फिर बेकाबू हुआ कोरोना... दिल्ली में 6 महीने बाद 100 के पार केस, महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन से दहशत
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महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटे के भीतर COVID के 902 नए मामलों ने खलबली मचा दी है. वहीं, नई दिल्ली में रविवार को 107 केस दर्ज किए गए. राजधानी में करीब 6 महीने बाद किसी भी एक दिन में यह सबसे ज्यादा मामले हैं. राजधानी में करीब 6 महीने बाद किसी भी एक दिन में सबसे ज्यादा मामले आए हैं.
कोरोना वायरस के बढ़ते मामले एक बार फिर लोगों को सहमा रहे हैं. देश में रविवार को कोविड के हजार से ज्यादा नए केस सामने आए हैं. महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटे के भीतर COVID के 902 नए मामलों ने खलबली मचा दी है. वहीं, नई दिल्ली में रविवार को 107 केस दर्ज किए गए. राजधानी में करीब 6 महीने बाद किसी भी एक दिन में सबसे ज्यादा मामले आए हैं. इससे पहले यहां 25 जून को एक दिन में 115 कोरोना केस आए थे.
NCP के प्रवक्ता महेश चव्हाण ने हाल ही में EVM पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति EVM पर संदेह नहीं कर रहा है, तो वो राजनीति छोड़ देंगे. उन्होंने इस मुद्दे पर राजनीतिक विश्लेषक आशुतोष से चर्चा करते हुए EVM के हैक होने की संभावना को लेकर भी बातें कीं. आशुतोष ने इस संबंध में महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किए. EVM की सुरक्षा और पारदर्शिता पर इस चर्चा से राजनीतिक गलियारों में नई हलचल देखने को मिल रही है.
हिंदू सेना के विष्णु गुप्ता ने अजमेर में ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को हिंदू पूजा स्थल होने की याचिका कोर्ट में दायर की थी. याचिका पर बुधवार को अजमेर पश्चिम सिविल जज सीनियर डिविजन मनमोहन चंदेल की कोर्ट ने सुनवाई की. इस दौरान वादी विष्णु गुप्ता के वाद पर न्यायाधीश मनमोहन चंदेल ने संज्ञान लेते हुए दरगाह कमेटी ,अल्पसंख्यक मामलात व एएसआई को समन नोटिस जारी करने के निर्देश दिए.
कुछ तो मजबूरियां रही होंगी , वरना एकनाथ शिंदे यूं ही नहीं छोड़ने वाले थे महाराष्ट्र के सीएम की कुर्सी का मोह. जिस तरह एकनाथ शिंदे ने सीएम पद के लिए अचानक आज सरेंडर किया वह यू्ं ही नहीं है. उसके पीछे उनकी 3 राजनीतिक मजबूरियां तो स्पष्ट दिखाई देती हैं. यह अच्छा है कि समय रहते ही उन्होंने अपना भविष्य देख लिया.
उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) सरकार ने कार्यालय में 45 दिन पूरे कर लिए हैं, मुख्यमंत्री, मंत्री अभी भी अपने अधिकार, विभिन्न विभागों के कामकाज के संचालन के लिए निर्णय लेने की शक्तियों से अनभिज्ञ हैं, शासन की संरचना पर स्पष्टता लाने के लिए, गृह मंत्रालय जल्द ही जम्मू-कश्मीर में निर्वाचित सरकार की शक्तियों को परिभाषित करेगा.