शाहिद ने कहा 'पंकज कपूर का बेटा' होने के बावजूद हैं आउटसाइडर, बोले 'कैरेक्टर एक्टर्स की कोई पावर नहीं होती'
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शाहिद ने कहा कि हर कदम पर उन्हें जितनी मेहनत लगी उसकी वजह से ही अपनी जगह बन जाने पर होने वाली संतुष्टि ज्यादा होती है. उन्होंने कहा कि एक एक्टर को ट्रेन में ट्रेवल करने का अनुभव पता होना चाहिए, उसे इस सवाल का अनुभव होना चाहिए कि फोटोशूट के पैसे कहां से आएंगे.
बॉलीवुड स्टार शाहिद कपूर की लास्ट रिलीज 'तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया' इस साल की हिट हिंदी फिल्मों में से एक है. फिल्म की सक्सेस एन्जॉय कर रहे शाहिद इन दिनों अपनी अगली फिल्म 'देवा' पर काम कर रहे हैं जो एक एक्शन एंटरटेनर है. करियर की शुरुआत से ही फैन्स के फेवरेट एक्टर्स में एक बन चुके शाहिद ने अब कहा है कि वो खुद को आउटसाइडर ही मानते हैं.
शाहिद ने इंडस्ट्री में पहले से काम कर रहे एक्टर का बेटा होने के फायदे-नुक्सान पर दिल खोलकर बात की. उन्होंने कहा कि भले उनके पिता पहले से एक्टर थे लेकिन उन्हें इस बात का कोई फायदा नहीं मिला, शाहिद ने ये भी कहा कि वो खुद इस इंडस्ट्री में बाहर से आए हैं.
'कैरेक्टर एक्टर की कोई पावर नहीं होती' नेहा धूपिया के शो 'नो फिल्टर नेहा' पर पहुंचे शाहिद ने कहा, 'लोग कहते हैं कि ये पंकज कपूर का बेटा है और बाकी सब... लेकिन आपको पता है कैरेक्टर एक्टर्स की कोई पावर नहीं होती, सिर्फ स्टार्स की होती है. सिर्फ बड़ी फिल्मों के सुपरस्टार्स, डायरेक्टर्स और प्रोड्यूसर्स के पास पावर होती है. अगर आप बी.एम.डब्ल्यू में अपना स्ट्रगल शुरू करते हैं और अपनी शुरुआत के बाद एक और बी.एम.डब्ल्यू खरीद लेते हैं, तो उसमें क्या मजा है? जब आप श्यामक (कोरियोग्राफर श्यामक डावर) के साथ करियर शुरू करते हैं तो आप लाइन में आखिरी व्यक्ति होते हैं. स्टार बनना तो छोड़िए, आप अपने साथियों से भी पीछे होते हैं. आपको पहली लाइन में खड़े होने का, कोने की बजाय सामने खड़े होने का हक भी कमाना पड़ता है और इसमें बहुत ज्यादा मेहनत लगती है, जो मुझे बहुत पसंद है.'
शाहिद ने कहा कि हर कदम पर उन्हें जितनी मेहनत लगी उसकी वजह से ही अपनी जगह बन जाने पर होने वाली संतुष्टि ज्यादा होती है. उन्होंने कहा कि एक एक्टर को ट्रेन में ट्रेवल करने का अनुभव पता होना चाहिए, उसे इस सवाल का अनुभव होना चाहिए कि फोटोशूट के पैसे कहां से आएंगे.
पेरेंट्स के अलग होने से भी पड़ा फर्क शाहिद ने बताया कि उनके पेरेंट्स के अलग होने से उन्हें कैसे फर्क पड़ा था. उन्होंने कहा, 'मेरे पेरेंट्स के अलग होने से मुझमें अंदर ये एक प्राइड वाली बात भी थी कि मैं अपने बारे में किसी को कुछ नहीं बताने वाला, तो मैंने कभी किसी को कुछ नहीं बताया. मैंने अपनी पहली फिल्म साइन करने के बाद अपने डैड को बताया था. उन्हें पता भी नहीं था.'
'मैं भी बाहर से आया हूं' शाहिद ने नेहा से बातचीत में कहा कि वो खुद को बाहरी ही मानते हैं. उन्होंने कहा, 'मैं असल में खुद बाहर से ही आया था, क्योंकि मैं अपनी मां के साथ दिल्ली से बॉम्बे आया था और मैंने स्ट्रगल किया. मेरे पास कोई दूसरा रास्ता ही नहीं था. टैलेंट का मतलब है उतने मौके न मिलना जितने मिलने चाहिए और मुझे खुद पर गर्व है कि मैं आज यहां उस काम के दम पर हूं जो मैंने किया, उस एक्टर की वजह से हूं जो मैं बन सका. और मेरे अंदर जो कुछ भी है, मैं वो पूरी तरह अपनी क्राफ्ट में लगा देता हूं.'
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