दिल्ली में सुस्त पड़ा कोरोना! 24 घंटे में 1000 से कम मामले, रिकवरी दर बढ़कर 97.39%
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राजधानी में कोरोना के एक्टिव मामलों की बात करें तो यहां 13,035 केस हैं. वहीं होम आइसोलेशन में अब कुल 6303 मरीज हैं. इसके साथ ही दिल्ली में रिकवरी दर बढ़कर 97.39 फीसदी हो गयी है.
देश की राजधानी में कोरोना की गति थमती हुई नजर आ रही है. एक बार फिर यहां एक हजार से कम मामले सामने आए हैं. पिछले 24 घंटे में कोरोना के 956 नए मामले सामने आए हैं. वहीं बीते चौबीस घंटे में कोरोना से 122 लोगों की मौत की भी खबर है. बीते 22 मार्च के बाद ये एक दिन में सबसे कम केस हैं. बता दें कि 22 मार्च को कोरोना के 888 मामले दर्ज हुए थे. कोरोना के ये घटते आंकड़े कहीं न कहीं राहत की तस्वीर दिखा रहे हैं. हालांकि कोरोना से जंग अभी ख़त्म नहीं हुई है. दिल्ली में कोरोना संक्रमण दर घटकर 1.19 फीसदी पहुंच गयी है. बीती 21 मार्च के बाद यह सबसे कम रिकॉर्ड दर है. 21 मार्च को दिल्ली में संक्रमण दर 1.03 फीसद थी. वहीं दिल्ली में कोरोना से मरने वालों की संख्या पर नजर डालें तो बीते चौबीस घंटे में 122 मौत के साथ दिल्ली में अब तक का मौत आंकड़ा 24,073 पहुंच गया है. राज्य में कोरोना के एक्टिव मामलों की बात करें तो यहां 13,035 केस हैं. वहीं होम आइसोलेशन में अब कुल 6303 मरीज हैं. इसके साथ ही दिल्ली में रिकवरी दर बढ़कर 97.39 फीसदी हो गयी है.महाराष्ट्र के ठाणे में एक बच्ची का शव मिलने के बाद लोग आक्रोशित हो गए. दरअसल उल्हासनगर इलाके में तीन दिनों पहले एक बच्ची लापता हो गई थी जिसके बाद परिजनों ने थाने में गायब होने की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी. इसी के बाद गुरुवार को उसका शव हिल लाइन पुलिस स्टेशन से कुछ दूरी पर मिला जिसे देखकर स्थानीय लोग भड़क गए.
गौतम अडानी पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिका के निवेशकों के पैसे से भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी और ये रिश्वत भी उन प्रोजेक्ट्स के लिए दी गई, जिससे 20 वर्षों में अडानी ग्रुप की एक कम्पनी को 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर्स यानी भारतीय रुपयों में लगभग 16 हज़ार 881 करोड़ रुपये का मुनाफा होने का अनुमान है. आरोप है कि इस मुनाफे के लिए साल 2021 से 2022 के बीच आंध्र प्रदेश, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ की सरकारों को लगभग 2200 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई.
गौतम अडानी एक बार फिर चर्चा में हैं क्योंकि उन पर सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के ठेके पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को करोड़ों रुपये की रिश्वत देने का आरोप है. इस मामले पर NSUI ने भी प्रदर्शन किया है. इस मुद्दे ने राजनीतिक और व्यावसायिक जगत में खलबली मचा दी है, जिसमें भ्रष्टाचार और व्यापारिक नैतिकता के सवाल शामिल हैं.