रूस में आज होगी वो मीटिंग, जिस पर टिकी हैं दुनिया की निगाहें... 5 साल बाद एक टेबल पर होंगे जिनपिंग और PM मोदी
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आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक होनी है. दुनियाभर में जारी उथल-पुथल और अलग-अलग देशों में चल रही जंग के बीच यह मीटिंग कई मायनों में खास है. भारत पर कनाडा के आरोपों के बीच भी इस बैठक को बेहद अहम माना जा रहा है.
रूस के कजान शहर में आज एक ऐतिहासिक मीटिंग होने जा रही है, जिस पर अमेरिका सहित पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हुई हैं. इस मीटिंग में एशिया के दो दिग्गज देशों के राष्ट्र प्रमुख पूरे 5 साल बाद एक टेबल पर बैठकर औपचारिक बातचीत करने वाले हैं.
दरअसल, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक होनी है. दुनियाभर में जारी उथल-पुथल और अलग-अलग देशों में चल रही जंग के बीच यह मीटिंग कई मायनों में खास है. जिनपिंग और पीएम मोदी का आमना-सामना इससे पहले 2019 में ब्राजील में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हुआ था और अब 2024 में फिर ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान ही दोनों नेता आपस में मुलाकात करने जा रहे हैं.
विदेश सचिव ने की बैठक की पुष्टि
रूस के कजान शहर में प्रेस कांफ्रेंस कर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने दोनों नेताओं के बीच होने वाली द्विपक्षीय वार्ता की पुष्टि कर दी है. मिस्री ने कहा कि दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच यह बैठक ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मौके पर 23 अक्टूबर को होगी. हालांकि, समय बुधवार को ही तय किया जायेगा.
फाइव आइज को मिलेगा कड़ा जवाब
भारत पर कनाडा पिछले कुछ दिनों से लगातार बेबुनियाद आरोप लगा रहा है, जिसमें अमेरिका सहित कई फाइव आइज देश भी उसका पक्ष लेते नजर आ रहे हैं. जिनपिंग और पीएम मोदी की इस बैठक को फाइव आइज ग्रुप के खिलाफ कड़े जवाब के तौर पर भी देखा जा रहा है. बता दें कि अगर चीन के साथ संबंधों में सुधार आ जाता है तो भारत की पश्चिमी देशों के साथ बेहतर संबंध की निर्भरता काफी हद तक कम हो जायेगी.
रूस के कजान में ब्रिक्स सम्मेलन के इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ईरान के राष्ट्रपति मसूद पजेश्कियन ने पश्चिम एशिया में शांति की पहल और भारत-ईरान संबंधों को मजबूत बनाने पर चर्चा की. चाबहार पोर्ट और INSTC जैसे अहम परियोजनाओं पर ध्यान केन्द्रित करते हुए, भारत ने क्षेत्रीय बातचीत और कूटनीति की वकालत की.