बिहार के स्कूलों में आज से कोई गेस्ट टीचर नहीं, जानिए 6 साल बाद क्यों किया टर्मिनेट?
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स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी को दूर करने के लिए साल 2018 में अतिथि शिक्षकों को रखा गया था. जिलावार स्कूलों की लिस्ट जारी गई थी और जिन स्कूलों में जिस विषय के शिक्षक नहीं थे, वहां अतिथि शिक्षक को रखा गया था.
बिहार सरकार ने सरकारी स्कूलों के अतिथि शिक्षकों (गेस्ट टीचर्स) को हटाने का निर्देश दे दिया है. माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव की ओर से जारी निर्देश में लिखा है कि किसी भी परिस्थिति में 01 अप्रैल 2024 से अतिथि शिक्षकों की सेवा नहीं ली जाए. साथ ही 03 अप्रैल तक जिलास्तर पर एक भी अतिथि शिक्षक के सेवा में नहीं होने का प्रमाण पत्र कार्यलाय में जमा करने के लिए कहा गया है. ये वे शिक्षक हैं, जो पिछले 6 साल से राज्य के उच्च माध्यमिक सरकारी स्कूलों में 9वीं से 12वीं क्लास के छात्रों को पढ़ा रहे हैं.
दरअसल, स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी को दूर करने के लिए साल 2018 में अतिथि शिक्षकों को रखा गया था. जिलावार स्कूलों की लिस्ट जारी गई थी और जिन स्कूलों में जिस विषय के शिक्षक नहीं थे, वहां अतिथि शिक्षक को रखा गया था. 2018 में रखे गए अतिथि शिक्षकों की संख्या 5440 है.
क्यों हटाए जा रहे हैं अतिथि शिक्षक? बिहार सरकार के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी नोटिस के अनुसार, उपयुक्त विषयक प्रासंगिक संकल्प संख्या-51 दिनांक 25 जनवरी 2018 में किए गए प्रावधान के तहत राज्य के उच्च माध्यमिक विद्यालयों में निर्धारित पारिश्रमिक पर सेवा दे रहे अतिथि शिक्षकों की सेवा ली जा रही है. संदर्भित संकल्प में किए गए प्रावधानानुसार अतिथि शिक्षकों की सेवा शिक्षक नियोजन होने तक ली जानी है. अब नवनियुक्त शिक्षकों को योगदान हो गया है, नियमावली के अनुसार संबंधित विषय के अतिथि शिक्षक हटाए जाएंगे. 2018 के निर्देश का हवाला देते हुए नए शिक्षकों की भर्ती के बाद अतिथि शिक्षकों का हटाने का निर्देश दिया गया है. जारी निर्देश में कहा गया है कि वर्णित स्थिति में अतिथि शिक्षकों को सेवा में बनाए रखने की कोई आवश्यकता नहीं है.
बिहार सरकारी स्कूलों में इस समय 9वीं-10वीं क्लास को पढ़ाने के लिए कुल संख्या 37,847 शिक्षकों और 11वीं-12वीं क्लास के छात्रों को पढ़ाने वाले कुल 56,891 शिक्षकों यानी राज्य में कुल 94 हजार 7 सौ 38 शिक्षकों की नियुक्ति कर उन्हें स्कूलों में पदस्थापित कर दिया गया है और स्कूलों में काम कर रहे हैं.
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