
दोस्तों को सजा, दुश्मनों को मजा... ट्रंप की टैरिफ लिस्ट से बाहर क्यों हैं रूस और नॉर्थ कोरिया
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टैरिफ लागू करने के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप ने सहयोगियों को तगड़ा झटका दिया है, वहीं विरोधियों को राहत दी है. ट्रंप ने जापान, दक्षिण कोरिया और भारत जैसे कुछ करीबी सहयोगी देशों और ट्रेड पार्टनर्स पर भारी टैरिफ लगाया है, जबकि रूस और नॉर्थ कोरिया को इस लिस्ट से बाहर रखा है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आखिरकार टैरिफ बम फोड़ ही दिया है. दो अप्रैल को राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत-चीन समेत दुनिया के कई देशों पर रियायती रेसिप्रोकल टैरिफ (Discounted Reciprocal Tariff) का ऐलान कर दिया. ट्रंप के इस ऐलान से दुनियाभर के बाजारों में खलबली मच गई है और तमाम देश इससे निपटने की कोशिशों में जुट गए हैं.
भारत को झटका, चीन पर दोहरी मार
राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने ऐलान में भारत पर 26 फीसदी का रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया है. इसका मतलब भारत से इंपोर्ट होने वाले प्रोडक्ट पर अब 26 फीसदी का टैरिफ लागू होगा. वहीं ट्रंप ने डबल झटका देते हुए चीन पर 34 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा की है. राष्ट्रपति पद संभालने के बाद भी ट्रंप ने चीन पर 20 फीसदी का टैरिफ लगाया था, ऐसे में अब चीन पर कुल 54 फीसदी का टैरिफ लागू हो गया है. टैरिफ लागू करने के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप ने सहयोगियों को झटका दिया है, वहीं विरोधियों को राहत दी है. ट्रंप ने जापान, दक्षिण कोरिया और भारत जैसे कुछ करीबी सहयोगी देशों और ट्रेड पार्टनर्स पर भारी टैरिफ लगाया है, जबकि रूस और नॉर्थ कोरिया को इससे बाहर रखा है. ऐसा कदम ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की विदेश नीति के मुताबिक उठाया गया है. इसमें उन्होंने बार-बार सहयोगियों को परेशान किया है और धमकी देते हुए दंडात्मक आर्थिक नीतियां लागू की हैं, लेकिन पारंपरिक रूप से विरोधियों के साथ अच्छा व्यवहार किया है.
दोस्तों से सजा, दुश्मनों को मजा
अपने दूसरे कार्यकाल में ट्रंप ने अमेरिका-रूस संबंधों को उलट दिया है और रूस को दुश्मन से मित्र बनाने की कोशिश की है. वैसे तो ट्रंप हमेशा से ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ दोस्ताना रहे हैं, लेकिन उन्होंने अपने दूसरे कार्यकाल में इस आत्मीयता को औपचारिक रूप दे दिया है, जबकि पुतिन ने अभी तक पश्चिम के खिलाफ अपनी आक्रामकता खास तौर पर यूक्रेन में युद्ध में कोई रियायत नहीं दी है.
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