1.62 करोड़ एकमुश्त, मंथली 1 लाख की मिलेगी पेंशन... ये सरकारी योजना बना देगी अमीर!
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अक्सर लोग NPS को लेकर कंफ्यूज रहते हैं, लेकिन यहां आपको पूरी जानकारी मिलेगी. साथ ही यह भी बताएंगे कि कैसे आप हर महीने 1 लाख रुपये की पेंशन उठा सकते हैं और इसके लिए आपको कितना निवेश करना होगा और कितने वक्त लगेंगे?
रिटायरमेंट के बाद लोगों के लिए पेंशन रेगुलर इनकम का सहारा होता है, लेकिन इसकी समय से प्लानिंग नहीं की जाए तो फिर पेंशन का अमाउंट कम हो सकता है. इसलिए अक्सर लोगों को समय निवेश करने की सलाह दी जाती है. अगर आपका लक्ष्य बड़ा अमाउंट पेंशन के तौर पर लेना है तो सरकार की NPS स्कीम आपके लिए बेस्ट हो सकती है, जो रिटायरमेंट के बाद हर महीने 1 लाख रुपये या उससे भी ज्यादा का पेंशन आपको दे सकती है.
अक्सर लोग NPS को लेकर कंफ्यूज रहते हैं, लेकिन यहां आपको पूरी जानकारी मिलेगी. साथ ही यह भी बताएंगे कि कैसे आप हर महीने 1 लाख रुपये की पेंशन उठा सकते हैं और इसके लिए आपको कितना निवेश करना होगा और कितने वक्त लगेंगे?
NPS (नेशनल पेंशन सिस्टम) क्या है? NPS एक सरकारी स्कीम है, जो मार्केट लिंक है. जिसमें कोई भी सरकारी या प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी निवेश कर सकते हैं. यह योजना रिटायरमेंट के बाद पेंशन देने के लिए तैयार की गई है. इस योजना के तहत कर्मचारी और नियोक्ता दोनों के कंट्रीब्यूशन पर टैक्स लाभ मिलता है. यह योजना बाजार से जुड़ी होने के कारण इसमें मार्केट बेस्ड रिटर्न मिलता है. एनपीएस में निवेश के कई विकल्प मौजूद हैं.
एनपीएस के नियम एनपीएस अकाउंट पोर्टेबल होता है यानी इसे देश में कहीं से भी चलाया जा सकता है. इस योजना के तहत रिटायरमेंट के बाद कुल डिपॉजिट पर 60 फीसदी हिस्सा निकाला जा सकता है. बाकी का 40 फीसदी हिस्सा पेंशन योजना में चला जाता है. NPS को पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) की ओर से संचालित किया जाता है. एनपीएस के तहत टियर 1 और टियर 2 अकाउंट खोले जा सकते हैं.
एनपीएस के तहत विड्रॉल रूल वर्तमान में, कोई व्यक्ति कुल कॉर्पस का 60 फीसदी तक एकमुश्त राशि के रूप में निकाल सकता है और बाकी 40 फीसदी एन्युटी पेंशन के तौर पर दिया जाता है. नए NPS गाइडलाइन के तहत अगर कुल कॉर्पस 5 लाख रुपये या उससे कम है तो, सब्सक्राइबर्स एन्युटी प्लान खरीदे बिना पूरी रकम निकाल सकते हैं. ये विड्रॉल अमाउंट भी टैक्स-फ्री है.
किस उम्र में शुरू करें NPS में निवेश प्राइवेट सेक्टर्स के कर्मचारियों की बात करें तो 35 साल की उम्र तक वालों को इक्विटी में ज्यादा एक्सपोजर मिलता है. यह एक्सपोजर 75 फीसदी तक हो सकता है. वहीं एक्टिव च्वॉइस में 50 की उम्र तक इक्विटी में 75 फीसदी एक्सपोजर मिलता है. वहीं 60 की उम्र तक यह एक्सपोजर 5 फीसदी से 50 फीसदी रह जाता है. ऐसे में 35 साल की उम्र में यह प्लानिंग की जाए तो ज्यादा बेस्ट ऑप्शन हो सकता है.
4 डे वर्किंग पैटर्न का सपोर्ट करने वालों का मानना है कि 5 डे वर्किंग पैटर्न पुराने समय के लिए ठीक था. तब कर्मचारियों को इतना तनाव भी नहीं उठाना पड़ता था और ना ही वर्कप्लेस तक जाने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी. अब हफ्ते में सिर्फ 4 दिन काम करने से कर्मचारियों को बड़ा आराम मिलेगा और वे अपने काम में खुश भी नजर आएंगे.
Gold-Silver Price Today: सस्ता हुआ सोना, चांदी की कीमत में भी गिरावट, जानें गोल्ड-सिल्वर का ताजा भाव
इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (India Bullion And Jewellers Association) के मुताबिक, सोमवार को शाम को 24 कैरेट सोना (Gold Rate) 80397 रुपये प्रति 10 ग्राम था, जो आज, 28 जनवरी, 2025 की सुबह कमी के साथ 80006 रुपये तक आ गया है. इसी तरह शुद्धता के आधार पर सोना-चांदी दोनों ही सस्ते हुए हैं.
रिपोर्ट में राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) की सीमा को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये करने और धारा 80D के तहत हेल्थ इंश्योरेंस डिडक्शन को 25,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये करने की सिफारिश की गई है. इसके अलावा, SBI रिसर्च ने 10-15 लाख रुपये की इनकम लिमिट के लिए टैक्स की रेट को घटाकर 15% करने और सभी बैंक डिपॉजिट्स पर एक समान 15% कर टैक्स लागू करने का प्रस्ताव रखा है.