सीरिया के अच्छे दिन आएंगे, या होगा इस्लामिक चरमपंथ का आगाज, क्यों रीब्रांडिंग के बावजूद HTS को लेकर डर?
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बशर अल-असद की सरकार के दो हफ्तों से भी कम वक्त में गिरने के बाद से सीरिया में अलग माहौल है. फिलहाल देश की बागडोर हयात तहरीर अल-शाम (HTS) के हाथ में है, वो जैसा चाहेगा, सीरिया उसी करवट बैठेगा. एचटीएस चूंकि अलकायदा से प्रभावित रहा, लिहाजा ये डर भी बना हुआ है कि कहीं यह चरमपंथी संगठन न साबित हो.
सीरिया में लगभग आधी सदी से चले आ रहे परिवारवाद का खात्मा बशर अल-असद के तख्तापलट के बाद हुआ. राष्ट्रपति असद देश छोड़कर भाग चुके हैं. विद्रोही गुट हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) की वजह से ये बदलाव आ चुका तो जाहिर है कि सत्ता संभालने का मौका भी उसे मिलेगा. लेकिन एक वक्त पर अपने बेहद चरमपंथी रवैए के लिए जाना जाता ये संगठन क्या सामान्य तौर पर देश चला सकेगा? या फिर ये आसमान से गिरे, खजूर पर अटके वाली स्थिति हो सकती है?
क्या है एचटीएस की हिस्ट्री
एचटीएस की लीडरशिप में इस्लामिक विद्रोही गठबंधन की जीत ने कहीं न कहीं सीरियाई नागरिकों समेत सबको परेशान किया हुआ है. दशकों पुरानी सरकार के गिरने पर देश में एक तरह का शून्य पैदा हो चुका है. इसे भरने का काम और जिम्मेदारी दोनों ही एचटीएस पर आ चुकी. लेकिन उसका इतिहास विवादास्पद रहा.
साल 2011 में अरब स्प्रिंग के दौरान कई छोटे -छोटे विद्रोही समूह बन चुके थे. असद सरकार के राज संभालने के बाद ये समूह एकजुट हो गए और एचटीएस तैयार हुआ. इससे पहले ये सारे ही छोटे गुट अलकायदा से जुड़े हुए थे, हालांकि जुड़ने के बाद उन्होंने खुद को अलकायदा से अलग बताया लेकिन डर बना ही हुआ है. इसकी वजह भी है. इस संगठन में सबसे बड़ा हिस्सा जबहत अल-नुसरा का है, जो अपने पुराने रूप में अलकायदा से पूरी तरह से जुड़ा हुआ था.
संगठन तैयार होने के दौरान इसने अलकायदा से औपचारिक दूरी बना ली लेकिन गुट का नेतृत्व और विचारधारा अब भी लगभग वही है.
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सीरिया में विद्रोहियों के कब्जे के बाद भी इजरायल, अमेरिका और तुर्की लगातार हवाई हमले कर रहे हैं. इजरायल ने पिछले 24 घंटों में 300 से ज्यादा हमले किए हैं. इन हमलों का मुख्य लक्ष्य केमिकल हथियारों के भंडार और सीरियाई सेना के हथियार हैं. इजरायल का दावा है कि उसने सीरिया के सबसे बड़े केमिकल हथियारों के ठिकाने को नष्ट कर दिया है. अमेरिका ने इस दावे की पुष्टि की है. इजरायल को डर है कि ये हथियार आईएसआईएस या अलकायदा जैसे आतंकी संगठनों के हाथ न लग जाएं.
सीरिया में बशर अल असद की सरकार पर केमिकल हथियारों के इस्तेमाल के गंभीर आरोप लगे हैं. 2013 और 2017 में हुए बड़े हमलों में सैकड़ों लोगों की मौत हुई. इजराइल ने दमिश्क में एक केमिकल वेपन इंस्टीट्यूट को नष्ट किया. विद्रोहियों ने 11 दिनों में सीरिया के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया. अंतरराष्ट्रीय दबाव में असद सरकार ने केमिकल हथियार नष्ट करने की सहमति दी, लेकिन हमले जारी रहे. अमेरिका ने सीरिया के एयरबेस पर मिसाइल हमला किया.
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