दिल्ली में फिर बढ़ने लगे कोरोना के एक्टिव मामले, एक दिन में आए 261 नए केस
AajTak
4 मार्च से पहले 24 जनवरी को दिल्ली में सबसे अधिक कोरोना के एक्टिव मामले थे, तब दिल्ली में 1741 एक्टिव मामले थे और आज 1700 पार कर चुके हैं. वहीं दिल्ली में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 261 नए मामले सामने आए हैं और एक मरीज की मौत हुई है.
दिल्ली में कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ-साथ अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है. एक बार फिर महज 24 घंटे के भीतर, दिल्ली में एक्टिव कोरोना मरीजों की संख्या 100 से अधिक दर्ज हुई है. गुरुवार को देश की राजधानी में कुल एक्टिव मरीजों ने 1700 का आंकड़ा पार कर लिया है. दिल्ली में पिछले 24 घण्टे में 66,432 लोगों ने कोरोना टेस्ट करवाया है, इनमें से 261 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. दिल्ली सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, 4 मार्च को दिल्ली में कोरोना संक्रमण दर 0.39 फीसदी दर्ज हुई है. दिल्ली में 1 मार्च को कोरोना संक्रमण दर 0.44 फीसदी तक पहुंच गयी थी, जो पिछले डेढ़ महीने में सबसे अधिक थी. दिल्ली में 1 मार्च से पहले 15 जनवरी को भी 0.44 फीसदी संक्रमण दर दर्ज हुई थी. वहीं दिल्ली में एक्टिव कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 1701 हो गयी है, जबकि होम आइसोलेशन में इलाजरत मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 870 तक पहुंच गया है.NCP के प्रवक्ता महेश चव्हाण ने हाल ही में EVM पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति EVM पर संदेह नहीं कर रहा है, तो वो राजनीति छोड़ देंगे. उन्होंने इस मुद्दे पर राजनीतिक विश्लेषक आशुतोष से चर्चा करते हुए EVM के हैक होने की संभावना को लेकर भी बातें कीं. आशुतोष ने इस संबंध में महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किए. EVM की सुरक्षा और पारदर्शिता पर इस चर्चा से राजनीतिक गलियारों में नई हलचल देखने को मिल रही है.
हिंदू सेना के विष्णु गुप्ता ने अजमेर में ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को हिंदू पूजा स्थल होने की याचिका कोर्ट में दायर की थी. याचिका पर बुधवार को अजमेर पश्चिम सिविल जज सीनियर डिविजन मनमोहन चंदेल की कोर्ट ने सुनवाई की. इस दौरान वादी विष्णु गुप्ता के वाद पर न्यायाधीश मनमोहन चंदेल ने संज्ञान लेते हुए दरगाह कमेटी ,अल्पसंख्यक मामलात व एएसआई को समन नोटिस जारी करने के निर्देश दिए.
कुछ तो मजबूरियां रही होंगी , वरना एकनाथ शिंदे यूं ही नहीं छोड़ने वाले थे महाराष्ट्र के सीएम की कुर्सी का मोह. जिस तरह एकनाथ शिंदे ने सीएम पद के लिए अचानक आज सरेंडर किया वह यू्ं ही नहीं है. उसके पीछे उनकी 3 राजनीतिक मजबूरियां तो स्पष्ट दिखाई देती हैं. यह अच्छा है कि समय रहते ही उन्होंने अपना भविष्य देख लिया.
उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) सरकार ने कार्यालय में 45 दिन पूरे कर लिए हैं, मुख्यमंत्री, मंत्री अभी भी अपने अधिकार, विभिन्न विभागों के कामकाज के संचालन के लिए निर्णय लेने की शक्तियों से अनभिज्ञ हैं, शासन की संरचना पर स्पष्टता लाने के लिए, गृह मंत्रालय जल्द ही जम्मू-कश्मीर में निर्वाचित सरकार की शक्तियों को परिभाषित करेगा.