देवस्थानम बोर्ड से Char Dham प्रोजेक्ट तक, उत्तराखंड चुनाव में छाए रहेंगे ये पांच मुद्दे
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कांग्रेस ने कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसानों के आंदोलन उत्तराखंड चुनाव में बड़ी उम्मीदें लगा रखी थी. यही वजह रही कि कांग्रेस ने परिवर्तन यात्रा की शुरुआत किसान बहुल ऊधमसिंह नगर जिले से की थी. ऐसे ही कांग्रेस को देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मुद्दे से सियासी फायदा की आस थी. ऐसे में अब कांग्रेस ने नई रणनीति और नए मुद्दों को लेकर चुनावी रण में उतरी है.
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के हाथ से कृषि कानून और चारधाम देवस्थानम बोर्ड जैसे दो बड़े मुद्दे फिसल गए. कांग्रेस ने इन्हीं मुद्दों के बूते चुनावी वैतरणी पार करने का भरोसा लगा रखा था, लेकिन सूबे का माहौल भांप बीजेपी ने अपने कदम पीछे खींच लिए. कांग्रेस ने बीजेपी को घेरने के लिए अपनी रणनीति में बदलाव किया और महंगाई, बेरोजगारी अवैध खनन व भ्रष्टाचार के मुद्दे को अब सियासी हथियार बनाने में जुटी है. हालांकि, देवस्थानम बोर्ड पर अभी भी कांग्रेस ने बीजपी को घेरना बंद नहीं किया.
महाराष्ट्र के ठाणे में एक बच्ची का शव मिलने के बाद लोग आक्रोशित हो गए. दरअसल उल्हासनगर इलाके में तीन दिनों पहले एक बच्ची लापता हो गई थी जिसके बाद परिजनों ने थाने में गायब होने की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी. इसी के बाद गुरुवार को उसका शव हिल लाइन पुलिस स्टेशन से कुछ दूरी पर मिला जिसे देखकर स्थानीय लोग भड़क गए.
गौतम अडानी पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिका के निवेशकों के पैसे से भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी और ये रिश्वत भी उन प्रोजेक्ट्स के लिए दी गई, जिससे 20 वर्षों में अडानी ग्रुप की एक कम्पनी को 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर्स यानी भारतीय रुपयों में लगभग 16 हज़ार 881 करोड़ रुपये का मुनाफा होने का अनुमान है. आरोप है कि इस मुनाफे के लिए साल 2021 से 2022 के बीच आंध्र प्रदेश, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ की सरकारों को लगभग 2200 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई.
गौतम अडानी एक बार फिर चर्चा में हैं क्योंकि उन पर सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के ठेके पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को करोड़ों रुपये की रिश्वत देने का आरोप है. इस मामले पर NSUI ने भी प्रदर्शन किया है. इस मुद्दे ने राजनीतिक और व्यावसायिक जगत में खलबली मचा दी है, जिसमें भ्रष्टाचार और व्यापारिक नैतिकता के सवाल शामिल हैं.