पाकिस्तान के लंबी दूरी की बैलिस्टिक-मिसाइल प्रोग्राम पर अमेरिका ने लगाए प्रतिबंध, भड़का इस्लामाबाद
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पाकिस्तान ने 1998 में अपना पहला परमाणु परीक्षण किया था. ऐसा करने वाला वो दुनिया का सातवां देश बन गया था. रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के पास लगभग 170 परमाणु वारहेड्स हैं. इस्लामाबाद ने परमाणु प्रसार संधि (NPT) पर हस्ताक्षर करने से इनकार किया है, जो परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का मुख्य आधार है.
अमेरिका ने बुधवार को पाकिस्तान के लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम से संबंधित नए प्रतिबंधों की घोषणा की, जिसमें उस सरकारी रक्षा एजेंसी पर भी प्रतिबंध लगाया गया है जो इस कार्यक्रम की देखरेख करती है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने एक बयान में कहा कि ये प्रतिबंध उस कार्यकारी आदेश के तहत लगाए गए हैं जो 'विनाशकारी हथियारों को बढ़ावा देते हैं और उनके प्रक्षेपण के साधनों को लक्षित करता है.'
प्रतिबंधों के तहत इन संस्थाओं की कोई भी अमेरिकी संपत्ति फ्रीज की जाएगी और अमेरिकी नागरिकों को इनके साथ व्यापार करने से रोक दिया गया है.
पाकिस्तान ने भी दिया बयान
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अमेरिकी कार्रवाई "दुर्भाग्यपूर्ण और पक्षपाती" है और यह क्षेत्रीय स्थिरता को नुकसान पहुंचाएगी.
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राज्य विभाग की एक फैक्टशीट के अनुसार, इस्लामाबाद स्थित नेशनल डेवलपमेंट कॉम्प्लेक्स (NDC) ने पाकिस्तान के लंबी दूरी के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम और मिसाइल परीक्षण उपकरण के लिए सामान हासिल करने की कोशिश की थी. इसमें कहा गया कि NDC "पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइलों के विकास के लिए जिम्मेदार है," जिसमें शाहीन परिवार की मिसाइलें भी शामिल हैं.
पाकिस्तान ने 1998 में अपना पहला परमाणु परीक्षण किया था. ऐसा करने वाला वो दुनिया का सातवां देश बन गया था. रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के पास लगभग 170 परमाणु वारहेड्स हैं. इस्लामाबाद ने परमाणु प्रसार संधि (NPT) पर हस्ताक्षर करने से इनकार किया है, जो परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का मुख्य आधार है.
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