'पोन्नियिन सेल्वन' रिव्यू: मणि रत्नम ने जिस खूबसूरती से स्क्रीन पर चोल साम्राज्य गढ़ा है, वो जादूगरी नहीं, कारीगरी है
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मणि रत्नम की फिल्म 'पोन्नियिन सेल्वन' का पहला पार्ट आज थिएटर्स में रिलीज हो गया है. ये फिल्म, तमिल भाषा में सबसे महान उपन्यास कहे गए 'पोन्नियिन सेल्वन' पर आधारित है जिसे कल्कि कृष्णमूर्ति ने लिखा था. फिल्म का ट्रेलर वादा कर रहा था कि स्क्रीन पर चोल साम्राज्य फिर से सांसें लेने वाला है. क्या मणि रत्नम ये वादा पूरा कर पाए? पढ़ें रिव्यू में...
'पोन्नियिन सेल्वन' को तमिल भाषा में लिखा सबसे महान उपन्यास कहा जाता है. तमिल सिनेमा से जुड़े हर व्यक्ति का ये सपना रहा है कि उनके इतिहास और संस्कृति से इतनी गहराई से जुड़ी ये एपिक कहानी कभी तो स्क्रीन पर आए. खुद मणि रत्नम 90s से इस कहानी को स्क्रीन पर लाने की कई कोशिशें करते रहे हैं, लेकिन उन्हें कामयाबी अब मिली है.
'पोन्नियिन सेल्वन- पार्ट 1' (PS-1)के फर्स्ट लुक से लेकर टीजर, ट्रेलर, प्रोमो और गानों तक में एक बात साफ नजर आ रही थी कि भारतीय इतिहास में सबसे गौरवशाली साम्राज्यों में से एक बनकर दर्ज हुआ चोल साम्राज्य, इस फिल्म से स्क्रीन पर एक बार फिर से जैसे जिंदा होने वाला है. ट्रेलर में विजुअल बहुत शानदार थे, स्क्रीन पर एक एक फ्रेम में डिटेल्स नजर आ रही थीं आर इसके किरदार दिलचस्प लग रहे थे. ये सबकुछ एक तरह से मणि रत्नम का वादा था कि थिएटर्स तक आइए तो सही, आप हैरान रह जाएंगे. सवाल ये है कि क्या मणि रत्नम अपना ये वादा निभा पाए?
मुद्दे पर आने से पहले दो बातें जरूरी हैं. पहली- ओरिजिनली तमिल में बनी 'पोन्नियिन सेल्वन- 1' को हिंदी, तेलुगू, कन्नड़ और मलयालम में भी डबिंग के साथ रिलीज किया गया है. तो हमने फिल्म हिंदी में देखी. दूसरी बात- अधिकतर उत्तर भारतीय दर्शकों की तरह हम भी 'पोन्नियिन सेल्वन' उपन्यास से दूर हैं, इसलिए हमने फिल्म को पूरी तरह एक ऑरिजिनल फिल्म की ही तरह देखा है. और इन दो बातों को ध्यान में रखते हुए कह रहे हैं- 'पोन्नियिन सेल्वन- 1' के लिए आप बिल्कुल भी तैयार नहीं हो सकते.
कहानी और किरदार कहानी की शुरुआत होती है चोल सेना और राष्ट्र्कूटों के बीच युद्ध से. यहां आपको मिलते हैं कहानी के दो नायक आदित्य करिकालन (चियान विक्रम) और वल्लवैरायन वान्दियथेवन (कार्थी). आदित्य चोल युवराज है और ऐसा वीर योद्धा है कि दुश्मन युद्ध में उसका सामना करने भर के ख्याल से घबरा जाए. उसके पिता सुन्दर चोल बीमार हैं और उसे सत्ता सौंप देते हैं. लेकिन खुद उसकी बहन कुंदवई और कई लोगों का मानना है कि अगला राजा बनने के लिए सही व्यक्ति छोटा भाई यानी अरुलमोलीवर्मन है. अरुलमोलीवर्मन, जिसे 'पोन्नियिन सेल्वन' कहा जाता है आपको कहानी में इंटरवल के बाद मिलता है.
दूसरी तरफ, सुन्दर चोल के चचेरे भाई मधुरान्तक का दवा भी चोल साम्राज्य पर है और वो अपनी तरफ से सिंहासन पाने की तैयारियां शुरू कर चुका है. चोल साम्राज्य में एक और बड़ा खिलाड़ी है पर्वतेश्वर (आर. सरतकुमार), जिसके खेमे में बड़े खिलाड़ी हैं उसका छोटा भाई सेनापति छोटे पर्वतेश्वर (आर. पार्थिबन) और उसकी पत्नी नंदिनी (ऐश्वर्या राय बच्चन). आदित्य ने अपने दोस्त, वान्दियथेवन को ये जिम्मेदारी सौंपी है कि उसे पर्वतेश्वर खेमे की साजिश का पता लगाना है और उसकी जानकारी महाराज सुन्दर चोल और कुंदवई को देनी है.
जब अपने घोड़े पर सवार वान्दियथेवन सफर पर निकलता है तो उसके साथ ही जनता भी सफर पर निकलती है, जहां दिखने वाला एक एक फ्रेम मणि रत्नम ने अपनीसिनेमेटिक ब्रिलियंस से गढ़ा है. कहानी के बीच में पूरा षड्यंत्र बढ़ता हुआ दिखता है और वान्दियथेवन का सफर भी इसके साथ बढ़ता चला जाता है. और जो 'पोन्नियिन सेल्वन-1' का क्लाइमेक्स है, वहां तक आप कहानी में इतने इन्वेस्ट हो चुके होते हैं कि लगता है 'पोन्नियिन सेल्वन-2' भी अब जल्दी से दिखा दी जाए. लेकिन इसके लिए थोड़ा इंतजार तो करना पड़ेगा.
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