यूपी में टोटल लॉकडाउन नहीं लगाने पर क्यों अड़ी है योगी सरकार?
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को लखनऊ, कानपुर और वाराणसी सहित पांच शहरों में 26 अप्रैल तक पूर्ण लॉकडाउन लगाने का आदेश दिया था. हालांकि योगी सरकार लॉकडाउन लगाने को तैयार नहीं हुई और सुप्रीम कोर्ट के जरिए इस आदेश पर रोक लगवाने में सफल रही. सवाल उठ रहे हैं कि आखिर योगी सरकार कोर्ट के आदेश के बावजूद सूबे में लॉकडाउन नहीं लगाने पर क्यों अड़ी?
कोरोना संक्रमण के मामले उत्तर प्रदेश में बढ़ते जा रहे हैं. सूबे की राजधानी लखनऊ सहित तमाम बड़े शहरों में कोरोना के कहर से हालात खराब होते जा रहे हैं. ऐसे में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सोमवार को लखनऊ, कानपुर और वाराणसी सहित पांच शहरों में 26 अप्रैल तक पूर्ण लॉकडाउन लगाने का आदेश दिया. हालांकि योगी सरकार लॉकडाउन लगाने को तैयार नहीं हुई और सुप्रीम कोर्ट के जरिए इस आदेश पर रोक लगवाने में सफल रही. सवाल उठ रहे हैं कि आखिर योगी सरकार कोर्ट के आदेश के बावजूद सूबे में लॉकडाउन नहीं लगाने पर क्यों अड़ी? लॉकडाउन न लगाने पर योगी सरकार का तर्क इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा प्रदेश के पांच शहरों में पूर्ण लॉकडाउन के आदेश पर योगी सरकार ने साफ कहा कि फिलहाल यूपी में पूर्ण लॉकडाउन का इरादा नहीं है. योगी सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि सख्ती कोरोना के नियंत्रण के लिए आवश्यक है. इसके लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं और आगे भी सख्त कदम उठाए जा रहे हैं. जीवन बचाने के साथ साथ गरीबों की आजीविका भी बचानी है, जिसके चलते लॉकडाउन नहीं लगा सकते हैं. सभी जिलों में रात्रिकालीन कोरोना कर्फ्यू के साथ साथ 15 मई तक पूरे प्रदेश में रविवार को साप्ताहिक बंदी घोषित की गई है. राज्य सरकार ने उपचार के साथ-साथ सख्ती के जो कदम उठाए हैं, उससे कोरोना की रोकथाम में मदद मिलेगी. ऐसे में प्रदेश सरकार फिलहाल पूर्ण लॉकडाउन लगाने पर विचार नहीं कर रही.NCP के प्रवक्ता महेश चव्हाण ने हाल ही में EVM पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति EVM पर संदेह नहीं कर रहा है, तो वो राजनीति छोड़ देंगे. उन्होंने इस मुद्दे पर राजनीतिक विश्लेषक आशुतोष से चर्चा करते हुए EVM के हैक होने की संभावना को लेकर भी बातें कीं. आशुतोष ने इस संबंध में महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किए. EVM की सुरक्षा और पारदर्शिता पर इस चर्चा से राजनीतिक गलियारों में नई हलचल देखने को मिल रही है.
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