रामदेव के समर्थन में आईं साध्वी प्राची, IMA के बहाने मदर टेरेसा पर भी निशाना
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साध्वी प्राची ने कहा कि यह केवल धर्मांतरण का खेल हिंदुस्तान में चल रहा है. सरकारों को इस पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. शल्य चिकित्सा हमारे आयुर्वेद में पहले से ही है.
अक्सर विवादों में रहने वाली साध्वी प्राची आयुर्वेद बनाम एलोपैथ के विवाद में स्वामी रामदेव के पक्ष में उतर गई हैं. उन्होंने एक वीडियो के जरिए बयान जारी कर आईएमए और मदर टेरेसा पर जबरदस्त हमला बोला है. साध्व प्राची ने कहा कि आईएमए द्वारा 1928 में एक एनजीओ बनाया गया था. उन्होंने कहा कि एक जादूगरनी थी हिंदुस्तान के अंदर...मदर टेरेसा जो छू करके लोगों को सही कर देती थी. उनकी मौत खुद अस्पताल में हुई थी. साध्वी प्राची यहीं नहीं रुकीं, उन्होंने कहा कि स्वामी रामदेव जी ने करोड़ों लोगों को ठीक किया है. साध्वी प्राची ने कहा, 'आईएमए के लोगों कान खोल कर सुन लो, चुल्लू भर पानी में डूब मरो, शर्म करो.' उन्होंने कहा कि, 'आयुर्वेद पर कीचड़ उछालने वालों कान खोल करके सुन लो. स्वामी रामदेव जी राष्ट्र के लिए बहुत बड़ा कार्य कर रहे हैं. वह करोड़ों लोगों को ठीक कर रहे हैं.' साध्वी प्राची ने कहा कि यह धर्मांतरण का खेल हिंदुस्तान में चल रहा है. सरकारों को इस पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. शल्य चिकित्सा हमारे आयुर्वेद में पहले से ही है.महाराष्ट्र के ठाणे में एक बच्ची का शव मिलने के बाद लोग आक्रोशित हो गए. दरअसल उल्हासनगर इलाके में तीन दिनों पहले एक बच्ची लापता हो गई थी जिसके बाद परिजनों ने थाने में गायब होने की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी. इसी के बाद गुरुवार को उसका शव हिल लाइन पुलिस स्टेशन से कुछ दूरी पर मिला जिसे देखकर स्थानीय लोग भड़क गए.
गौतम अडानी पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिका के निवेशकों के पैसे से भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी और ये रिश्वत भी उन प्रोजेक्ट्स के लिए दी गई, जिससे 20 वर्षों में अडानी ग्रुप की एक कम्पनी को 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर्स यानी भारतीय रुपयों में लगभग 16 हज़ार 881 करोड़ रुपये का मुनाफा होने का अनुमान है. आरोप है कि इस मुनाफे के लिए साल 2021 से 2022 के बीच आंध्र प्रदेश, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ की सरकारों को लगभग 2200 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई.
गौतम अडानी एक बार फिर चर्चा में हैं क्योंकि उन पर सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के ठेके पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को करोड़ों रुपये की रिश्वत देने का आरोप है. इस मामले पर NSUI ने भी प्रदर्शन किया है. इस मुद्दे ने राजनीतिक और व्यावसायिक जगत में खलबली मचा दी है, जिसमें भ्रष्टाचार और व्यापारिक नैतिकता के सवाल शामिल हैं.