से हुई तबाही का जायजा लेने प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को बंगाल पहुंचे तो ममता उनकी रिव्यू मीटिंग में आधे घंटे की देरी से पहुंचीं. 30 मिनट तक पीएम मोदी को इंतजार कराने की वजह से सोशल मीडिया पर बीजेपी और टीएमसी नेताओं के बीच जुबानी जंग भी तेज हो गई है. So much fuss over an alleged 30 min wait? Indians waiting 7 years for ₹15 lakhs Waiting hours at ATM queues Waiting months for vaccines due Thoda aap bhi wait kar lijiye kabhi kabhi... मीटिंग में ममता के देरी से पहुंचने की वजह से मच रहे हंगामे पर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने तंज कसा. महुआ मोइत्रा ने ट्वीट कर लिखा, "30 मिनट की कथित देरी पर इतना हंगामा? 15 लाख रुपए के लिए भारतीय 7 साल से इंतजार कर रहे. एटीएम के बाहर घंटों इंतजार कर रहे. वैक्सीन के लिए महीनों से इंतजार कर रहे. थोड़ा आप भी इंतजार कर लीजिए कभी-कभी..."महाराष्ट्र के ठाणे में एक बच्ची का शव मिलने के बाद लोग आक्रोशित हो गए. दरअसल उल्हासनगर इलाके में तीन दिनों पहले एक बच्ची लापता हो गई थी जिसके बाद परिजनों ने थाने में गायब होने की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी. इसी के बाद गुरुवार को उसका शव हिल लाइन पुलिस स्टेशन से कुछ दूरी पर मिला जिसे देखकर स्थानीय लोग भड़क गए.
गौतम अडानी पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिका के निवेशकों के पैसे से भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी और ये रिश्वत भी उन प्रोजेक्ट्स के लिए दी गई, जिससे 20 वर्षों में अडानी ग्रुप की एक कम्पनी को 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर्स यानी भारतीय रुपयों में लगभग 16 हज़ार 881 करोड़ रुपये का मुनाफा होने का अनुमान है. आरोप है कि इस मुनाफे के लिए साल 2021 से 2022 के बीच आंध्र प्रदेश, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ की सरकारों को लगभग 2200 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई.
गौतम अडानी एक बार फिर चर्चा में हैं क्योंकि उन पर सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के ठेके पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को करोड़ों रुपये की रिश्वत देने का आरोप है. इस मामले पर NSUI ने भी प्रदर्शन किया है. इस मुद्दे ने राजनीतिक और व्यावसायिक जगत में खलबली मचा दी है, जिसमें भ्रष्टाचार और व्यापारिक नैतिकता के सवाल शामिल हैं.