लालू परिवार में जारी है रार, जन्माष्टमी पर ‘कृष्ण’ के पोस्टर से ‘अर्जुन’ गायब
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जन्माष्टमी के अवसर पर पटना की सड़कों पर पोस्टर लगे हैं, जिनमें तेजप्रताप यादव हैं, लालू-राबड़ी भी हैं लेकिन तेजस्वी यादव नहीं हैं. खास बात ये है कि तेजप्रताप यादव हमेशा खुद को कृष्ण और तेजस्वी यादव को अपना अर्जुन बताते आए हैं.
बिहार के सबसे बड़े राजनीतिक परिवार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव के बीच राजनीतिक जंग काफी दिनों से चल रही है, अब कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) के मौके पर इसका एक और उदाहरण दिखाई दिया है. जन्माष्टमी के अवसर पर पटना की सड़कों पर पोस्टर लगे हैं, जिनमें तेजप्रताप यादव हैं, लालू-राबड़ी भी हैं लेकिन तेजस्वी यादव नहीं हैं. खास बात ये है कि तेजप्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) हमेशा खुद को कृष्ण और तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) को अपना अर्जुन बताते आए हैं. पटना में ये पोस्टर तेजप्रताप के समर्थकों द्वारा लगाए गए हैं. रविवार के ये पोस्टर लगे, लेकिन तेजप्रताप यादव द्वारा जब इनकी तस्वीरों को सोशल मीडिया पर साझा किया गया. तब उनमें तेजस्वी यादव का चेहरा जरूर दिखाई दिया. मेरे ईष्ट मेरे आराध्य,देवकीनंदन, महाराजाधिराज द्वारिकानाथ ,बालयोगी भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर आप सभी को बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं ! भगवान मुरलीमनोहर की सदैव कृपा आप पे बनी रहे 💐 pic.twitter.com/95zwymIpJSमहाराष्ट्र के ठाणे में एक बच्ची का शव मिलने के बाद लोग आक्रोशित हो गए. दरअसल उल्हासनगर इलाके में तीन दिनों पहले एक बच्ची लापता हो गई थी जिसके बाद परिजनों ने थाने में गायब होने की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी. इसी के बाद गुरुवार को उसका शव हिल लाइन पुलिस स्टेशन से कुछ दूरी पर मिला जिसे देखकर स्थानीय लोग भड़क गए.
गौतम अडानी पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिका के निवेशकों के पैसे से भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी और ये रिश्वत भी उन प्रोजेक्ट्स के लिए दी गई, जिससे 20 वर्षों में अडानी ग्रुप की एक कम्पनी को 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर्स यानी भारतीय रुपयों में लगभग 16 हज़ार 881 करोड़ रुपये का मुनाफा होने का अनुमान है. आरोप है कि इस मुनाफे के लिए साल 2021 से 2022 के बीच आंध्र प्रदेश, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ की सरकारों को लगभग 2200 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई.
गौतम अडानी एक बार फिर चर्चा में हैं क्योंकि उन पर सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के ठेके पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को करोड़ों रुपये की रिश्वत देने का आरोप है. इस मामले पर NSUI ने भी प्रदर्शन किया है. इस मुद्दे ने राजनीतिक और व्यावसायिक जगत में खलबली मचा दी है, जिसमें भ्रष्टाचार और व्यापारिक नैतिकता के सवाल शामिल हैं.