'दो और दो प्यार' में विद्या संग काम करके बिगड़ गई हैं डायरेक्टर शीर्षा, इंटीमेट सीन्स पर कही ये बात
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विद्या बालन और प्रतीक गांधी की फिल्म 'दो और दो प्यार' सिनेमाघरों में छाई हुई है. इस फिल्म में विद्या और प्रतीक को एक कपल के रूप में देखा जा सकता है, जिनका रिश्ता खत्म होने की कगार पर है. फिल्म की डायरेक्टर शीर्षा गुहा ठाकुरता ने आजतक से इसे लेकर एक्सक्लूसिव बातचीत की.
विद्या बालन और प्रतीक गांधी की फिल्म 'दो और दो प्यार' सिनेमाघरों में छाई हुई है. इस फिल्म में विद्या और प्रतीक को एक कपल के रूप में देखा जा सकता है, जिनका रिश्ता खत्म होने की कगार पर है. दोनों अपनी जिंदगी में नए पार्टनर ढूंढ चुके हैं, लेकिन फिर जिंदगी उन्हें एक दूसरा मौका देती है. इस फिल्म को एड फिल्म डायरेक्टर शीर्षा गुहा ठाकुरता ने बनाया है. बतौर फिल्म डायरेक्टर ये उनकी पहली फिल्म है.
ऐसे में शीर्षा से आजतक ने एक्सक्लूसिव बातचीत की. उन्होंने कहा, 'हमारी फिल्म को क्रिटिक्स की तरफ से बढ़िया रिस्पॉन्स मिला है. मुझे नहीं पता कि बॉक्स ऑफिस के मामले में ये उतना कर रही है या नहीं, लेकिन हम उम्मीद कर रहे हैं कि वर्ड ऑफ माउथ की वजह से आने वाले हफ्तों में ये अच्छा परफॉर्म करेगी.' इसके अलावा उन्होंने विद्या बालन, प्रतीक गांधी संग अपने एक्सपीरिएंस, फिल्म के इंटीमेट सीन्स को शूट करने और अपने नए प्रोजेक्ट्स के बारे में भी बताया.
विद्या बालन और प्रतीक गांधी, इतनी नई जोड़ी को साथ लाने का आइडिया कैसे आया?
असल में विद्या की एंट्री फिल्म में मेरे आने से पहले ही हो गई थी. प्रोड्यूसर्स उनके पास फिल्म की कहानी लेकर गए थे और उन्होंने फिल्म करने के लिए हां कह दिया था. फिर जब हम देख रहे थे कि किसे विद्या के साथ कास्ट किया जाना चाहिए. हम नहीं चाहते थे कि किसी ऐसे एक्टर को लें जो इंडस्ट्री से न हो, जिसका अंदाजा लगाना मुमकिन न हो. उस वक्त प्रतीक ने नया-नया स्कैम 1992 किया था. उन्होंने तब तक कोई भी हिन्दी फिल्म नहीं की थी, बल्कि सिर्फ गुजराती फिल्में की थीं. मैंने स्कैम 1992 के अलावा उनका कोई काम देखा ही नहीं था. और आपको पता है कि हर्षद मेहता के किरदार से हमारे अनि का किरदार एकदम अलग है. तो मैं नर्वस थी. लेकिन फिर मैंने उनका गुजराती फिल्म में उनका काम देखा और मुझे समझ आया कि उनकी रेंज क्या है.
फिर जब मैं उनसे मिली तो समझ आया कि उनका लुक कैसा किया जा रहा है. कॉस्टयूम और हेयर एंड मेकअप कैसा हो सकता है. वो फिल्म में मजाकिया इंसान लगते हैं. लेकिन अगर एक बार आप उनसे मिलेंगे और देखेंगे कि असल जिंदगी में वो कैसे हैं तो आपको समझ आएगा कि वो अनि के किरदार में बहुत आसानी से ढल सकते हैं. हम जब प्रतीक से मिले तब हमने उन्हें बंगाली बनाने के बारे में सोचा. हम चाहते थे कि फिल्म में कन्ट्रास्टिक कपल दिखे. शुरुआत में उनका किरदार पंजाबी लड़के का होने वाला था. हमने उनका किरदार पंजाबी लड़के के रूप में लिखा था. हमने सोचा था कि कुछ ऐसा हो जिसके लिए उनके मां-बाप न मानें. जैसे विद्या का किरदार तमिल ब्राह्मण है.
लेकिन जब हमने प्रतीक को कास्ट किया तो पंजाबी लड़के के किरदार के साथ बात नहीं बनी. तो फिर हमने सोचा कि इसे बंगाली बदल देते हैं. क्योंकि वो भी तमिल ब्राह्मण से अलग होते हैं. वो मछली खाते हैं. उनका और तमिल ब्राह्मण का कल्चर एकदम अलग होता है. तो इस तरह हमने उन्हें बंगाली बनाया. मैं खुद बंगाली हूं, तो दिमाग में अपना आइडिया है कि बंगाली लड़के कैसे होते हैं. फिर उन्होंने अपने लुक पर काम किया. शुरुआत में प्रतीक कहते थे कि ये क्या हेयरस्टाइल है. ये सब क्या है. हम कहते थे कि ऐसे ही रहने दो, चार्मिंग लग रहा है. मुझे लगता है कि तब उन्हें अपना लुक बिल्कुल पसंद नहीं था. लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने इसे पसंद कर लिया था. हमें पता था कि ये किरदार ग्रे होने वाला है. वो ऐसी बातें कहेगा जो बहुत अच्छी नहीं होंगी. वो खराब डांस करेगा. इस सबके बावजूद उसकी अच्छाई आपका दिल जीतेगी और यही प्रतीक ने किया भी.
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