
सोलापुर का गायकवाड परिवार: क्या है सचिन तेंदुलकर, IPL और रोड सेफ़्टी वर्ल्ड सीरीज़ से इनका कनेक्शन?
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रोड सेफ़्टी वर्ल्ड सीरीज़ के मुख्य प्रमोटर हैं रवि गायकवाड. रवि ठाणे (कोंकण रेंज) के आरटीओ चीफ़ हैं. सचिन तेंदुलकर रोड सेफ़्टी वर्ल्ड सीरीज़ के ब्रांड एम्बेसडर हैं. इसके अलावा सुनील गावस्कर भी इस लीग से जुड़े हुए हैं. सुनील गावस्कर को इस लीग का कनिश्नर नियुक्त किया गया था. सुनील गास्वकर की कम्पनी प्रोफ़ेशनल मैनेजमेंट ग्रुप इस सीरीज़ का सारा ऑन ग्राउंड ऑपरेशन, को-ऑर्डिनेशन, प्लेयर मैनेजमेंट, स्पॉन्सरशिप और सेल्स का काम देखती है.
2017 में सुप्रीम कोर्ट ने कमिटी ऑफ़ एडमिनिस्ट्रेटर्स (CoA) के हाथों में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को सौंप दिया. उनकी ओर से कई टिप्पणियां और सुझाव आये. समय बीतता गया और सुधार की बाट जोह रही आंखों ने CoA को बिखरते और फिर टाइम-पास में तब्दील होते देखा. होते-करते इस कमिटी को झाड़-पोछकर किनारे रख दिया गया और टीम सौरव गांगुली ने बीसीसीआई की चाभी अपनी अंटी में बांध ली. 2019 आते-आते, भारतीय क्रिकेट की सत्ता का हस्तांतरण होते-होवाते, भारतीय क्रिकेट प्रशासन की ख़ामियों की बातें दबती गयीं. 2019 के बाद ऐसी बातें होनी ही बंद हो गयीं. भारतीय क्रिकेट, सनद रहे कि इसमें आईपीएल भी शामिल है, निहायती प्योर ऐंड पायस मालूम होने लगा. हालिया वाकयों में, 21 अगस्त 2022 को मध्य प्रदेश क्रिकेट असोसिएशन के पूर्व सदस्य संजीव गुप्ता ने बीसीसीआई से जुड़े लोगों के ख़िलाफ़ दायर अपनी सभी 21 शिकायतों को वापस ले लिया. उन्होंने इस बारे में सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि अपनी सेहत और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वो ये कदम उठा रहे थे. संजीव गुप्ता की शिकायतों के बाद बीसीसीआई ने नीता अम्बानी से जो जवाब मांगे थे, उनके बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आयी है. विकास के क्रम में आईपीएल दुनिया की सबसे बड़ी और महंगी क्रिकेट लीग बन गयी. प्रति मैच के मामले में ये दुनिया का दूसरा सबसे महंगा टूर्नामेंट बन गया. इसने एक काम और किया - दुनिया भर में और भी छोटी-छोटी क्रिकेट लीग्स को जन्म दिया. इन क्रिकेट लीग्स में एक आयी - रोड सेफ़्टी वर्ल्ड सीरीज़. इस सीरीज़ में दुनिया भर के दिग्गज रिटायर्ड खिलाड़ी खेलते हैं. भारतीय जड़ों वाली इस लीग को सड़क पर सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने के ध्येय के साथ शुरू किया गया था. इस लीग को भारतीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का समर्थन प्राप्त है. लेकिन इस लीग का कर्ता-धर्ता कौन है? इसका जवाब मज़ेदार है. इसका आईपीएल, सचिन तेंदुलकर, कांग्रेस आदि से भी कनेक्शन है. और इस सब के पीछे है महाराष्ट्र के सोलापुर का गायकवाड परिवार.
