महाराष्ट्र सीएम बने तो देवेंद्र फडणवीस को क्या क्या मैनेज करना होगा? | Opinion
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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद के लिए देवेंद्र फडणवीस का नाम उनके समर्थकों ने आगे किया है, न कि बीजेपी नेतृत्व ने. महाराष्ट्र के मामले में बीजेपी काफी सोच समझकर कदम बढ़ा रही है, खासकर देवेंद्र फडणवीस के नाम को लेकर - सामने मराठा जैसा संवेदनशील मुद्दा भी तो है.
देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री बनने की राह में सबसे बड़ी बाधा तो एकनाथ शिंदे ही थे. बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस के लिए ये बड़ी ही राहत वाली बात है कि शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने अपनी दावेदारी वापस ले ली है.
एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री न बनने की सूरत में उनके नये रोल को लेकर भी अलग अलग तरह के कयास लगाये जा रहे हैं. कभी उनके केंद्र सरकार का हिस्सा बनने तो कभी महाराष्ट्र में ही उनकी भूमिका तलाशी जा रही है, और ऐसी चर्चाएं अंदर बाहर दोनो तरफ हो रही हैं - महायुति के एक और मजबूत पार्टनर एनसीपी नेता अजित पवार ने तो पहले बीजेपी के मुख्यमंत्री को अपना समर्थन दे दिया था.
अजित पवार की ही तरह अब एकनाथ शिंदे ने भी साफ कर दिया है कि उनको भी बीजेपी हाईकमान का फैसला खुशी खुशी मंजूर होगा. इस बीच उनके बेटे को डिप्टी सीएम बनाये जाने की भी चर्चा चल रही है.
एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने अपनी तरफ से भले ही देवेंद्र फडणवीस के रास्ते के कांटे साफ कर दिये हों, लेकिन जब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी नेता अमित शाह की मंजूरी नहीं मिल जाती, सारी बातें बेकार लगती हैं. ये बात देवेंद्र फडणवीस भी अच्छी तरह जानते हैं. इस बीच वो दिल्ली का भी दौरा कर चुके हैं. देवेंद्र फडणवीस ने अपनी तरफ से दिल्ली दौरे को लेकर सफाई भी दी थी कि वो शादी समारोह में शामिल होने पहुंचे थे.
महायुति को मिली 230 विधानसभा सीटों में से बीजेपी को 132 सीटें मिल जाने के साथ ही देवेंद्र फडणवीस की मुख्यमंत्री पद पर दावेदारी पक्की हो गई थी, लेकिन ये तो अब तक पक्का नहीं हो पाया है कि वो मुख्यमंत्री बनने ही जा रहे हैं. माना जा रहा है कि बीजेपी नेतृत्व देवेंद्र फडणवीस के अलावा कुछ और भी नाम पर विचार कर रहा है. बीजेपी में मराठा नेताओं की बात करें तो एक नाम तो विनोद तावड़े ही हैं, जो देवेंद्र फडणवीस के कट्टर विरोधी हैं, और हाल ही में विवादों में भी थे. मराठा चेहरों में आशीष शेलार और राधाकृष्ण विखे पाटिल जैसे नेता भी हैं. राधाकृष्ण विखे पाटिल को अमित शाह का करीबी भी माना जाता है - अगर मराठा समुदाय से बीजेपी आलाकमान को कोई मराठा नेता पसंद आ गया तो देवेंद्र फडणवीस के लिए मुश्किल भी हो सकती है.
ये तो रहीं, देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री बनने से पहले की मुश्किलें, मुख्यमंत्री बन जाने के बाद भी देवेंद्र फडणवीस के लिए रास्ता कोई आसान नहीं रहने वाला है.
अजित पवार की नजरें अब एनसीपी के लिए ‘राष्ट्रीय पार्टी’ का दर्जा पाने पर भी टिकी हैं. उन्होंने अपने गुट के लिए राष्ट्रीय दर्जा हासिल करने की इच्छा को व्यक्त करते हुए कहा, “हमारी पार्टी एक राष्ट्रीय पार्टी थी – इसके लिए हमें अब और काम करने की जरूरत है, हम लड़ेंगे और हम सफलता हासिल करेंगे. असली नकली (एनसीपी) का कोई सवाल नहीं है. सबको चुनाव आयोग ने सिंबल दिया है.
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