नाबालिग भांजी की शादी कर रही थी बहन, भाई ने महिला आयोग को किया फोन, फिर..
AajTak
लड़की की मां ने विवाह की योजना बनाने की बात स्वीकारी तो डीसीडब्ल्यू टीम ने मामले को आगे बढ़ाया. बालिका और उसके परिवार को पुलिस स्टेशन ले जाया गया और उनकी काउंसलिंग की गई. काउंसलिंग के दौरान लड़की की मां ने विवाह को न करने पर सहमति व्यक्त की. 15 वर्षीय लड़की को सीडब्ल्यूसी में पेश किया गया, जहां ये तय हुआ कि SDM ऑफिस मामले पर कड़ी नजर रखेगा.
दिल्ली महिला आयोग को 06 मार्च को दिल्ली के सुल्तानपुरी इलाके में एक 15 वर्षीय नाबालिग लड़की के शादी के संबंध में शिकायत मिली थी. आयोग ने जब इसकी जांच शुरू की तो पता चला कि मां अपनी नाबालिग बेटी की सगाई की तैयारियों में जुटी है.
बताया जा रहा है कि बालिका के दिल्ली महिला मामा ने आयोग को सूचित कर अपनी भांजी के भविष्य को लेकर लेकर चिंता व्यक्त की थी. उन्होंने कहा कि पहले बच्ची की पढ़ाई लिखाई पूरी हो फिर शादी. शिकायत मिलते ही दिल्ली महिला आयोग की एक्टिव हुई और स्थानीय पुलिस के साथ मौके पर पहुंची.
दिल्ली महिला आयोग ने 15 साल की लड़की का विवाह रोका
लड़की की मां ने विवाह की योजना बनाने की बात स्वीकारी तो डीसीडब्ल्यू टीम ने मामले को आगे बढ़ाया. बालिका और उसके परिवार को पुलिस स्टेशन ले जाया गया और उनकी काउंसलिंग की गई. काउंसलिंग के दौरान लड़की की मां ने विवाह को न करने पर सहमति व्यक्त की.
15 साल की नाबालिग को सीडब्ल्यूसी के सामने पेश किया गया
लड़की की मां ने ये भी कहा कि विवाह तभी किया जाएगा जब उनकी बालिग हो जाएगी. वहीं, 15 वर्षीय लड़की को सीडब्ल्यूसी (Child Welfare Committee) में पेश किया गया, जहां ये तय हुआ कि SDM ऑफिस मामले पर कड़ी नजर रखेगा.
NCP के प्रवक्ता महेश चव्हाण ने हाल ही में EVM पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति EVM पर संदेह नहीं कर रहा है, तो वो राजनीति छोड़ देंगे. उन्होंने इस मुद्दे पर राजनीतिक विश्लेषक आशुतोष से चर्चा करते हुए EVM के हैक होने की संभावना को लेकर भी बातें कीं. आशुतोष ने इस संबंध में महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किए. EVM की सुरक्षा और पारदर्शिता पर इस चर्चा से राजनीतिक गलियारों में नई हलचल देखने को मिल रही है.
हिंदू सेना के विष्णु गुप्ता ने अजमेर में ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को हिंदू पूजा स्थल होने की याचिका कोर्ट में दायर की थी. याचिका पर बुधवार को अजमेर पश्चिम सिविल जज सीनियर डिविजन मनमोहन चंदेल की कोर्ट ने सुनवाई की. इस दौरान वादी विष्णु गुप्ता के वाद पर न्यायाधीश मनमोहन चंदेल ने संज्ञान लेते हुए दरगाह कमेटी ,अल्पसंख्यक मामलात व एएसआई को समन नोटिस जारी करने के निर्देश दिए.
कुछ तो मजबूरियां रही होंगी , वरना एकनाथ शिंदे यूं ही नहीं छोड़ने वाले थे महाराष्ट्र के सीएम की कुर्सी का मोह. जिस तरह एकनाथ शिंदे ने सीएम पद के लिए अचानक आज सरेंडर किया वह यू्ं ही नहीं है. उसके पीछे उनकी 3 राजनीतिक मजबूरियां तो स्पष्ट दिखाई देती हैं. यह अच्छा है कि समय रहते ही उन्होंने अपना भविष्य देख लिया.
उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) सरकार ने कार्यालय में 45 दिन पूरे कर लिए हैं, मुख्यमंत्री, मंत्री अभी भी अपने अधिकार, विभिन्न विभागों के कामकाज के संचालन के लिए निर्णय लेने की शक्तियों से अनभिज्ञ हैं, शासन की संरचना पर स्पष्टता लाने के लिए, गृह मंत्रालय जल्द ही जम्मू-कश्मीर में निर्वाचित सरकार की शक्तियों को परिभाषित करेगा.