मई 2021 में ऑस्ट्रेलियन प्लेयर ब्रैड हॉग ने ट्वीट करके कहा कि कोच्चि टस्कर्स टीम से आईपीएल में खेलने वाले खिलाड़ियों को तय रक़म का 35% हिस्सा मिलना बाक़ी था. उन्होंने बीसीसीआई से गुहार लगायी कि उस पैसे की कोई खोज-ख़बर ली जाए. 2022 में रोड सेफ़्टी वर्ल्ड सीरीज़ के बारे में भी यही सुनने को मिला कि इसके खिलाड़ियों को पूरे पैसे नहीं दिए गए थे. ख़बर ये भी थी कि सचिन तेंदुलकर को भी पूरा पेमेंट नहीं मिला था. इसके साथ ही बांग्लादेशी खिलाड़ियों के भी नॉन-पेमेंट की वजह से बिदके होने की बात सामने आयी थी. हालांकि लीग की तरफ़ से सफ़ाई आयी कि नॉन-पेमेंट की सभी ख़बरें आधारहीन थीं और खिलाड़ियों को कैसी भी, कोई भी समस्या नहीं थी. इन दोनों इकाईयों, कोच्चि टस्कर्स और रोड सेफ़्टी वर्ल्ड सीरीज़ के पीछे गायकवाड भाई खड़े दिखते हैं. शैलेन्द्र गायकवाड और रवि गायकवाड. महाराष्ट्र के सोलापुर ज़िले में किशनराव गायकवाड सिंचाई विभाग में डिप्टी एग्ज़ेक्यूटिव इंजीनियर के पद से रिटायर हुए. उनकी पत्नी पुष्पा गृहणी थीं. किशनराव और पुष्पा गायकवाड की तीन संतानें थीं - शैलेन्द्र, रवीन्द्र और प्रतिभा. प्रतिभा यूनाइटेड किंगडम में स्त्री-रोग विशेषज्ञ (gynaecologist) हैं. शैलेन्द्र गायकवाड शैलेन्द्र गायकवाड को सोलापुर में लोग प्रदीप के नाम से जानते हैं. उन्होंने उस्मानाबाद में इलेक्ट्रिकल ब्रांच से इंजीनियरिंग पूरी की और फिर कई उद्यमों में हाथ आज़माए. पुष्पा ऑटोमोटिव्स इसमें से एक था. ये महिंद्रा की गाड़ियों की डीलरशिप का काम था. कोच्चि टस्कर्स में शैलेन्द्र का नाम सामने आने के बाद सोलापुर में उनके भव्य बंगले पर जब पत्रकारों की भीड़ पहुंची तो वहां प्रतिभा ने सभी से बात की और बताया कि शैलेन्द्र ने पुष्पा ऑटोमोटिव्स को कई साल पहले बेच दिया था. मालूम ये भी चला कि शैलेन्द्र ने कन्नडा फ़िल्मों में भी हाथ आजमाया था. कई जगहों पर ऐसा कहा गया कि दिग्गज डायरेक्टर प्रियदर्शन की हिंदी फ़िल्म मालामाल वीकली के कन्नडा रीमेक में शैलेन्द्र ने ऐक्टिंग की थी और इस फ़िल्म का निर्देशन भी उन्होंने किया.
हालांकि इंटरनेट पर कई जगह ढूंढने पर मालूम चला कि मालामाल वीकली को जब कन्नडा में बनाया गया, तो उसे नाम मिला 'डकोटा पिक्चर'. और इसका निर्देशन एन ओमप्रकाश राव ने किया था. खैर, शैलेन्द्र गायकवाड ने इसके अलावा सोलापुर में पुष्पा क्रिकेट एकेडमी भी शुरू की. कुछ ही समय में वहां सोलापुर प्रीमियर लीग भी शुरू हो गयी जिसमें शैलेन्द्र की अपनी टीम भी हिस्सा लेती थी. सोलापुर प्रीमियर लीग 2009 में शुरू हुई थी और इसका आयोजन कांग्रेस के बड़े नेता सुशील कुमार शिंदे की बेटी प्रणीति शिंदे ने स्थानीय कांग्रेस नेताओं के साथ मिलकर किया था. सोलापुर प्रीमियर लीग में टीम उतारने के 2 साल बाद शैलेन्द्र गायकवाड रॉन्देवू स्पोर्ट्स वर्ल्ड के नाम के साथ इंडियन प्रीमियर लीग में अपनी एक टीम की जगह पक्की करवा चुके थे.
