'पुष्पा', RRR, KGF के बाद क्या 'विक्रम-वेधा' का हिंदी रीमेक नए भारतीय सिनेमा की ओर एक इशारा है?
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हाल ही में में रिलीज हुई फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' में भारतीय किंवदंती और कथाओं को आज के जमाने से जोड़ा गया था. 'विक्रम वेधा' में भी वही है. ऐसा नहीं है की ये आजकल हो रहा है पहले भी रामायण, महाभारत, पंचतंत्र, जातक कथाओं को फिल्मी पर्दे पर अनुवादित करते दिखाया गया है.
इस हफ्ते रिलीज हुई ऋतिक रोशन और सैफ अली खान के अभिनय से फिल्म 'विक्रम वेधा' उस नए जमाने के सिनेमा का प्रतीक है जो भारतीय सिनेमा के नए कल की ओर इशारा करता है. ऐसा नहीं है की फिल्म में कुछ नया है, लेकिन तमिल नाड़ू के एक मियां बीवी की बनाई गई ये फिल्म हट के कहानी कहने की एक कोशिश है. दक्षिण भारत में बनी फिल्में उस साल छाई रही और उसी कड़ी में चेन्नई के पति पत्नी की भारतीय दर्शकों को ये नई सौगात.
क्या नया है 'विक्रम वेधा' में? हाल ही में रिलीज हुई फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' में भारतीय किंवदंती और कथाओं को आज के जमाने से जोड़ा गया था. 'विक्रम वेधा' में भी वही है. ऐसा नहीं है की ये आजकल हो रहा है पहले भी रामायण, महाभारत, पंचतंत्र, जातक कथाओं को फिल्मी पर्दे पर अनुवादित करते दिखाया गया है. कुछ फिल्में चली कुछ नहीं चलीं. श्याम बेनेगल ने हिंदी फिल्मी ने इस तकनीक को अपनी फिल्मों में इस्तेमाल किया. महाभारत से प्रेरित होकर कलियुग बनायी इसी विषय पर राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने अक्स नाम की फिल्म बनाई थी, जो लोगो को समझ नहीं आई. वहीं पर 90 के दशक में सुभाष घई ने इसी विषय पर खलनायक बनाई जो एक सुपर हिट फिल्म रही. वही पर सूरज बडजात्या ने रामायण से प्रेरित होकर हम साथ साथ हैं बनाई जो सुपर हिट रही. वहीं पर मणि रत्नम की रावण फ्लॉप रही जो रामायण से ही प्रेरित थी.
बुराई पर अच्छाई की विजय हमारे भारतीय ग्रंथों के साथ रहे है, लेकिन अच्छाई क्यों बुराई में बदल जाती है ये 'विक्रम वेधा' की कहानी का सार है. इसीलिए लिए पुष्कर और गायत्री ने विक्रम और बेताल की कहानी को माध्यम चुना है. आज के जमाने की चोर- पुलिस की कहानी को कहने के लिए.
'विक्रम वेधा' के खास पल लखनऊ के एक एनकाउंटर पुलिसकर्मी विक्रम और एक बाहुबली वेदा की जिंदगी कैसे विक्रम और बेताल की तरह किसी है. वो बहुत भी खूबसूरती से दिखाया गया है. फिल्म थोड़ी लंबी है और वही इसकी कमी भी है.
सैफ और ऋतिक दोनों ने अपने किरदारों को संजीदगी से निभाया है. फिल्म में मुख्य है फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर जो फिल्म को एक अलग गति देता है. फिल्म के एक्शन सीन्स से काफी संसार बने है. बस डायलॉगबाजी थोड़ी ज्यादा हो गई है. फिल्म में हीरोइन का कोई काम नहीं. राधिका आप्टे का रोल काफी कम और पूरी फिल्म ऋतिक और सैफ के आईटीडी गिर्द ही घूमती है और बाकी कलाकार बस मेहमान कलाकार की भूमिका में ही दिखते है. लखनऊ के लोकेशन्स और गलियों का फिल्मांकन एक अलग देसी तड़का कहानी में डालता है.
तमिल 'विक्रम वेधा' से कितनी अलग है हिंदी रीमेक चूंकि फिल्म पांच साल पहले आई तमिल फिल्म का रिमेक है, जिसका हिंदी Dubbed रूप OTT चैनल्स और टीवी पर आ चुका है. ऐसे में कहानी सबको पता थी. तो क्या हिंदी कहानी कुछ अलग है और पांच साल बाद वही निर्माता और निर्देशक ने इसमें क्या बदला है. फिल्म का परिवेश बदल गया है तमिल नाडू से कहानी उत्तर प्रदेश आ गई है. थोड़ा एक्शन का अन्दाज और फिल्मांकन का अन्दाज बदला गया है. बाकी माधवन और विजय सेतुपति ने फिल्म को एक अलग रंग दिया था.
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