
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में फिर गोलीबारी, 7 आतंकी ढेर, सेना के कैप्टन की भी मौत
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इससे पहले खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर ने कहा है कि प्रांतीय सरकार सुरक्षा बलों द्वारा किसी भी सैन्य अभियान की अनुमति नहीं देगी, क्योंकि जितने आतंकवादी यहां मारे जा रहे हैं, उतने ही अफगानिस्तान से आ रहे हैं.
पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में गुरुवार को गोलीबारी के दौरान एक प्रतिबंधित संगठन से जुड़े कम से कम सात आतंकवादी के मारे जाने की खबर है. इसमें एक पाकिस्तानी सेना के कैप्टन की भी मौत हुई है.खुफिया जानकारी के आधार पर यह अभियान दक्षिणी वजीरिस्तान की सीमा से लगे डेरा इस्माइल खान जिले के कर्री मलंग इलाके में चलाया गया. इस अभियान में तीन और सैनिक घायल हुए हैं.
इससे पहले खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर ने कहा है कि प्रांतीय सरकार सुरक्षा बलों द्वारा किसी भी सैन्य अभियान की अनुमति नहीं देगी, क्योंकि जितने आतंकवादी यहां मारे जा रहे हैं, उतने ही अफगानिस्तान से आ रहे हैं. एक निजी टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में गंडापुर ने कहा कि खैबर पख्तूनख्वा में अब तक 9,500 से 11,500 आतंकवादी घुसपैठ कर चुके हैं, जबकि इससे दोगुनी संख्या में आतंकवादी सीमा पार मौजूद हो सकते हैं.
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उन्होंने जोर देकर कहा कि सैन्य अभियान इस समस्या का हल नहीं है और इसे सिर्फ बातचीत और कूटनीति के जरिए सुलझाया जा सकता है. गंडापुर ने दो दिन पहले हुई राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (NSC) की बैठक को केवल एक प्रस्तुति करार दिया, जिसमें कोई ठोस चर्चा नहीं हुई. उन्होंने कहा कि अगर आतंकवाद को केवल बैठकों और बयानों से खत्म किया जा सकता, तो यह कब का खत्म हो चुका होता.
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मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर ने कहा कि उनके खैबर पख्तूनख्वा में अभी भी “गुड तालिबान” मौजूद हैं, जबकि इस महीने की शुरुआत में बन्नू कैंटोनमेंट पर हमला “बैड तालिबान” द्वारा किया गया था. पाकिस्तान सेना और सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए उन्होंने कहा कि आज पाकिस्तान जिस सुरक्षा समस्या का सामना कर रहा है, उसका समाधान ऑपरेशन नहीं है.

सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर मंगलवार को 286 दिन बाद पृथ्वी पर लौटे. उनकी यह यात्रा केवल आठ दिनों की होनी थी, लेकिन उनके स्पेसक्राफ्ट में आई तकनीकी खराबी के कारण यह लंबी हो गई. नासा के प्रवक्ता जिमी रसेल ने बताया कि अंतरिक्ष में रहते हुए भी ये सरकारी कर्मचारी माने जाते हैं और उनकी यात्रा को आधिकारिक यात्रा आदेश के रूप में गिना जाता है.

एक निजी टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में गंडापुर ने कहा कि खैबर पख्तूनख्वा में अब तक 9,500 से 11,500 आतंकवादी घुसपैठ कर चुके हैं, जबकि इससे दोगुनी संख्या में आतंकवादी सीमा पार मौजूद हो सकते हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि सैन्य अभियान इस समस्या का हल नहीं है और इसे सिर्फ बातचीत और कूटनीति के जरिए सुलझाया जा सकता है.