रवीन्द्र/रवि गायकवाड रवीन्द्र गायकवाड ने वालचंद कॉलेज से मेकेनिकल इंजीनियरिंग में बीई की डिग्री हासिल की. इसके बाद वो आगे चलकर रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफ़िसर बन गए. हालांकि ये उनकी पहली पसंद नहीं थी. असल में रवीन्द्र यूपीएससी क्लियर करना चाहते थे. लेकिन असफल रहने के बाद उन्होंने दूसरी राह पकड़ी और ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट में असिस्टेंट रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफ़िसर बन गए. यहीं एक ऐसी घटना घटी जिसके चलते भारत सरकार को फ़रवरी 2003 में कस्टम्स ऐक्ट में बदलाव करने पड़े थे. सचिन तेंदुलकर को डॉन ब्रैडमैन के रिकॉर्ड की बराबरी करने पर जुलाई 2002 में फ़िएट की ओर से जो फ़रारी उपहार में मिली थी, उसकी कस्टम ड्यूटी माफ़ करने वाले ट्रांसपोर्ट ऑफ़िसर रवीन्द्र गायकवाड ही थे. बाद में, जब ये मामला सामने आया तो सरकार ने अधिकारिक रूप से ये घोषणा की कि उन्होंने एक करोड़ से ऊपर की ड्यूटी की छूट सचिन को दे दी थी. आगे चलकर, फ़रवरी 2003 में फ़ाइनेंशियल बिल के साथ कस्टम्स ऐक्ट में संशोधन का प्रस्ताव रखा जिसे मंज़ूरी भी मिल गयी.
रवीन्द्र गायकवाड की हाई-प्रोफ़ाइल शख्सियतों से नज़दीकियां शुरू हो चुकी थीं. माना जाता है कि इसी दौरान उनकी कई ऐसे बड़े लोगों से दोस्ती हुई जो इम्पोर्टेड गाड़ियों का शौक रखते थे. इसके बाद रवीन्द्र पर एक बड़ा आरोप लगा. जिस वक़्त वो अंधेरी डिवीज़न में डिप्टी आरटीओ थे, उनका नाम महंगी इम्पोर्टेड बाइकों की ड्यूटी छोड़ने के घोटाले में आया. उनके अलावा 17 और अफ़सरों का नाम शामिल थे. एक ओर जांच शुरू हुई और दूसरी तरफ़ 18 में 11 लोगों को सस्पेंड कर दिया गया और इस घोटाले में छोटा रोल निभाने वाले बचे 7 लोगों को ट्रांसफ़र लेटर थमा दिया गया. रवीन्द्र गायकवाड को मराठवाड़ा ज़िले के बीड में ट्रांसफ़र किया गया. लेकिन उन्होंने ड्यूटी नहीं जॉइन की और छुट्टी पर चले गए. 12 साल बाद, 2010 में रवीन्द्र गायकवाड को जांच में निर्दोष पाया गया. हालांकि उनपर ड्यूटी पर न आने का चार्ज लगाया गया.
इन दोनों भाइयों की पहुंच और ओहदे का आलम ये था कि सोलापुर में 2005 में बहन प्रतिभा की शादी में सचिन तेंदुलकर और दिलीप वेंगसरकर मौजूद थे. इससे भी पहले, जब पुष्प ऑटोमोटिव्स का उद्घाटन हुआ था, तो ये सुनील गावस्कर के हाथों हुआ. उस मौके पर ज़हीर ख़ान और नयन मोंगिया भी मौजूद थे.

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