'पीएम मोदी भी हर साल चादर चढ़ाते हैं...', अजमेर दरगाह विवाद पर बोले असदुद्दीन ओवैसी
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अजमेर की सिविल कोर्ट ने अल्पसंख्यक मंत्रालय, दरगाह कमेटी और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग यानी ASI को नोटिस भेजा है. इस याचिका में रिटायर्ड जज हरबिलास सारदा की 1911 में लिखी किताब का हवाला देते हुए दरगाह के निर्माण में मंदिर का मलबा होने का दावा किया गया है. साथ ही गर्भगृह और परिसर में एक जैन मंदिर होने की बात भी कही जा रही है. अब हिंदू संगठनों के दावे के बाद से इस पर सियासत तेज हो गई है.
अजमेर दरगाह को लेकर हिंदू संगठनों के दावों ने नए विवाद को जन्म दे दिया है. हिंदुओं का दावा है कि अजमेर में ख्वाजा के दर में शिव मंदिर था. हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की ओर से दायर याचिका को अजमेर सिविल कोर्ट ने बुधवार को स्वीकार कर लिया. मामले की अगली सुनवाई 20 दिसंबर को तय की गई है. अजमेर की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में संकट मोचन महादेव मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका के बाद बयानों की बाढ़ सी आ गई है.
दरअसल, सिविल कोर्ट ने अल्पसंख्यक मंत्रालय, दरगाह कमेटी और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग यानी ASI को नोटिस भेजा है. इस याचिका में रिटायर्ड जज हरबिलास सारदा की 1911 में लिखी किताब अजमेर: हिस्टॉरिकल एंड डिस्क्रिप्टिव का हवाला देते हुए दरगाह के निर्माण में मंदिर का मलबा होने का दावा किया गया है. साथ ही गर्भगृह और परिसर में एक जैन मंदिर होने की बात भी कही जा रही है. अब हिंदू संगठनों के दावे के बाद से इस पर सियासत तेज हो गई है.
'कई प्रधानमंत्रियों ने चादर भिजवाई हैं'
इसको लेकर AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाते बीजेपी पर निशाना साधा है और इसके पीछे बीजेपी को बताया है. आजतक से खास बातचीत में ओवैसी ने कहा कि ख्वाजा अजमेरी की दरगाह 800 साल से है. दरगाह शरीफ पर कभी भी ऐसा क्लेम नहीं हुआ लेकिन आज ये लोग ऐसा क्लेम कर रहे हैं कि दरगाह नहीं है. दरगाह शरीफ में तो हर साल नरेंद्र मोदी चादर चढ़ाते हैं, भिजवाते हैं. कई प्रधानमंत्रियों ने चादर भिजवाई हैं. हमारे पड़ोसी मुल्क डिप्लोमेसी के नाम पर यहां डेलिगेशन भी भेजते हैं.
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि मकसद एक ही है कि जितनी मुसलमानों की मस्जिद और दरगाहें हैं, वहां पर बीजेपी-RSS के स्पॉन्सर्ड लोग हैं, इनको इस्तेमाल करके माहौल पैदा किया जा रहा है. ये लोग लॉ एंड ऑर्डर का स्थिति पैदा करना चाह रहे हैं. जिस किताब का कोर्ट में जिक्र किया गया है, उसमें हिसाब से सबूत कहां है? मैं कल जाकर अर्जी डाल दूं कि प्रधानमंत्री के घर के नीचे मस्जिद थी तो क्या खुदाई का ऑर्डर दे देंगे? कल को बोल दूंगा संसद के नीचे कुछ और है तो क्या खुदाई का ऑर्डर मिल जाएगा? आप देश को कहां लेकर जाना चाहते हैं? इस तरह से कोई भी गलत बातें लिख देगा?
'आज 15 दरगाह-मस्जिद पर केस दायर हो चुका है'
अजित पवार की नजरें अब एनसीपी के लिए ‘राष्ट्रीय पार्टी’ का दर्जा पाने पर भी टिकी हैं. उन्होंने अपने गुट के लिए राष्ट्रीय दर्जा हासिल करने की इच्छा को व्यक्त करते हुए कहा, “हमारी पार्टी एक राष्ट्रीय पार्टी थी – इसके लिए हमें अब और काम करने की जरूरत है, हम लड़ेंगे और हम सफलता हासिल करेंगे. असली नकली (एनसीपी) का कोई सवाल नहीं है. सबको चुनाव आयोग ने सिंबल दिया है.
अजमेर दरगाह पर कानूनी लड़ाई शुरु हो गई है. एक हिंदू संगठन की अर्जी कोर्ट ने मंजूर कर ली है. 20 दिसंबर को सुनवाई की तारीख तय हो गई है. अदालत ने दरगाह कमेटी अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को नोटिस दिया है. इसके बाद अजमेर को लेकर नई राजनीतिक लड़ाई भी गरमा गई है. देखें न्यूज़रूम.
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