नताशा नरवाल केस: UAPA के दुरुपयोग पर दिल्ली HC के सवाल, 'विरोध के अधिकार और आतंकवाद में अंतर'
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दिल्ली हाईकोर्ट ने नताशा मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि सरकारी और संसदीय कार्यवाही के खिलाफ प्रदर्शन वैध हैं. हालांकि, इस तरह के विरोध प्रदर्शनों के शांतिपूर्ण और अहिंसक होने की उम्मीद करते हैं.
'राज्य ने संवैधानिक रूप से मिले विरोध के अधिकार और आतंकवादी गतिविधियों के बीच की लाइन को धुंधला कर दिया है. अगर ऐसा धुंधलापन बढ़ता है, तो फिर लोकतंत्र खतरे में पड़ जाता है.' जनता के विरोध के अधिकार और आतंकवादी गतिविधि के बीच वाली लाइन पर लोकतंत्र की लकीर खिंचती ये टिप्पणी, दिल्ली हाईकोर्ट ने पिंजड़ा तोड़ ग्रुप की सदस्य नताशा नरवाल समेत तीन आरोपियों को जमानत देते हुए की. एक्टिविस्ट नताशा नरवाल को पिछले साल दिल्ली हिंसा मामले में आरोपी बनाकर गिरफ्तार किया गया था. उन पर दिल्ली हिंसा की साजिश रचने का आरोप लगाया गया था. नताशा नरवाल समेत 3 आरोपियों पर आतंक विरोधी सख्त कानून UAPA लगाया गया था. लेकिन अब दिल्ली हाईकोर्ट ने नताशा को जमानत देते हुए यूएपीए पर भी सख्त टिप्पणियां की और कहा, 'हमारा मानना है कि हमारे राष्ट्र की नींव का विरोध मात्र से हिलने की संभावना न के बराबर है.'NCP के प्रवक्ता महेश चव्हाण ने हाल ही में EVM पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति EVM पर संदेह नहीं कर रहा है, तो वो राजनीति छोड़ देंगे. उन्होंने इस मुद्दे पर राजनीतिक विश्लेषक आशुतोष से चर्चा करते हुए EVM के हैक होने की संभावना को लेकर भी बातें कीं. आशुतोष ने इस संबंध में महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किए. EVM की सुरक्षा और पारदर्शिता पर इस चर्चा से राजनीतिक गलियारों में नई हलचल देखने को मिल रही है.
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