12 मंत्रियों का इस्तीफा और अब अपनी कुर्सी पर खतरा... मार्शल लॉ लगाकर बुरे फंसे दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति
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दक्षिण कोरिया की न्यूज एजेंसी योनहाप के मुताबिक, राष्ट्रपति यून सुक योल के चीफ ऑफ स्टाफ सहित उनकी कैबिनेट के कई शीर्ष सहयोगियों ने इस्तीफा दे दिया है. कई अन्य शीर्ष नेताओं ने भी इस्तीफे की पेशकश की है.
दक्षिण कोरिया में इस समय राजनीतिक अस्थिरता बनी हुई है. मार्शल लॉ लगाने के उनके ऐलान और फिर फैसले से यूटर्न के बाद से उन्हें विपक्ष ही नहीं बल्कि लोगों के गुस्से का भी सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में विपक्ष ही नहीं उनकी कैबिनेट के ही कई सदस्यों ने बगावती सुर अख्तियार किए हैं. कई इस्तीफे हो चुके हैं. खुद राष्ट्रपति पर भी महाभियोग की तलवार लटक रही है.
दक्षिण कोरिया की न्यूज एजेंसी योनहाप के मुताबिक, राष्ट्रपति यून सुक योल के चीफ ऑफ स्टाफ सहित उनकी कैबिनेट के कई शीर्ष सहयोगियों ने इस्तीफा दे दिया है. कहा जा रहा है कि कैबिनेट के 12 मंत्री इस्तीफा सौंप चुके हैं. कई अन्य शीर्ष नेताओं ने भी इस्तीफे की पेशकश की है.
मार्शल लॉ के फैसले का सिर्फ विरोधी ही नहीं बल्कि राष्ट्रपति की कैबिनेट के ही कई नेता भी विरोध कर रहे हैं. उनकी पार्टी पीपुल पावर पार्टी के बड़े नेता हान डोंग हून ने इस फैसले को गलत बताते हुए मुख्य विपक्षी नेता ली जे-म्यूंग से हाथ मिला लिए हैं.
सड़कों पर राष्ट्रपति के खिलाफ रैलियों निकाली जा रही हैं, जिसमें मांग की जा रही है कि उनके खिलाफ महाभियोग लाया जाए. उन पर भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग के आरोप लग रहे हैं.
राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग की मांग
राष्ट्रपति का ऐलान और फिर उस फैसले से यूटर्न उन पर भारी पड़ता नजर आ रहा है. कहा जा रहा है कि संसद में राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग लाया जा सकता है. अगर नेशनल असेंबली में दो-तिहाई से ज्यादा सांसद इसके पक्ष में वोट करते हैं तो उनके खिलाफ महाभियोग चलाया जा सकता है. बता दें कि नेशनल असेंबली में राष्ट्रपति की पीपुल पावर पार्टी के 300 में से 108 सांसद हैं.
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