चार राज्य, दस पुलिस टीम और 5000 CCTV कैमरे... ऐसे पुलिस के हत्थे चढ़ा चलती ट्रेन में रेप-मर्डर करने वाला सीरियल किलर
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ये एक ऐसे अजीब सीरियल किलर की कहानी है, जो चलती ट्रेन में महिलाओं का रेप और कत्ल करता था. वो दिव्यांगों के लिए आरक्षित डिब्बे में ही वारदात को अंजाम दिया करता था. पांच-पांच कत्ल करने के बाद उसके पकड़े जाने की कहानी हैरान करने वाली है.
गुजरात पुलिस को एक रेलवे स्टेशन के पास एक लड़की की लाश मिलती है. लाश के करीब एक स्वेटशर्ट और एक बैग पैक भी मिलता है. अब इन्हीं दो सुरागों के सहारे पुलिस को कातिल की तलाश करनी थी. लेकिन ये काम इतना आसान नहीं था. इसके लिए पुलिस गुजरात से लेकर मुंबई तक सभी रेलवे स्टेशनों पर लगे करीब पांच हजार सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालती है. और आखिरकार कातिल पुलिस के हत्थे चढ़ जाता है. लेकिन जब कातिल की करतूतों का पुलिंदा पुलिस के सामने खुलता है, तो हर कोई सन्न रह जाता है क्योंकि वो एक मामूली कातिल नहीं बल्कि एक सीरियल किलर निकला. एक अजीब सीरियल किलर.
रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर लंगड़ा कर चलते उस शख्स को ढूंढने के लिए गुजरात को करीब पांच हजार सीसीटीवी कैमरे की तस्वीरें, दस अलग-अलग पुलिस की टीमें, चार-चार राज्य की पुलिस और देश भर की जेलों में बंद कैदियों की लंबी-चौड़ी लिस्ट खंगालनी पड़ी थी. दरअसल ,यो कोई मामूली शख्स नहीं है. ये वो कातिल है जो अलग-अलग ट्रेनों के सिर्फ उन्हीं कोच या डिब्बों में बैठी महिलाओं को अपना शिकार बनाता था जो कोच या डिब्बे दिव्यांगों के लिए रिजर्व होते थे.
ये शायद देश का इकलौता ऐसा सीरियल किलर है जिसने चलती ट्रेन में खुद के लंगड़ा कर चलने की वजह से ऐसा चार महिलाओं के साथ जबरदस्ती कर फिर उनका कत्ल किया जो इसके जैसी थीं. सिवाए एक कत्ल के. गुजरात के वलसाड जिले का उदवाड़ा रेलवे स्टेशन से करीब सौ मीटर दूर पुलिस की भारी-भरकम टीम उसी कातिल को लेकर मौका-ए-वारदात का मुआयना करती है.
दरअसल, कहानी की शुरूआत होती है 14 नवंबर को. इसी उदवाड़ा रेलवे स्टेशन के करीब कालेज में सेकंड ईयर की एक स्टूडेंट का घर था. रोजाना कालेज आने-जाने का उसका रूट यही था. कयोंकि घर रेलवे फाटक से करीब था तो वो स्टेशन के किनारे-किनारे रेलवे ट्रैक से होकर ही घर आती-जााती थी. लेकिन 14 नवंबर को रोजाना की तरह तय वक्त पर जो वो घर नहीं पहुंची तो घर वालों की फिक्र हुई. चूंकि कालेज से घर तक के रूट से घर वाले वाकिफ थे इसीलिए परेशान घर वालों ने उसी रूट पर उसकी तलाश शुरू कर दी.
तलाश-तलाश करते जैसे ही वो प्लेटफार्म से करीब सौ मीटर दूर पहंचे उन्हें वहां एक लड़की की लाश नजर आई. वो वही थी. फौरन पलिस को खबर दी गई. पुपलिस मौके पर पहुंचती है और तफतीश शुरू कर देती है. मौके पर लड़की की लाश की हालत देखते ही ये अंदाजा हो जाता है कि कत्ल से पहले उसके साथ जबरदस्ती की गई थी. मौके पर लड़की की लाश और उसके बैग के अलावा पुलिस को दो अजीब चीज मिलती है. एक सफेद स्वेटशर्ट और दूसरा एक बैकपैक. बैकपैक के अंदर तीन जर्सी और दो हाफ पैंट के अलावा मोबाइल चार्जर था. बैकपैक और उसमें रखे सामान को देखते हुए ये अंदाजा हो चुका था कि कातिल जो भी है वो लोकल नहीं है. बल्कि वो नया-नया शहर में आया था और फिर वारदात के बाद उदवाड़ा रेलवे स्टेशन से ही ट्रेन पकड़ कर भाग गया होगा.
पुलिस की जांच के सेंटर में अब यही उदवाड़ा रेलवे स्टेशन था. लेकिन पुलिस को पहला धक्का तब लगा जब पता चलाा कि इस स्टेशन पर एक भी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है. अब ऐसे में कैसे पता किया जाए कि कातिल य़हां से कब और किस ट्रेन से किधर गया होगा? बिना किसी क्लू के कातिल को ढूंढना मुश्किल था. पर गुजरात पुलिस को इतना यकीन तो था कि वारदात के बाद वो शर्तिया ट्रेन से ही यहां से भागा है और वारदात से पहले वो किसी ट्रेन से ही उदवाड़ा रेलवे स्टेशन पहुंचा था.
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