सीरिया का बड़ा हिस्सा अभी भी विद्रोहियों के हाथ में नहीं? जानिए- तुर्की और इजरायल का किन इलाकों पर कब्जा
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-कब्जा करके भी सीरिया का बड़ा हिस्सा विद्रोहियों के हाथ में नहीं है? जानिए इजरायल, तुर्की ने कौन-कौन से इलाके कब्जा लिए हैं, रूस का बेस किन इलाकों में स्थित है
सीरिया इस समय भारी उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है. विद्रोहियों के विद्रोह की आग में बशर अल असद का किला ढह गया है. वह देश छोड़कर भाग खड़े हुए हैं. लेकिन इस बीच सीरिया मिडिल ईस्ट की हॉट सीट बना हुआ है. हयात तहरीर अल शाम में विद्रोहियों के गुटों के अलावा इजरायल और तुर्की भी सीरिया पर कब्जे की फिराक में है.
27 नवंबर को सीरिया पर पहला हमले से लेकर रविवार को राजधानी दमिश्क में कब्जे तक इन 11 दिनों के भीतर राजनीतिक परिदृश्य पूरी तरह से बदल गया है. होम्स से लेकर इदलिब, अलेप्पो, हमा, दर्रा और राजधानी दमिश्क तक में विद्रोही अपने झंड़े गाड़ चुके हैं. उत्तर पश्चिमी सीरिया में इदलिब प्रांत विद्रोहियों का एक प्रमुख गढ़ है. यह क्षेत्र मुख्य रूप से तहरीर अल-शाम नामक समूह के नियंत्रण में है, जो पूर्व में अल-नुसरा फ्रंट के रूप में जाना जाता था. यह समूह अल-कायदा से जुड़ा हुआ था. इसके साथ ही दक्षिणी सीरिया के क्वुनैतरा जैसे इलाकों में भी कुछ विद्रोही समूह सक्रिय हैं.
कहां-कहां है तुर्की समर्थित विद्रोहियों का कब्जा?
लेकिन सीरिया के एक बड़े हिस्से पर विद्रोहियों के कब्जे के बाद भी तुर्की और इजरायल लगातार अपने कब्जे वाली कार्रवाई को अंजाम दे रहे हैं. पहले बात करते हैं तुर्की की.
2016 से तुर्की का उत्तरी सीरिया के कई हिस्सों पर कब्जा है और वह यहां अमेरिका समर्थित सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेज के नियंत्रण वाले इलाकों पर बमबारी कर रहा है. सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेज को तुर्की आतंकी समूह समझता है.
उत्तरी सीरिया के आफरीन, अजाज, और जेराब्लस तुर्की सेना के नियंत्रण में हैं. ये क्षेत्र 2016 में ऑपरेशन यूफ्रेट्स शील्ड के दौरान और उसके बाद किए गए अन्य सैन्य अभियानों के तहत तुर्की द्वारा कब्जाए गए थे. उत्तरी सीरिया में सीरियन नेशनल आर्मी का दबदबा है. यह तुर्की का समर्थित विद्रोही समूह है. यह गुट 2011 के विद्रोह के बाद असद की सेना से अलग हो गया था.
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सीरिया में विद्रोहियों के कब्जे के बाद भी इजरायल, अमेरिका और तुर्की लगातार हवाई हमले कर रहे हैं. इजरायल ने पिछले 24 घंटों में 300 से ज्यादा हमले किए हैं. इन हमलों का मुख्य लक्ष्य केमिकल हथियारों के भंडार और सीरियाई सेना के हथियार हैं. इजरायल का दावा है कि उसने सीरिया के सबसे बड़े केमिकल हथियारों के ठिकाने को नष्ट कर दिया है. अमेरिका ने इस दावे की पुष्टि की है. इजरायल को डर है कि ये हथियार आईएसआईएस या अलकायदा जैसे आतंकी संगठनों के हाथ न लग जाएं.
सीरिया में बशर अल असद की सरकार पर केमिकल हथियारों के इस्तेमाल के गंभीर आरोप लगे हैं. 2013 और 2017 में हुए बड़े हमलों में सैकड़ों लोगों की मौत हुई. इजराइल ने दमिश्क में एक केमिकल वेपन इंस्टीट्यूट को नष्ट किया. विद्रोहियों ने 11 दिनों में सीरिया के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया. अंतरराष्ट्रीय दबाव में असद सरकार ने केमिकल हथियार नष्ट करने की सहमति दी, लेकिन हमले जारी रहे. अमेरिका ने सीरिया के एयरबेस पर मिसाइल हमला किया.
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