'मेक इन इंडिया से ग्लोबल ग्रोथ को मिल सकती है रफ्तार', SCO सदस्यों को पीएम मोदी का संदेश
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पीएम मोदी ने अपनी टिप्पणी में दोहराया कि आतंकवाद से निपटने को स्वाभाविक रूप से प्राथमिकता दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर इसे अनियंत्रित छोड़ दिया गया तो यह क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए बड़ा खतरा बन सकता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि 'मेक इन इंडिया' पहल वैश्विक विकास के इंजनों को जोड़ सकती है और वैश्विक अर्थव्यवस्था को लोकतांत्रिक बनाने में मदद कर सकती है. विदेश मंत्री एस जयशंकर एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना पहुंचे हैं. यहां उन्होंने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के प्रमुखों की बैठक में पीएम मोदी की टिप्पणियों को पढ़ा.
पीएम मोदी ने एससीओ सदस्यों से कहा, 'सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक प्रतिक्रिया की जरूरत है और टेरर फंडिंग और भर्ती का प्रभावी ढंग से मुकाबला किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत क्षमता बढ़ाने में दूसरों के साथ साझेदारी करने के लिए तैयार है, खासकर ग्लोबल साउथ के देशों के साथ.
'आतंकवाद से निपटने को दी जाए प्राथमिकता'
प्रधानमंत्री ने कहा कि नई कनेक्टिविटी लिंकेज देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने वाली होनी चाहिए. एससीओ शिखर सम्मेलन में विदेश मंत्री जयशंकर द्वारा पढ़ी गई पीएम मोदी की टिप्पणियों में उन्होंने कहा, 'आतंकवाद को देशों द्वारा अस्थिरता के उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है.'
पीएम मोदी ने अपनी टिप्पणी में दोहराया कि आतंकवाद से निपटने को स्वाभाविक रूप से प्राथमिकता दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर इसे अनियंत्रित छोड़ दिया गया तो यह क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए बड़ा खतरा बन सकता है.
पीएम ने रईसी की मौत पर जताया दुख
1991 में गल्फ वॉर की समाप्ति ने ईरान और इज़रायल के बीच खुली दुश्मनी के युग की शुरुआत की. सोवियत संघ के पतन और एकमात्र महाशक्ति के रूप में अमेरिका के उदय ने इस क्षेत्र को और अधिक पोलराइज्ड कर दिया. वहीं, ईरान और इज़रायल ने खुद को लगभग हर प्रमुख जियो-पॉलिटिकल विमर्श में एक दूसरे के खिलाफ पाया. 1980 के दशक में शुरू हुआ ईरान का न्यूक्लियर प्रोग्राम 1990 के दशक से विवाद का केंद्र बन गया.