
'बेड़ियां बांधकर भेजने पर जताई थी चिंता', US से डिपोर्ट भारतीयों के सवाल पर संसद में क्या बोली सरकार
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अवैध तरीके से अमेरिका पहुंचे भारतीयों को लेकर 5 फरवरी को अमेरिकी सेना का एक विमान भारत पहुंचा था. विमान में सवार भारतीयों को बेड़ियों से बांधकर लाया गया था जिसे लेकर देश भर में आक्रोश देखने को मिला था. अब भारत सरकार ने इसे लेकर लोकसभा में पूछे गए सवालों के जवाब दिए हैं.
अवैध तरीके से अमेरिका पहुंचे भारतीयों को अमेरिका ने जिस तरह वापस देश भेजा, उसकी काफी आलोचना हुई. 5 फरवरी को ट्रंप प्रशासन ने 104 भारतीय नागरिकों को अपराधियों की तरह हाथ-पैर बांधकर भारत भेजा था. अब केंद्र सरकार ने अमेरिका के इस रवैये पर टिप्पणी की है. शुक्रवार को सरकार ने संसद में बताया कि भारत ने निर्वासित लोगों के साथ किए गए व्यवहार, खासकर महिलाओं के लिए बेड़ियों के इस्तेमाल को लेकर अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष अपनी चिंताएं दृढ़ता से दर्ज कराई है.
विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह भी कहा कि अमेरिका ने विदेश मंत्रालय को बताया कि 5, 15 और 16 फरवरी को अमेरिका से अवैध प्रवासियों को भारत लेकर आईं तीन विमानों के निर्वासितों से नहीं कहा गया था कि वो सिर को ढकने वाला धार्मिक आवरण (जैसे पगड़ी) हटा दें. अमेरिका ने विदेश मंत्रालय से यह भी कहा कि निर्वासित किए जा रहे भारतीयों ने शाकाहारी खाने के अनुरोध के अलावा फ्लाइट के दौरान किसी भी धार्मिक फैसिलिटी के लिए अनुरोध नहीं किया.
विदेश मंत्रालय ने अपने जवाब में कहा कि उसने निर्वासित लोगों की धार्मिकता और भोजन की रुचि को ध्यान में रखने की जरूरत को लेकर भी अमेरिका के सामने अपनी चिंता दर्ज की है.
बेड़ियों में जकड़कर भेजे गए भारतीयों के सवाल पर बोली सरकार
विदेश मंत्रालय से पूछा गया था कि क्या सरकार ने अमेरिकी आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) द्वारा भारतीय निर्वासितों को बेड़ियों में जकड़े जाने से संबंधित रिपोर्टों का संज्ञान लिया है, और क्या उसने भारतीय निर्वासितों के साथ किए गए व्यवहार को लेकर अमेरिका के सामने कोई औपचारिक राजनयिक आपत्ति दर्ज कराई है.
जवाब में विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि विदेश मंत्रालय निर्वासन की कार्रवाई के दौरान निर्वासितों के साथ मानवीय व्यवहार को लेकर अमेरिका के संपर्क में है.

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